लखनऊ में मुस्लिम संगठनों ने वक्फ बिल पर जताई नाराजगी: नए बिल को बताया अस्तित्व पर खतरा; मुफ़्ती इरफान बोले- 2 अप्रैल काला दिवस – Lucknow News h3>
लखनऊ में मुस्लिम संगठनों ने वक्फ बिल को लेकर नाराजगी जताई। मुफ्ती इरफान मियां फरंगी महली ने बिल को मुस्लिम विरोधी बताया। पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनीस मंसूरी ने कहा- वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करना उचित नहीं।
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इस बिल का लोकसभा में पास होना बेहद अफसोस नाक है। मुफ्ती इरफान मियां फिरंगी महली ने कहा- वक्फ बोर्ड के गठन में दो अन्य धर्म के सदस्यों को शामिल करना अनुचित है। इससे वक्फ प्रबंधन की मूल भावना प्रभावित होगी। वक्फ संपत्ति मुस्लिम समाज की धार्मिक और सामाजिक धरोहर होती हैं।
इसका संचालन समुदाय के धार्मिक मूल्यों के अनुरूप होना चाहिए। नए वक्फ की पंजीकरण प्रक्रिया में बदलाव किया गया है। कलेक्टर वक्फ में इतनी शक्ति प्रदान करना उचित नहीं है। ये संशोधन वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा के बजाय उनके अस्तित्व पर खतरा बन सकता है।
मुफ्ती इरफान ने कहा कि वक्फ बोर्ड में अन्य धर्म के लोगों को शामिल करना उचित नहीं
वक्फ संपत्ति का ऑडिट निष्पक्ष हो
मुफ्ती अबुल इरफ़ान मियां ने वक्फ संपत्तियों के ऑडिट से जुड़े प्रावधान पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि सरकार अपने द्वारा चुने गए ऑडिटरों के पैनल के माध्यम से वक्फ संपत्तियों की जांच करेगी। जिससे निष्पक्षता पर सवाल खड़े होते हैं। वक्फ प्रबंधन की स्वायत्तता को बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है कि ऑडिट की प्रक्रिया स्वतंत्र और निष्पक्ष हो।
पसमांदा मुस्लिम समाज के अध्यक्ष अनीस ने कहा वक्फ के भ्रष्ट मुतवल्ली और सदस्य बिल के जिम्मेदार
भ्रष्ट वक्फ मुतवल्ली वक्फ बिल के जिम्मेदार
पसमांदा मुस्लिम समाज के अध्यक्ष अनीस मंसूरी ने कहा 2 अप्रैल को काला दिन है जब वक्फ बिल पास हुआ। जे.पी.सी कमेटी ने मुसलमानों के सुझाव को नजरअंदाज किया। आम आदमी को विचारों को नजरअंदाज करके जबरदस्ती अपनी बात मनवाना लोकतंत्र की हत्या है। देश के संविधान में मुसलमानों को दिये गये धार्मिक अधिकारों पर हमला किया गया है। आज जो वक्फ बिल आया इसके जिम्मेदार काफी हद तक भ्रष्ट वक्फ मुतवल्ली और सदस्य है। वक्फ संपत्तियों में पसमांदा मुसलमानों को उनका अधिकार नहीं दिया।