रूस से इसी महीने आ जाएगा जंगी जहाज तमल: ब्रह्मोस मिसाइल से लैस, रडार की पकड़ से बाहर; नेवी की ताकत बढ़ेगी h3>
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नई दिल्ली17 घंटे पहले
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तमल युद्धपोत 2016 में हुए भारत-रूस रक्षा समझौते का हिस्सा है, जिसके तहत चार तलवार-क्लास स्टील्थ फ्रिगेट बनाए जा रहे हैं।
पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान युद्ध की संभावनाओं के बीच भारत की समुद्री ताकत बढ़ने वाली है। रूस में बने एक मॉडर्न स्टील्थ युद्धपोत ‘तमल’ को भारतीय नौसेना को मई के अंत (28 मई) में सौंपा जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जून में इसे आधिकारिक रूप से नौसेना में शामिल किया जाएगा। यह जंगी जहाज ब्रह्मोस मिसाइल से लैस होगा। जो रडार की पकड़ में भी नहीं आएगा।
तमल युद्धपोत 2016 में हुए भारत-रूस रक्षा समझौते का हिस्सा है, जिसके तहत चार तलवार-क्लास स्टील्थ फ्रिगेट बनाए जा रहे हैं। इनमें से दो रूस के यंतर शिपयार्ड में और दो भारत के गोवा शिपयार्ड में बन रहे हैं।
तमल रूस में बनने वाला दूसरा फ्रिगेट है। इससे पहले INS तुशिल को दिसंबर 2024 में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने रूस के तटीय शहर कलिनिनग्राद में कमीशन किया था।
200 से ज्यादा भारतीय नौसैनिक ट्रेनिंग ले चुके
200 से ज्यादा भारतीय नौसैनिकों को इस युद्धपोत के संचालन और तकनीकी प्रणाली के लिए रूस में ट्रेनिंग दी गई है। वे तमल की समुद्री ट्रायल्स में भी हिस्सा ले चुके हैं। यही भारतीय दल मई के अंत में तमल को रूस से भारत लाएगा।
गोवा में बन रहे हैं दो और युद्धपोत
इस समझौते के तहत दो अन्य तलवार-क्लास स्टील्थ फ्रिगेट गोवा शिपयार्ड में बन रहे हैं। उनके लिए जरूरी इंजन पहले ही मंगवा लिए गए हैं। इससे भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
INS तुशिल दिसंबर में भारत पहुंचा था
INS तुशिल दिसंबर में रूस से 12,500 नॉटिकल मील का सफर तय कर भारत पहुंचा था। यह आठ देशों से होकर गुजरा। 9 दिसंबर को इसे कमीशन किया गया था। अब ‘तमल’ उसकी जगह लेगा, जो और ज्यादा उन्नत तकनीकों से लैस है।
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