लखनऊ जुमा की नमाज और होली पर बड़ा फैसला: 1 घण्टा पहले समाप्त होगी होली बारात, 2 बजे के बाद अदा की जाएगी जुमा की नमाज – Lucknow News h3>
लखनऊ को गंगा जमुनी तहजीब का केंद्र कहा जाता है। जिसकी मुख्य वजह यह है कि यहां हिंदू मुस्लिम सभी समुदाय के लोग साथ मिलकर त्योहारों में खुशियां बांटते है। 14 मार्च को होली का पर्व मनाया जाएगा और इसी दिन रमजान का दूसरा जुमा भी है। प्रशासन के लिए बड़ी चु
.
होली और रमजान को ध्यान में रखकर हिंदू और मुस्लिम धर्म गुरुओं के द्वारा बड़ा फैसला लिया गया है । होली के दिन चौक क्षेत्र में ऐतिहासिक होली बारात निकाली जाती है। होलिकोत्सव समिति के मंत्री विनोद माहेश्वरी ने बताया कि यह बारात विगत 100 सालों से सुबह 10:00 बजे से लेकर दोपहर 2:00 बजे तक निकाली जाती है । इस भव्य बारात में बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं और मुस्लिम समुदाय के लोग भी इस बारात का स्वागत करते हैं।
होलिकोत्सव समिति के मंत्री विनोद माहेश्वरी ने बताया एक से डेढ़ घण्टे पहले होली बारात समाप्त होगी
डेढ़ घण्टा पहले खत्म होगी होली बारात
वही इस बार होली के दिन जुमा पड़ रहा है इसका विशेष ध्यान रखा गया है। यह होली बारात चौक क्षेत्र के कई मुस्लिम बहुल क्षेत्र से भी होकर गुजरती है। दोनों समुदाय की सुविधाओं को ध्यान में रखकर समिति के द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि इस वर्ष यह होली बारात सुबह 9 बजे शुरू होकर 12:30 से 1:00 के बीच समाप्त कर दिया जाएगा। बारात को एक से डेढ़ घंटे पहले संपन्न करने का फैसला दोनों समुदाय के लोगों ने साथ बैठ कर लिया है।
2 बजे अदा की जाएगी जुमा की नमाज
वही होली के पर्व को ध्यान में रखकर सिया और सुन्नी उलमा जुमे की नमाज का समय बढ़ा दिया है।इस्लामिक सेंटर ऑफ़ इंडिया की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है। अध्यक्ष मौलाना खालिद रशीद ने कहा कि जुमा की नमाज का वक्त बढ़ाकर 2 बजे कर दिया गया है। मौलाना ने कहा कि ईदगाह ऐशबाग समेत शहर की विभिन्न मस्जिदों में नमाज 2 बजे या उसके बाद अदा की जाएगी। इसके अलावा शहर में निकलने वाली होली बारात के समय में भी बदलाव किया गया है यह कदम सराहनीय है।
मौलाना खालिद रशीद बोले जारी की गई एडवाइजरी 2 बजे अदा की जाएगी जुमा की नमाज
गंगा जमुनी तहजीब जीवित है
नवाब मसूद अब्दुल्लाह ने कहा कि ये बात एक बार फिर साबित हो गई कि ये शहर एकता की मिसाल है। गंगा-जमुनी तहजीब अभी जीवित है। होली और जुमा की नमाज को लेकर दोनों समुदाय के लोगों ने समय में परिवर्तन करके बड़ा दिल दिखाया है। हिन्दू-मुस्लिम धर्म गुरुओं की जितनी सराहना की जाए कम है। दोनों समुदाय के आम लोगों की जिम्मेदारी बनती है कि अपने त्योहार को अच्छे तरीके से मनाएं और दूसरे का सम्मान करें।
नवाब मसूद अब्दुल्लाह बोले दोनों धर्म के लोगों ने गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल पेश किया