राजस्थान विधानसभा के नए नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, 6 बार विधायक रहे , एनकाउंटर मामले में भी जा चुके हैं जेल…पढें पूरी जानकारी

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राजस्थान विधानसभा के नए नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, 6 बार विधायक रहे , एनकाउंटर मामले में भी जा चुके हैं जेल…पढें पूरी जानकारी

राजस्थान विधानसभा के नए नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, 6 बार विधायक रहे , एनकाउंटर मामले में भी जा चुके हैं जेल…पढें पूरी जानकारी


जयपुर : भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और 6 बार विधायक रह चुके राजेन्द्र राठौड़ को राजस्थान विधानसभा का नया नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है। रविवार 2 अप्रेल को बीजेपी प्रदेश मुख्यालय में हुई विधायक दल की बैठक में राठौड़ को सर्वसम्मति से नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया गया। इस दौरान बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। राठौड़ प्रखर वक्ता हैं। सड़क से लेकर सदन तक वे सत्ता पक्ष के सामने हमेशा डटकर खड़े रहते हैं। राठौड़ एक वकील भी हैं और वे हमेशा तथ्यों के साथ बात करते हुए सरकार को कटघरे में खड़ा करते रहे हैं। अब गुलाबचंद कटारिया को राज्यपाल बनाए जाने के बाद नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी राजेन्द्र राठौड़ को दी गई है।
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एनकाउंटर केस में 51 दिन की जेल काट चुके राठौड़

वर्ष 2006 में जयपुर के राजेन्द्र नगर में शराब तस्कर दारा सिंह उर्फ दारिया की पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई थी। दारिया की पत्नी ने इसे फर्जी एनकाउंटर बताते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले की जांच स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने की थी। इस मामले में राजेन्द्र राठौड़ को भी आरोपी बनया गया था। कई सालों की जांच के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए। सीबीआई ने राजेन्द्र राठौड़ और राजस्थान पुलिस के एडीजी एके जैन सहित 17 लोगों को आरोपी बनाया था। इस मामले में अप्रेल 2012 को राजेन्द्र राठौड़ को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था। उन्हें 51 दिन तक जेल में रहना पड़ा। बाद में जमानत पर जेल से बाहर आए। बाद की जांच में राजेन्द्र राठौड़ सहित सभी आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया था।
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पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा के साथ रहे जेल में

राजेन्द्र राठौड़ जब जयपुर सेंट्रल जेल में बंद थे। उन दिनों कांग्रेस के पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा भी भंवरी देवी अपहरण और हत्याकांड मामले में जेल में बंद थे। राजेन्द्र राठौड़ महिपाल मदेरणा की बैरक में उनके साथ ही सोते थे। उन दिनों जेल में इतनी सख्ती कर दी गई थी कि राठौड़ को घर का खाना तक नहीं खाने दिया गया था। जब उनके पिता उत्तम चंद और भाई रघुवीर सिंह मिलने लगे तो जेल प्रशासन ने उन्हें मिलने नहीं दिया गया। घर का खाना देने से भी इनकार कर दिया था। इसके बाद राजेन्द्र राठौड़ ने जेल में भूख हड़ताल शुरू कर दी थी।
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इस्तीफा देने वाले कांग्रेस विधायकों के नाम राठौड़ ने करवाए उजागर

25 सितंबर 2022 को कांग्रेस में जो बवंडर हुआ था, उसका पटापेक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने किया था। गहलोत समर्थित विधायकों द्वारा सामूहिक इस्तीफा दिए जाने के कई दिनों बाद तक किसी को यह पता नहीं चला कि कुल कितने विधायकों ने इस्तीफे दिए और इस्तीफा देने वालों के नाम क्या हैं। तीन महीने बाद राजेन्द्र राठौड़ ने इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका लगाई। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद विधानसभा सचिवालय को जवाब देना पड़ा कि कितने विधायकों ने इस्तीफा दिया और इस्तीफा देने वालों के नाम क्या क्या हैं। राठौड़ की वजह से ही यह खुलासा हो पाया कि कांग्रेस विधायकों ने ये इस्तीफे स्वेच्छा से नहीं दिये थे। हालांकि यह प्रकरण अभी राजस्थान हाईकोर्ट में लम्बित चल रहा है।

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लगातार छटी बार विधायक हैं राजेन्द्र राठौड़

राजेन्द्र राठौड़ चुरू जिले के हरपालसर के रहने वाले हैं। वे छात्र जीवन से ही राजनीति में हैं। वर्ष 1980 में उन्हें पहली बार तारानगर सीट से जनता पार्टी के बेनरतले चुनाव लड़ा था लेकिन वे बूरी तरह हार गए और तीसरे नम्बर पर रहे। वर्ष 1985 के विधानसभा चुनावों में जनता पार्टी ने राठौड़ को फिर से टिकट दिया। इस बार राजेन्द्र राठौड़ भी राठौड़ चुनाव नहीं जीत पाए और वे दूसरे स्थान पर रहे। 1990 में वे जनता दल के टिकट पर पहली बार विधायक बने। बाद में 1993 से लेकर 2018 तक हुए चुनावों में राठौड़ ने कभी हार का सामना नहीं किया। वे हर बार विधायक बनते रहे हैं। हालांकि वर्ष 2008 में उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा था। रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़

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