रीवा मेडिकल कॉलेज में नाबालिग से गैंगरेप: CCTV फुटेज में स्ट्रेचर पर ले जाते दिखे आरोपी; अस्पताल प्रशासन ने 24 घंटे मामला दबाए रखा – Rewa News h3>
रीवा के संभागीय संजय गांधी अस्पताल के ईएनटी विभाग में रविवार-सोमवार की दरमियानी रात नाबालिग के साथ 3 आउटसोर्स कर्मचारियों ने ब्रूटल गैंगरेप किया। पीड़िता की मां अस्पताल में भर्ती थी। कर्मचारियों ने वारदात को ईएनटी विभाग और किचन के बीच बने गलियारे में
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रेप से पहले नाबालिग के साथ आरोपियों ने मारपीट भी की। वारदात के बाद हालत इतनी बिगड़ गई की खून से लथपथ पीड़िता को आरोपी स्ट्रेचर पर लेटाकर अस्पताल के ही एक अन्य विभाग के सामने छोड़कर मौके से फरार हो गए।
घटना को लेकर कांग्रेस ने सरकार और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल से अस्पताल के भीतर घटी इस घटना पर इस्तीफे की मांग की है।
नाबालिग बेटी के साथ अस्पताल के ही 3 आउटसोर्स कर्मचारियों ने दुष्कर्म किया।
पीड़ित को अस्पताल से बाहर किया जैसे ही पूरे मामले की जानकारी अस्पताल प्रबंधन को हुई तो पूरे मामले को दबाने की नीयत से अस्पताल के ईएनटी विभाग में भर्ती पीड़िता की मां और पीड़िता को अस्पताल से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
इसी दौरान स्ट्रेचर में ले जाते हुए पीड़िता का सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद पहले तो अस्पताल प्रबंधन यह दलील देता रहा। सेक्शुअल असॉल्ट के चलते एक नाबालिग किशोरी को अस्पताल के कैजुअल्टी डिपार्टमेंट में लाया गया था। लेकिन मौका देखते ही किशोरी अस्पताल से लामा हो गई,इस तरह की जानकारी दी जाने लगी।
वहीं इस पूरे घटनाक्रम की सुगबुगाहट तेज होने पर रीवा जिले के पुलिस कप्तान विवेक सिंह ने कहा कि अपुष्ट सूत्रों से वारदात की जानकारी मिली है। इस संबंध में अभी पीड़िता की ओर से पुलिस को कोई भी शिकायती आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। पुलिस पूरे मामले में नजर बनाए हुए हैं और पीड़िता तक पहुंचाने की कोशिश कर रही है।
जिला कलेक्टर पहुंचा मामला अस्पताल में सामूहिक दुष्कर्म की वारदात की जानकारी मिलते ही जिला कलेक्टर ने पूरे मामले में संज्ञान लेते हुए पुलिस अधिकारियों को पीड़िता तक पहुंचने के निर्देश दिए हैं। अस्पताल प्रबंधन ने घटना से संबंधित सारे साक्ष्य पुलिस को सौंप दिए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन हर कीमत पर पीड़िता को न्याय दिलाने की पूरी कोशिश करेगा।
विक्टिम को बता दिया पेशेंट कलेक्टर और एसपी के बयान सामने आने के बाद मामले को दबाने में अस्पताल प्रबंधन के अधीक्षक डॉ राहुल मिश्रा में पहले तो विक्टिम को ही एक पेशेंट घोषित कर दिया, लेकिन जब घटना से जुड़े तथ्य सामने दिखाए गए तो अस्पताल अधीक्षक ने आखिरकार यह स्वीकार ही कर लिया कि पीड़िता की मां ईएनटी डिपार्टमेंट में भर्ती थी। उसके साथ कुछ लोगों ने सामूहिक बलात्कार की वारदात को अंजाम दिया है।
हालांकि इस दौरान भी अस्पताल अधीक्षक ने कहीं भी यह स्वीकार नहीं किया की घटना को अंजाम देने वाले आरोपी आउटसोर्स के कर्मचारी थे। मामले को रफा-दफा करने प्रयास करते हुए अस्पताल प्रबंधन ने रविवार की देर रात वार्ड में मौजूद ड्यूटी डॉक्टर सौरभ गोयल को शो कॉज नोटिस जारी किया है।
आउटसोर्स के कर्मचारियों द्वारा लगभग 4 साल पूर्व भी इसी तरह एक सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया था। जिसमें भी अस्पताल प्रबंधन ने आरोपियों को बचाने के लिए पूरे मामले में लीपापोती करने के प्रयास किए थे।
अस्पताल अधीक्षक बोले- पुलिस को सौंपे साक्ष्य अस्पताल के अधीक्षक राहुल मिश्रा ने कहा कि 2 लोगों के द्वारा घटना कारित करने की जानकारी मिली है। पहले मैं भी यही कह रहा था कि घटना नहीं हुई है, आज सुबह मुझे घटना की पुष्टि हुई है। उस नाबालिग लड़की को इलाज के लिए अस्पताल के गायनकी वॉर्ड में भर्ती कराया गया था। जिसका उपचार भी किया गया था। हालत ठीक नहीं थी तो तत्काल उपचार दिया गया। हमने पुलिस को सारे साक्ष्य सौंप दिए हैं। हम भी मामले में कड़ी वैधानिक कार्रवाई की मांग करते हैं।
स्वास्थ्य मंत्री से इस्तीफे की मांग कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता विनोद शर्मा ने स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल से गृह जिले में घटी इस घटना के बाद इस्तीफे की मांग की है। नैतिकता के आधार पर इस्तीफे की मांग की है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री मोहन यादव से मांग की है कि दोषियों पर तत्काल कार्यवाही की जाए। अधिकारियों को निलंबित किया जाए।