लखनऊ में वायरल-इन्फेक्शन का नया वेरियंट एक्टिव: बेचैनी, सिरदर्द फिर अचानक आ रही बेहोशी; एक्सपर्ट बोले- मौसम बदलने का अटैक – Lucknow News

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लखनऊ में वायरल-इन्फेक्शन का नया वेरियंट एक्टिव:  बेचैनी, सिरदर्द फिर अचानक आ रही बेहोशी; एक्सपर्ट बोले- मौसम बदलने का अटैक – Lucknow News
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लखनऊ में वायरल-इन्फेक्शन का नया वेरियंट एक्टिव: बेचैनी, सिरदर्द फिर अचानक आ रही बेहोशी; एक्सपर्ट बोले- मौसम बदलने का अटैक – Lucknow News

मौसम में बदलाव के बाद हर आयु वर्ग के लोग वायरल इन्फेक्शन की चपेट में आ रहे हैं। लक्षण के आधार पर डॉक्टर जांच कर रहे हैं। कुछ मरीजों को बुखार के साथ घुटने में असहनीय दर्द की शिकायत हो रही है। चिकित्सक इसे वायरस का अपडेटेड वर्जन बता रहे हैं।

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इसमें मरीज को खड़ा होने और चलने में दिक्कत आ रही है। अस्पतालों में फीवर, कफ और कोल्ड के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ रही है। हालात इस कदर बिगड़ गए हैं कि 3 दिन में लखनऊ के 3 बड़े सरकारी अस्पतालों में 5 हजार से अधिक मरीज पहुंचे हैं। इनमें वायरल जैसे लक्षण हैं।

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अस्पताल पहुंच रहे ज्यादातर मरीजों को उल्टी, दस्त, सिर दर्द और लूज मोशन जैसी बड़ी समस्या है। हालांकि राहत की बात ये है कि ज्यादातर मरीजों को दवा से राहत मिल रही है। लेकिन डॉक्टरों द्वारा खान-पान और रेगुलर लाइफ में ज्यादा ध्यान देने के साथ अलर्ट रहने की अपील की जा रही है।

लखनऊ के तीन बड़े सरकारी अस्पतालों में दैनिक NEWS4SOCIALटीम पहुंची। यहां डॉक्टरों से बातचीत कर भर्ती मरीजों के हालात को जाना। मरीजों में पाए जा रहे लक्षण और अलर्टनेस को लेकर पढ़ें पूरी रिपोर्ट…।

बलरामपुर अस्पताल में 8 हजार 970 पेशेंट यूपी के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल बलरामपुर के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संजय तेवतिया ने बताया कि वेदर चेंज होने से वायरल इन्फेक्शन के मामले ज्यादा आ रहे हैं। इसमें सभी उम्र के लोग शामिल हैं। बुजुर्गों और बच्चों में ये समस्या ज्यादा है। वायरल इन्फेक्शन का असर 3 से 5 दिन रहता है। ऐसे में मरीजों को दवा के साथ घर में आराम की सलाह दी जाती है।

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सिविल की OPD में 7153 मरीज पहुंचे सिविल अस्पताल की OPD में ऐसे मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। OPD में आने वाले मरीजों को अस्पताल में भर्ती नहीं करना पड़ रहा है। दवा देकर घर भेजा जा रहा है। जिन मरीजों में कई दिनों से लक्षण है उनकी जांच कराई जा रही है। यहां की OPD में 3 दिन में कुल 7153 मरीज पहुंचे हैं। इनमें 15 से 20% तक फीवर, कफ और कोल्ड के है।

बलरामपुर अस्पताल में बच्चा वार्ड में भर्ती मरीजों का चेकअप मुख्य चिकित्सा अधीक्षक संजय तेवतिया भी करने पहुंच रहे हैं।

सभी घरों में एक-दो लोग वायरल की चपेट में डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेश श्रीवास्तव कहते हैं- सभी घरों में एक-दो लोग वायरल की चपेट में आ रहे हैं। तापमान में अचानक उछाल और गिरावट आने के कारण लोगों को उलझन जैसी समस्या हो रही है। दोपहर में हल्की गर्मी और सुबह ठंड के कारण मौसमी बीमारी के मरीज बढ़े हैं।

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लोकबंधु में 300 से ज्यादा बुखार के मरीज लखनऊ के राजनारायण लोकबंधु अस्पताल की OPD में बीते 3 दिन में कुल 5907 मरीजों का रजिस्ट्रेशन हुआ। यहां 500 से ज्यादा मरीज बुखार के अलावा खांसी, जुकाम जैसे लक्षण के पहुंचे हैं। इनमें कुछ मरीजों को लगातार कई दिनों से बुखार आने के कारण भर्ती भी करना पड़ा।

टेंपरेचर उतार-चढ़ाव से बढ़ी समस्या अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजीव दीक्षित कहते हैं- सीजनल फ्लू का अटैक इस मौसम में ज्यादा रहता है। यही कारण है कि लोगों में समस्याएं बढ़ रही है। दिन में गर्मी ज्यादा है और रात में तापमान में गिरावट। ऐसे में टेंपरेचर वेरिएशन कई तरीके की परेशानी पैदा करता है। अस्पतालों में पैनिक जैसे हालात नहीं हैं। स्थिति नियंत्रण में है। दवा से राहत मिल रही है। जरूरत पड़ने पर मरीजों की जांच कराई जा रही है।

कुछ मरीजों में सीवियर इन्फेक्शन के लक्षण, अलर्टनेस जरूरी लखनऊ के मेदांता अस्पताल के फिजिशियन चिकित्सक डॉ.शोभित शाक्य कहते हैं मौसम में बदलाव के साथ हर बार जुकाम बुखार के मरीजों की संख्या में इजाफा होता है। पर इस बार कई लोगों में सीवियर इन्फेक्शन देखा जा रहा है। कुछ मरीजों में गंभीर इन्फेक्शन के साथ हालत तेजी से बिगड़े हैं।

कुछ दिनों तक इन नियमों का पालन करें

  • भीड़ भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें।
  • मास्क का प्रयोग करें।
  • गुनगुना पानी पिएं।
  • इन्फेक्शन को लेकर अलर्ट रहें।
  • लक्षण दिखे तो एक्सपर्ट को दिखाएं।
  • सेल्फ मेडिकेशन से बचें।
  • बाहरी खान-पान पर परहेज करें।

यह खबर भी पढ़ें…. लखनऊ में PGI निदेशक के विरोध में उतरे 90 डॉक्टर:डॉक्टर बोले- नियम-कायदे ताक पर रख दिया एक्सटेंशन, योगी- नड्‌डा के करीबी होने का मिला फायदा

लखनऊ के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) के निदेशक के विरोध में 90 डॉक्टर उतर गए हैं। डॉक्टरों का कहना है कि SGPGI को टॉप चिकित्सा संस्थान बनाने के लिए हम डॉक्टर दिन-रात मेहनत करते हैं। लेकिन एक व्यक्ति के फायदे के लिए रातों रात नियम और एक्ट बदल दिया जाता है। इससे डॉक्टरों का संस्थान से मोहभंग हो जाएगा।

यंग टॉप फैकल्टी सुपर स्पेशियलिटी विभागों में शामिल नहीं होंगे। बता दें कि दो दिन पहले ही निदेशक आरके धीमन को 3 साल का एक्सटेंशन मिला है। बताया जाता है कि धीमन के एक्सटेंशन के पीछे भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्‌डा और सीएम योगी का हाथ है। पूरी खबर पढ़ें…

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