रिवाइज : रहुई के उतरनावां मध्य विद्यालय में नई बोरिंग उगल रही गंदा पानी
विद्यालयों में नल से जल कब तक : 2
रहुई के उतरनावां मध्य विद्यालय में नई बोरिंग उगल रही गंदा पानी
अमरपुर व मोरातालाब स्कूलों में पीने के पानी की नहीं हैं सुविधा
पानी नहीं होने सें मोरातालाब स्कूल में डेढ़ माह से एमडीएम बंद
रहुई में 32 बोरिंग लगाने का लक्ष्य, 15 लगा दी गयी बोरिंग
बासक सैदी स्कूल में नहीं लगाया गया है पानी का टंकी व नल
फोटो :
उतरनावां स्कूल : रहुई प्रखंड के उतरनावां मध्य विद्यालय का बोरिंग जिससे निकल रहा गंदा पानी।
बिहारशरीफ, हिन्दुस्तान संवाददाता।
रहुई प्रखंड में 127 सरकारी स्कूल चलाए जा रहे हैं। इनमें 32 स्कूलों में फरवरी 2024 में अभियान चलाकर पेयजल के लिए बोरिंग कराने का काम शुरू करायी गयी थी। लेकिन, चार माह बाद महज 15 स्कूलों में ही बोरिंग का काम पूरा कराया गया है। जबकि, शेष 17 स्कूलों में बोरिंग का काम चलने की बात बतायी जा रही है। रहुई प्रखंड के उतरनावां मध्य विद्यालय में बोरिंग की गुणवत्ता ऐसी की नई बोरिंग गंदा पानी उगल रही है। नई बोरिंग पर एक लाख 83 हजार खर्च किए गये है। लेकिन, बच्चों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है।
इस स्कूल के एचएम निर्मला कुमारी ने बताया कि इनके द्वारा बोरिंग के लिए वेंडर का चयन नहीं किया गया है। वेंडर का चयन कनीय अभियंता द्वारा किया गया है। स्कूल में डेढ़ माह पहले बोरिंग करायी गयी है। लेकिन, अभी तक बोंरिग से गंदा पानी निकल रहा है। वरीय अधिकारी को बोरिंग से गंदा पानी निकलने की सूचना दी गयी है। एक चापाकल भरोसे पेयजल की व्यवस्था है।
पानी नहीं तो एमडीएम बंद :
मोरातालाब मध्य विद्यालय के एचएम अरुण कुमार ने बताया कि स्कूल में एक हजार से अधिक छात्र-छात्राएं नामांकित हैं। लेकिन, पानी नहीं रहने की वजह से डेढ़ माह से एमडीएम का भोजन बंद है। एक चापाकल है। लेकिन, गंदा पानी उगल रहा है। इस स्कूलों में बोरिंग कराने की जरूरत है। इसी तरह, अमरपुर प्राइमरी स्कूल के प्रधान शिक्षिका रिंकू कुमारी ने बताया कि पानी नहीं रहने की वजह से एमडीएम बनाने के लिए गांव से पानी लाने की विवशता है।
लेकिन, भोजन करने के बाद बच्चों को थाली धोने के लिए परेशानी झेलनी पड़ रही है। इस स्कूल में एक चापाकल है। लेकिन, अधिकतर दिन खराब ही रहता है। बासक सैदी प्राइमरी स्कूल के प्रधान शिक्षिका शोभा कुमारी ने बताया कि बोरिंग करके के छोड़ दी गयी है। पानी का टंकी व पाइप नहीं लगाया गया है। बच्चों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। जबकि, भदवा, इंदवास, धमौली, अम्बा के एचएम ने बताया कि नई बोरिंग से बच्चों को पानी मिल रहा है।
अधिकतर स्कूल में नहीं पहुंच रहा नल का जल :
तीन साल पहले अभियान चलाकर सरकारी स्कूलों में सात निश्चय योजना से नल का जल का कनेक्शन किया गया था। लेकिन, अधिकतर स्कूलों में नल का जल नहीं मिलने की बात सामने आयी है। कई जगह पाइप लीकेज तो कई स्कूलों में सुबह में नल जल का मोटर चालू होने की वजह से स्कूल को नल का जल से वंचित रहना पड़ रहा है। हद तो यह कि अमरपुर स्कूल में नल का जल का कनेक्शन भी नहीं किया गया है।
बोले अधिकारी :
जिन स्कूलों में पानी की समस्या है। उन स्कूलों में तत्काल पानी की सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा। ताकि, बच्चों को किसी तरह की परेशानी नहीं झेलना पड़े। गंदा पानी निकलने वाली नई बोरिंग को ठीक कराने का सहायक अभियंता को आदेश दिया गया है।
राजकुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी
यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।
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विद्यालयों में नल से जल कब तक : 2
रहुई के उतरनावां मध्य विद्यालय में नई बोरिंग उगल रही गंदा पानी
अमरपुर व मोरातालाब स्कूलों में पीने के पानी की नहीं हैं सुविधा
पानी नहीं होने सें मोरातालाब स्कूल में डेढ़ माह से एमडीएम बंद
रहुई में 32 बोरिंग लगाने का लक्ष्य, 15 लगा दी गयी बोरिंग
बासक सैदी स्कूल में नहीं लगाया गया है पानी का टंकी व नल
फोटो :
उतरनावां स्कूल : रहुई प्रखंड के उतरनावां मध्य विद्यालय का बोरिंग जिससे निकल रहा गंदा पानी।
बिहारशरीफ, हिन्दुस्तान संवाददाता।
रहुई प्रखंड में 127 सरकारी स्कूल चलाए जा रहे हैं। इनमें 32 स्कूलों में फरवरी 2024 में अभियान चलाकर पेयजल के लिए बोरिंग कराने का काम शुरू करायी गयी थी। लेकिन, चार माह बाद महज 15 स्कूलों में ही बोरिंग का काम पूरा कराया गया है। जबकि, शेष 17 स्कूलों में बोरिंग का काम चलने की बात बतायी जा रही है। रहुई प्रखंड के उतरनावां मध्य विद्यालय में बोरिंग की गुणवत्ता ऐसी की नई बोरिंग गंदा पानी उगल रही है। नई बोरिंग पर एक लाख 83 हजार खर्च किए गये है। लेकिन, बच्चों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है।
इस स्कूल के एचएम निर्मला कुमारी ने बताया कि इनके द्वारा बोरिंग के लिए वेंडर का चयन नहीं किया गया है। वेंडर का चयन कनीय अभियंता द्वारा किया गया है। स्कूल में डेढ़ माह पहले बोरिंग करायी गयी है। लेकिन, अभी तक बोंरिग से गंदा पानी निकल रहा है। वरीय अधिकारी को बोरिंग से गंदा पानी निकलने की सूचना दी गयी है। एक चापाकल भरोसे पेयजल की व्यवस्था है।
पानी नहीं तो एमडीएम बंद :
मोरातालाब मध्य विद्यालय के एचएम अरुण कुमार ने बताया कि स्कूल में एक हजार से अधिक छात्र-छात्राएं नामांकित हैं। लेकिन, पानी नहीं रहने की वजह से डेढ़ माह से एमडीएम का भोजन बंद है। एक चापाकल है। लेकिन, गंदा पानी उगल रहा है। इस स्कूलों में बोरिंग कराने की जरूरत है। इसी तरह, अमरपुर प्राइमरी स्कूल के प्रधान शिक्षिका रिंकू कुमारी ने बताया कि पानी नहीं रहने की वजह से एमडीएम बनाने के लिए गांव से पानी लाने की विवशता है।
लेकिन, भोजन करने के बाद बच्चों को थाली धोने के लिए परेशानी झेलनी पड़ रही है। इस स्कूल में एक चापाकल है। लेकिन, अधिकतर दिन खराब ही रहता है। बासक सैदी प्राइमरी स्कूल के प्रधान शिक्षिका शोभा कुमारी ने बताया कि बोरिंग करके के छोड़ दी गयी है। पानी का टंकी व पाइप नहीं लगाया गया है। बच्चों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। जबकि, भदवा, इंदवास, धमौली, अम्बा के एचएम ने बताया कि नई बोरिंग से बच्चों को पानी मिल रहा है।
अधिकतर स्कूल में नहीं पहुंच रहा नल का जल :
तीन साल पहले अभियान चलाकर सरकारी स्कूलों में सात निश्चय योजना से नल का जल का कनेक्शन किया गया था। लेकिन, अधिकतर स्कूलों में नल का जल नहीं मिलने की बात सामने आयी है। कई जगह पाइप लीकेज तो कई स्कूलों में सुबह में नल जल का मोटर चालू होने की वजह से स्कूल को नल का जल से वंचित रहना पड़ रहा है। हद तो यह कि अमरपुर स्कूल में नल का जल का कनेक्शन भी नहीं किया गया है।
बोले अधिकारी :
जिन स्कूलों में पानी की समस्या है। उन स्कूलों में तत्काल पानी की सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा। ताकि, बच्चों को किसी तरह की परेशानी नहीं झेलना पड़े। गंदा पानी निकलने वाली नई बोरिंग को ठीक कराने का सहायक अभियंता को आदेश दिया गया है।
राजकुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी
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