रामनवमी पर अयोध्या के मंदिरों में श्रीरामकथा की धूम: अंगद टीला,श्रीरामवल्लभाकुंज,सियाराम किला और कनक भवन में बह रही राम भक्ति की धारा – Ayodhya News h3>
अयोध्या में चारों ओर श्रीराम भक्ति की बयार बह रही है।
30 मार्च से आरंभ रामनवमी मेले का मुख्य पर्व 6 अप्रैल को हैं। महापर्व की पावन वेला करीब आने के बाद भगवान के नाम,रूप,लीला और उनके धाम में भक्तों का समूह और संत जन डूबते जा रहे हैं।इस बीच मंदिरों में कथाओं के जरिए भक्त भगवान की राम की लीलाओं में मगन हैं
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श्रीरामवल्लभाकुंज में श्रीरामकथा पर आधारित प्रवचन करते महंत रामशंकर दास वेदांती।
अयोध्या का कण-कण सिद्धि की खान है-महंत रामशंकर दास
श्रीरामवल्लभाकुंज में महंत राम शंकर दास ने कहा कि भगवान श्रीराम ने सभी के कल्याण के लिए काम किया।उन्होंने सभी को सम्मान दिया।विश्व को सुखी करने के लिए भगवान श्रीराम को अपनाया जाना बेहद आवश्यक हैं।संसार को हिंसा से मुक्त सुखी संसार और परिवार के साथ समाज के लिए हमें श्रीराम के चरित को अपनाना पड़ेगा।इसके अलावा और कोई सरल मार्ग हम सब के कल्याण का नहीं दिखता।
उन्होंने कहा कि हम संसार में आनंद का अनुभव कर सकते हैं। पर स्थाई रूप से परम आनंद के लिए हमें भगवान से जुड़ना होगा। जो जीव इस मार्ग से आगे बढ़ेगा उसे ही ईश्वर की अनुभूति होगी अर्थात ब्रह्म के आनंद की प्राप्ति होगी।अयोध्या का कण-कण सिद्धि की खान है।सरयू का तट सभी प्रकार की विपदाओं का हरण कर सभी प्रकार से कल्याण करने वाला है।
सियाराम किला में कथा कहते स्वामी प्रभंजनानंद शरण
श्रीहनुमान का प्रताप चारो युगों में हैं
सियाराम किला झुनकी घाट की रामकथा में देश के प्रसिद्ध कथावाचक स्वामी प्रभंजनानंद शरण ने कहा कि श्री हनुमान अयोध्या के राजा है।यह वही हो सकता है जो हनुमान जी की इच्छा हो।श्रीहनुमान का प्रताप चारो युगों में हैं।इनकी सेवा करने वाले भक्त को कहीं भी भटकने की आवश्यकता नहीं है।
रामकथा कहते कथा व्यास अतुलकृष्ण भारद्वाज
अंगद टीला की रामकथा बनी भक्तों के आकर्षण का केंद्र
रामजन्मोत्सव पर श्रीराम जन्मभूमि परिसर के अंगद टीला पर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा आयोजित रामकथा में कथा व्यास अतुलकृष्ण भारद्वाज ने कहा कि दुनिया भर के कौए गंदगी में वास करते हैं परन्तु काग भुशुण्डी जी ने भगवान के जन्म के उपरान्त संकल्प किया कि जब तक भगवान पाँच वर्ष के नहीं हो जाएंगे तब तक सब कुछ त्याग, मै अवध में ही वास करूंगा ।
उन्होंने कहा कि वे संकल्प लेते हैं कि राजा दशरथ के महल की मुंडेरी पर बैठ भगवान की बाल लीलाओं के दर्शन कर जीवन धन्य करूंगा। इसको वर्णित करते हुए सूरदास जी का प्रचलित भजन “जन-जन की जिह्वा पर आज भी अंकित है।
हरिओम तिवारी कनक भवन में श्रीरामकथा कहते हुए।
सत्संग जीवन से खराब विचारों व पापों को दूर करता है-हरिओम तिवारी
प्रसिद्ध कथावाचक राघव चरण अनुरागी हरिओम तिवारी ने कनक भवन मंदिर परिसर में जीवन में गुरु की महत्ता पर बोलते हुये कहा कि, इस नश्वर दुनिया से पार लगाने का परम माध्यम अगर कोई है तो वो हमारे गुरु है। गुरु ही ईश्वर से जुड़ने का सीधा व सरल माध्यम हैं।
हरिओम ने कहा कि सत्संग जीवन को निर्मल और पवित्र बनाता है। यह मन के बुरे विचारों व पापों को दूर करता है। ‘सत्संगति मूर्खता को हर लेती है, वाणी में सत्यता का संचार करती है। दिशाओं में मान-सम्मान को बढ़ाती है, चित्त में प्रसन्नता को उत्पन्न करती है और दिशाओं में यश को विकीर्ण करती है। इस अवसर पर शिव ओम तिवारी, संदीप तिवारी सहित सैकड़ों श्रद्धालुगण उपस्थित रहे।