रियल एस्टेट में 1 टू का 4: कॉलोनाइजर्स के फर्जी डिजिटल मैप, चौंप से अजमेर रोड तक 60 किलोमीटर में 59 जगह दिखाया- रिंग रोड यहां उतरेगी – Jaipur News h3>
उत्तरी रिंग राेड के नाम पर कुछ कॉलोनाइजर्स ने ठगी का नया तरीका निकाला है। एनएचएआई ने अभी तक रिंग रोड का रूट तय नहीं किया है, मगर कॉलाेनाइजर्स फर्जी डिजिटल मैप बनाकर वायरल कर रहे हैं और प्लाॅटों के भाव 5 हजार रुपए से बढ़ाकर 20 हजार रुपए गज तक कर दिए ह
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हैरत की बात ये है कि इस डिजिटल मैप में चौंप से अजमेर रोड तक 60 किमी में 59 जगह रिंग रोड को उतारना दिखाया गया है। इधर, अजमेर राेड पर उत्तरी रिंग राेड जोड़ने का स्थान तय नहीं हाेने से भूमि का अवाप्ति कार्य अब तक शुरू नहीं हाे पाया। काॅलाेनाइजराें ने डिजिटल नक्शाें में एलाइनमेंट इस प्रकार बनाया है कि उनकी 100 से 200 बीघा जमीन के नजदीक से रिंग राेड जा रहा है।
भांकरोटा के पास जोड़ेंगे
जो बननी है… वर्तमान में अजमेर राेड भांकरोटा डीपीएस स्कूल के पास बन रहे दक्षिणी रिंग राेड के क्लाेवर लीफ से उत्तरी रिंग राेड काे जाेड़ने की याेजना थी।
कॉलोनाइजर्स यह बता रहे
यह कर रहे… अब कॉलोनाइजर इसे बदलकर बगरू टाेल के पास दहमीकलां अाैर रामचंद्रपुरा माेड़ के सामने क्लाेवर लीफ बनाकर उत्तरी रिंग राेड को अजमेर रोड से जोड़ना दिखा रहे हैं।
7 माह के बाद भी स्थान तय नहीं
इधर, एनएचएआई ने 25 सितंबर 2024 काे जिला प्रशासन काे उत्तरी रिंग राेड भूमि अवाप्ति के लिए गांवाें की सूची देकर खसरा नक्शा उपलब्ध करवाने का पत्र लिखा था। पत्र में यह नहीं बताया गया था कि रिंग राेड काे अजमेर राेड पर कहां से जाेड़ा जाएगा, इसका स्थान तय नहीं किया। एनएचएआई ने 3 स्थानाें में से एक स्थान पर अजमेर राेड काे जाेड़ने की याेजना है, लेकिन आबादी भूमि के चलते स्थान तय नहीं हाे पा रहा है। 7 माह के बाद भी उत्तरी रिंग राेड काे अजमेर राेड से जाेड़ने का स्थान तय नहीं है।
भूमि अवाप्ति काे लेकर किसानाें में संशय उत्तरी रिंग राेड काे बनाने के लिए अजमेर राेड से जाेड़ने के लिए सांगानेर तहसील के 32 गांवाें की भूमि काे अवाप्त करना है। एनएचएआई की ओर से रिंग राेड की याेजना बना रही निजी कंपनी के अधिकारियों ने क्षेत्र का नक्शा बनाया था, तभी से स्थानीय किसानाें में जमीन अवाप्ति काे लेकर संशय बना हुआ है। लाेग अपनी जमीनाें काे उपयाेग नहीं कर पा रहे हैं।
NEWS4SOCIALअलर्ट – जमीन खरीदने से पहले यह सावधानियां रखें?
- स्थानीय पटवारी से मिलें और भूमि के खसरा नंबर और नक्शे की जानकारी लें। पटवारी बता सकता है कि जमीन अधिग्रहण योजना में शामिल है या नहीं।
- तहसील कार्यालय से जानकारी लें कि उस भूमि पर सरकारी अधिसूचना जारी हुई है या नहीं।
- जिला प्रशासन (कलेक्टर कार्यालय) की अधिसूचना देखें, जिसमें रिंग रोड के लिए प्रस्तावित भूमि का उल्लेख होता है। नक्शे और योजनाएं देखकर यह जानें कि वह भूमि रिंग रोड के लिए प्रस्तावित है या नहीं।
- एनएचएआई की वेबसाइट (https://nhai.gov.in/) पर जाकर देख सकते हैं।
“नॉर्थ रिंग रोड का प्रोजेक्ट अभी फाइनल नहीं हुआ है। एनएचएआई ने कोई वैध डिजिटल नक्शा जारी नहीं किया है। जो डिजिटल नक्शे वायरल हो रहे हैं, वे फर्जी हैं। उनका एनएचएआई से कोई वास्ता नहीं है।” -अजय आर्य, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, NHAI