लखनऊ में 13 लोगों से 7.52 करोड़ की ठगी: रिकवर हुए 57.9 लाख; एकाउंट सीज होने तक करते हैं इस्तेमाल, ट्रांजेक्शन चेन पकड़ना मुश्किल – Lucknow News h3>
लखनऊ में साइबर थाना पुलिस ने फरवरी महीने में ठगी का शिकार हुए लोगों के 57 लाख 9 हजार 316 रुपए वापस कराए। ये एमाउंट कुल ठगी गई रकम का 6 प्रतिशत है। रिकवरी को लेकर पुलिस का कहना है कि जालसाज का मनी सर्कुलेशन इतना तेज है कि पैसा ट्रांसफर होते ही कई खातो
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अंतिम में सारा ठगी का पैसा क्रिप्टो करेंसी में डाल देते हैं। जो विदेश में बैठे सरगना तक पहुंचता है। अलग-अलग तारीख में 13 मामले में 7 करोड़ 52 लाख की ठगी की गई। जिसका केस दर्ज होने पर कोर्ट के आदेश के बाद फरवरी महीने में पैसे रिफंड हुए।
सबसे पहले देखें तीन बड़े मामले
गूगल पर सर्च किया था स्टाक मार्केट विनीत खंड गोमती नगर निवासी शलब गुप्ता पुत्र वेद प्रकाश गुप्ता ने गूगल पर स्टाक मार्केट के लिए सर्च किया। इस दौरान वॉट्सऐप पर अज्ञात नंबर से मैसेज आया। जिसने अपना नाम आन्या स्मिथ व मुम्बई की रहने बाली बताया। उसने खुद को मोती लाल ओसवाल जो शेयर मार्केट की एक जानी माने ब्रोकर कंपनी है, वहां का रिप्रेजेंटेटिव बताया।
अज्ञात नंबर से वॉट्सऐप मैसेज आया
अशोक विहान खुर्रम नगर निवासी मोहम्मद वसीम सिद्दीकी पुत्र नसीर सिद्दीकी के पास अज्ञात नंबर से वॉट्सऐप मैसेज आया। उसने बताया कि बजाज ग्रुप ने 21वां इन्वेस्टमेंट प्लान लॉन्च किया है। जिसमें ट्रेडिंग करने पर ज्यादा प्रॉफिट होगा। लिंक भेजकर फॉर्म भरवाया।
अलग-अलग लोगों ने किए कॉल और मैसेज
ओमेक्स वटरस्कैप्स सरसावन निवासी विनोद कुमार के पास FTAM Wealth Strategies Team से अलग-अलग लोग कॉल और मैसेज करते थे। स्टॉक मार्केट में पैसा लगाकर ज्यादा प्रॉफिट का लालच देकर एक लिंक भेजकर फॉर्म भरवाकर franklin Templeton Asset Management APP डाउनलोड कराकर उसमें अकाउंट ओपन कराया। फिर फ्रॉड किया।
पैसा वापस निकालने के लिए रिक्वेस्ट किया तो ब्लॉक कर दिया
सिकंदरपुर सरोजनी नगर निवासी धर्मवीर रावत को फेसबुक से फंसाया। जब पैसा वापस निकालने के लिए रिक्वेस्ट किया तो ब्लॉक कर दिया। इसके बाद और पैसों की डिमांड करने लगे। तब ठगी का पता चला। इस तरह साइबर जालसाजों ने 13 लोगों से साइबर ठगी। जिनके पैसे फरवरी में महीने में रिकवर हो सके।
पैसा रिकवर न होने पाने की चार मुख्य वजह
- साइबर ठगी की रकम कुछ घंटों में 12-13 से अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर देते हैं।
- जब तक पुलिस ट्रांजैक्शन चेन की जानकारी जुटाती है, तब पैसा निकल जाता है।
- कई बार बैंक से उन खातों को होल्ड भी कराया जाता। जिनमें पैसे गए हैं।
- ये वो खाते होते हैं, जिसमें जालसाजों के ट्रांजैक्शन की शिकायत पर सीज किया जाता है।
- खाता सीज होने के बाद पैसा बैंक में होल्ड हो जाता है।
- पैसे होल्ड होने के बाद पीड़ित को खुद ही कोर्ट से पैसे रिलीज कराने का ऑर्डर लेना होता है।
- कोर्ट में जो पहले पहुंचता है, उसे ऑर्डर मिल जाता है।
- कोर्ट का ऑर्डर देखने के बाद बैंक उतना पैसा रिलीज करता है।
- जितना उस खाते में मौजूद है। इसके बाद कोई आता है, तो बैंक नहीं देता है।
- पैसे सर्कुलेशन का अंत क्रिप्टो करेंसी में होता है।
- विदेश में बैठे गैंग के सरगना के पास पैसा चला जाता है।
- इसके बाद बैंक व पुलिस के हाथ से चीज निकल जाती है।
किसी भी लिंक पर डिटेल न भरें साइबर एक्सपर्ट आलोक सिंह बताते हैं कि किसी भी अज्ञात नंबर के मैसेज व कॉल पर भरोसा न करें। कोई अनजान व्यक्ति लिंक भेजे तो उस पर अपनी डिटेल न भरें। अगर ट्रेडिंग करनी है, तो कई ऑफलाइन ब्रोकर बैठते हैं, उनसे संपर्क करें। गूगल पर सर्च करते ही साइबर जालसाज एक्टिव हो जाते हैं। इसके बाद आपके नंबर पर संपर्क करके लुभावने ज्यादा प्रॉफिट देने लालच देते हैं। जिसमें लोग फंस जाते हैं।