लखनऊ में लंगूर के पोस्टर से भगा रहे बंदर: बंदरों के हमले में गई थी जान, लोग बोले- बहुत नाश कर दिया, बच्चे घरों में कैद हैं – Lucknow News

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लखनऊ में लंगूर के पोस्टर से भगा रहे बंदर:  बंदरों के हमले में गई थी जान, लोग बोले- बहुत नाश कर दिया, बच्चे घरों में कैद हैं – Lucknow News
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लखनऊ में लंगूर के पोस्टर से भगा रहे बंदर: बंदरों के हमले में गई थी जान, लोग बोले- बहुत नाश कर दिया, बच्चे घरों में कैद हैं – Lucknow News

लखनऊ के चांदगंज-हसनगंज कॉलोनी में बंदरों का जबरदस्त आतंक है। तीन दिन पहले यहीं पर एक युवक बंदरों के झुंड के हमले पर छत से कूद गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी। NEWS4SOCIALरिपोर्टर इसी हालात का जायजा लेने कॉलोनी पहुंचे। यहां बंदरों से लोग इस कदर डर

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लोगों का कहना है कि कोई भी व्यक्ति अकेले बाहर नहीं निकलता। दरवाजे-खिड़की हमेशा बंद रखते हैं। काम पड़ा तो दो-तीन लोग ग्रुप बनाकर निकलते हैं। साथ में लाठी डंडे भी लिए रहते हैं।

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मंगलवार दोपहर को भी एक स्कूली बच्चे को बंदर ने काट लिया। वो बैग टांगे चिप्स खाते जा रहा था, तभी बंदर ने झपट्टा मारा। बच्चा घबराकर चिल्लाने लगा। इस दौरान बंदर भाग निकाला। लोगों का कहना है कि नगर निगम से शिकायत करते हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।

पहले तस्वीरों में देखें कॉलोनी में बंदरों का आतंक…

तस्वीर-1. लखनऊ के चांद गंज- हसन गंज में दिन भर बंदर घूमते रहते हैं।

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तस्वीर-2. बंदर इतने खतरनाक हैं कि गेट के बाहर से भी लोगों को काटने के लिए झपट्टा मारते हैं।

तस्वीर-3. छोटे बच्चों और जिन लोगों के हाथ में लाठी-डंडे नहीं होते उनको काटने के लिए डराते हैं।

तस्वीर-4. चांद गंज- हसन गंज कॉलोनी के लोगों ने बंदरों को भगाने के लिए लंगूर का पोस्टर लगा दिया है।

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गर्भवती महिला पर किया हमला सबसे पहले हमारी मुलाकात कॉलोनी में रहने वाली आशा देवी से हुई। वह बताती हैं कि कुछ समय पहले उनके घर में बंदर घुसे। बहू की डिलीवरी की तारीख थी। बंदर उसे काटने के लिए दौड़ा। लेकिन भीतर कई लोग थे तो काट नहीं पाया। वरना उस दिन बड़ी घटना हो जाती। इधर, सुनील कनौजिया के घर पर मातम पसरा था। लोगों की भीड़ इकट्ठा थी। सभी ने नगर निगम पर लापरवाही का आरोप लगाया। कहा- बंदरों को पकड़कर कॉलोनी से हटाया जाए। ताकि अब किसी की मौत न हो।

कॉलोनी की महिला बोली- बंदरों को पकड़कर हटाया जाए, ताकि अब किसी की मौत न हो।

बंदर के डर से छत से कूदे युवक की मौत सोमवार को बंदर के डर से कॉलोनी में रहने वाले युवक सुनील कनौजिया की मौत हो गई। सुनील छत पर सूख रहे कपड़े लेने गए थे। बंदर उनको काटने के लिए दौड़ा। वह खुद को बचाने के चक्कर में दूसरी मंजिल से नीचे कूद गए।

सुनील कपड़ा प्रेस करने का काम करते थे। भाई आशीष बताते हैं कि सुनील की आवाज सुनकर आसपास के लोग पहुंचे। देखा तो वह फर्श पर पड़े थे। सिर में गहरी चोट थी। उन्हें उठाकर ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने मृतक घोषित कर दिया।

सुनील कनौजिया इसी घर के टॉप फ्लोर की छत से कूदे थे।

शिकायत के बाद भी नहीं पकड़े जा रहे बंदर सुनील की मां बेटे को याद करते हुए रोने लगती हैं। उन्हें अब अपने पोते-पोती की चिंता सताती है। आखिर इन बच्चों की देखभाल कौन करेगा। वो बातचीत में प्रशासन को भी दोषी ठहराती हैं। कहती हैं- बंदरों के आतंक की शिकायत जितनी बार की गई होगी उससे ज्यादा तो लोगों को काट चुके हैं। लेकिन हटाने के लिए अब तक कोई टीम नहीं आई।

बंदरों के कारण लोगों का जीना मुश्किल बगल में रहने वाली सुनील की चाची सावित्री बताती हैं- बंदरों के कारण लोगों का जीना मुश्किल है। रोजाना किसी न किसी को काट रहे हैं। प्रशासन को कुछ करना चाहिए। ऐसे कई हादसे हो सकते हैं। अब परिवार का भरण पोषण कौन करेगा।

बंदरों के आतंक की शिकायत करने के बाद भी कोई टीम पकड़ने नहीं पहुंची।

कुकरैल के जंगल में छोड़े जा सकते हैं बंदर शहर की हर गतिविधि की निगरानी नगर निगम के पास होती है। बंदरों को पकड़कर कहीं दूर ऐसी जगह पर छोड़ना चाहिए जहां खाने और रहने के लिए पर्याप्त जगह हो। ऐसे में कुकरैल जंगल या कानपुर रोड स्थित बर्ड सेंचुरी ही फिलहाल सही जगह है।

कई बार पार्षद को बोला- वो कहते हैं निगम के अधिकारी नहीं सुनती कॉलोनी के लोगों का कहना है- कई बार पार्षद को बोला गया। वो कहते हैं- नगर निगम अधिकारियों से बोल दिया है, लेकिन कार्रवाई होते नहीं देखा। इस घटना के बाद अब पार्षद पर भी भरोसा नहीं रहा। जब कॉलोनी में कोई टीम बंदर पकड़ने नहीं पहुंची तो कैसे मान लें कि पार्षद ने शिकायत की है। यह खबर भी पढ़ें… लखनऊ में बंदर के डर से युवक छत से कूदा:सिर में गंभीर चोट आने से मौत; एक माह पहले बंदर ने भतीजों का काटा था

लखनऊ के बाबूगंज में बंदर से बचने के लिए एक युवक ने घर की तीसरे मंजिल से छलांग लगा दी। सिर में गंभीर चोट आने से उसकी मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि बंदरों के झुंड के झुंड घरों में उत्पात मचाते हैं, लेकिन शिकायत के बाद भी जिम्मेदार चुप्पी साधे हैं। पत्नी रीना का कहना है कि बंदरों के आतंक से लोग छत पर जाते नहीं है। एक माह पहले छत पर खेल रहे भतीजे सक्षम और संयम को बंदरों ने काट लिया था। इसी तरह मोहल्ले के कई लोगों को भी काट चुके हैं।​​​​​​​ पूरी खबर पढ़ें…

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