राजस्थान में जापानी टूरिस्ट से पुलिस ने ही कर डाला फ्रॉड! जयपुर से आया हैरान करने वाला मामला | Rajasthan Jaipur Police case of Japanese Tourist Fraud Tarnishes the Country Image | News 4 Social h3>
गुलाबी नगरी घूमने आए जापानी पर्यटक सासो ताकेसी से 26.50 लाख रुपए सोना ठगी कर और साढ़े पांच लाख रुपए हड़पने वाले आरोपियों को बचाने के मामले में वर्तमान में ज्योति नगर थाने का हेड कांस्टेबल सत्येन्द्र सिंह व विधायकपुरी थाने के कांस्टेबल राजकुमार सिंह को गिरफ्तार किया है। पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने कहा है कि पर्यटकों से ठगी करने वाले बड़ी संख्या में सक्रिय हैं और उनके साथ पुलिसकर्मी भी शामिल हो जाएं तो विश्व स्तर पर गुलाबी नगरी की छवि धूमिल हो जाएगी। दोनों पुलिसकर्मियों ने जापानी पयर्टक से ठगी करने वाले रैकेट का पता चलने के बाद गिरोह को गिरफ्तारी से बचाने की एवज में 7 लाख रुपए वसूल लिए थे।
जोसफ ने बताया कि जापानी पर्यटक सासो ताकेसी ने वर्ष 2023 में जापानी दूतावास के जरिए विधायकपुरी थाने में ठगी की शिकायत भेजी। विधायकपुरी थाने के तत्कालीन हेड कांस्टेबल सत्येन्द्र सिंह को जांच सौंपी गई। आरोपी सत्येन्द्र सिंह ने कुछ माह बाद आरोपियों का पता नहीं चलने की कहकर शिकायत को बंद कर दिया और रिपोर्ट जापानी दूतावास भेज दी।
दूतावास ने मार्च में संपर्क किया, तब पर्यटक थाना पुलिस को दी जांच
पुलिस कमिश्नर जोसफ ने बताया कि मार्च के आखिरी सप्ताह में जापानी दूतावास से मैसेज आया और उन्होंने मिलने की बात कही। तब दूतावास अधिकारियों से मुलाकात हुई तो उन्होंने जापानी पर्यटक से ठगी होने के संबंध में बताया। जांच बंद कर देने की बात भी कही। इस पर आरोपी हेड कांस्टेबल से जवाब मांगा तो उसने गैंग का पता नहीं चलने की बात दोहराई। तब एडिशनल डीसीपी नॉर्थ रानू शर्मा व पर्यटक थानाधिकारी धर्म सिंह को जांच के निर्देश दिए गए। दोनों अधिकारियों ने पांच दिन में रैकेट का पता किया और मूलत: सीकर के रामगढ़ सेठान हाल झोटवाड़ा स्थित संजय नगर डी निवासी सरगना असगर खान, हसनपुरा निवासी शरीफ बेग और कय्यूम को गिरफ्तार किया। मामले में एक आरोपी की मृत्यु हो गई। जबकि एक नेपाल भाग गया था।
जापान जाने के बाद भी वसूली के लिए किया था संपर्क, तब की शिकायत
आरोपी असगर दिसंबर 2022 में जयपुर आए जापानी पर्यटक सासो ताकेसी को झांसा देकर सीकर के रामगढ़ सेठान स्थित खुद के गांव ले गया। रात को फर्जी पुलिसकर्मी बनकर दो लोग वहां पहुंचे और जापानी पर्यटक को मादक पदार्थ तस्करी के मामले में फंसाने की धमकी दी। आरोपियों ने उसी समय जापानी पर्यटक से 1.50 लाख रुपए वसूल लिए और फिर जयपुर लाकर उसके क्रेडिट कार्ड से 26.50 लाख का सोना खरीद लिया। पर्यटक जापान चला गया तो उसके बाद भी उससे संपर्क कर 2.90 लाख रुपए ऑनलाइन मंगवा लिए। तब पर्यटक ने दूतावास में इस संबंध में शिकायत की थी लेकिन विधायकपुरी थाने में तैनात दोनों पुलिसकर्मियों ने आरोपियों से पैसे वसूलकर मामला रफा दफा कर दिया। बाद में दोनों पुलिसकर्मियों को तबादला दूसरी जगह हो गया।
ऐसे खुला मामला
पर्यटक थाना पुलिस ने कमिश्नर जोसफ से जांच मिलने के बाद आरोपियों को पकड़ा। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि पहले तो दोनों पुलिसकर्मियों ने उन्हें थाने बुलाकर पर्यटक को 2.90 लाख रुपए लौटाने की बात कही। फिर गिरफ्तारी से बचने के लिए 4 लाख रुपए रिश्वत मांगी। आरोपियों ने 15 दिन का समय मांगा। इस अवधि में दोनों पुलिसकर्मियों ने चार किस्तों में 7 लाख रुपए लेकर मामला दबा दिया। कमिश्नर जोसफ ने मामले की जांच वापस करवाई तो इसकी भनक आरोपी पुलिसकर्मी सत्येन्द्र को लग गई।
पैसे लौटाते उससे पहले गिरफ्तार
आरोपी हेड कांस्टेबल सत्येन्द्र ने कमिश्नर को मामले की जानकारी लगने के बाद आरोपी असगर को ज्योति नगर थाने के पास चाय की थड़ी पर बुलाया और कहा कि मामला आला अधिकारियों तक पहुंच गया है। वह सात लाख रुपए वापस लौटा देगा लेकिन उसका नाम नहीं आना चाहिए। उसके बाद असगर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उसे सात लाख रुपए वापस नहीं मिले तो उसने सारा मामला टीम के सामने खोल दिया।
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गुलाबी नगरी घूमने आए जापानी पर्यटक सासो ताकेसी से 26.50 लाख रुपए सोना ठगी कर और साढ़े पांच लाख रुपए हड़पने वाले आरोपियों को बचाने के मामले में वर्तमान में ज्योति नगर थाने का हेड कांस्टेबल सत्येन्द्र सिंह व विधायकपुरी थाने के कांस्टेबल राजकुमार सिंह को गिरफ्तार किया है। पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने कहा है कि पर्यटकों से ठगी करने वाले बड़ी संख्या में सक्रिय हैं और उनके साथ पुलिसकर्मी भी शामिल हो जाएं तो विश्व स्तर पर गुलाबी नगरी की छवि धूमिल हो जाएगी। दोनों पुलिसकर्मियों ने जापानी पयर्टक से ठगी करने वाले रैकेट का पता चलने के बाद गिरोह को गिरफ्तारी से बचाने की एवज में 7 लाख रुपए वसूल लिए थे।
जोसफ ने बताया कि जापानी पर्यटक सासो ताकेसी ने वर्ष 2023 में जापानी दूतावास के जरिए विधायकपुरी थाने में ठगी की शिकायत भेजी। विधायकपुरी थाने के तत्कालीन हेड कांस्टेबल सत्येन्द्र सिंह को जांच सौंपी गई। आरोपी सत्येन्द्र सिंह ने कुछ माह बाद आरोपियों का पता नहीं चलने की कहकर शिकायत को बंद कर दिया और रिपोर्ट जापानी दूतावास भेज दी।
दूतावास ने मार्च में संपर्क किया, तब पर्यटक थाना पुलिस को दी जांच
पुलिस कमिश्नर जोसफ ने बताया कि मार्च के आखिरी सप्ताह में जापानी दूतावास से मैसेज आया और उन्होंने मिलने की बात कही। तब दूतावास अधिकारियों से मुलाकात हुई तो उन्होंने जापानी पर्यटक से ठगी होने के संबंध में बताया। जांच बंद कर देने की बात भी कही। इस पर आरोपी हेड कांस्टेबल से जवाब मांगा तो उसने गैंग का पता नहीं चलने की बात दोहराई। तब एडिशनल डीसीपी नॉर्थ रानू शर्मा व पर्यटक थानाधिकारी धर्म सिंह को जांच के निर्देश दिए गए। दोनों अधिकारियों ने पांच दिन में रैकेट का पता किया और मूलत: सीकर के रामगढ़ सेठान हाल झोटवाड़ा स्थित संजय नगर डी निवासी सरगना असगर खान, हसनपुरा निवासी शरीफ बेग और कय्यूम को गिरफ्तार किया। मामले में एक आरोपी की मृत्यु हो गई। जबकि एक नेपाल भाग गया था।
जापान जाने के बाद भी वसूली के लिए किया था संपर्क, तब की शिकायत
आरोपी असगर दिसंबर 2022 में जयपुर आए जापानी पर्यटक सासो ताकेसी को झांसा देकर सीकर के रामगढ़ सेठान स्थित खुद के गांव ले गया। रात को फर्जी पुलिसकर्मी बनकर दो लोग वहां पहुंचे और जापानी पर्यटक को मादक पदार्थ तस्करी के मामले में फंसाने की धमकी दी। आरोपियों ने उसी समय जापानी पर्यटक से 1.50 लाख रुपए वसूल लिए और फिर जयपुर लाकर उसके क्रेडिट कार्ड से 26.50 लाख का सोना खरीद लिया। पर्यटक जापान चला गया तो उसके बाद भी उससे संपर्क कर 2.90 लाख रुपए ऑनलाइन मंगवा लिए। तब पर्यटक ने दूतावास में इस संबंध में शिकायत की थी लेकिन विधायकपुरी थाने में तैनात दोनों पुलिसकर्मियों ने आरोपियों से पैसे वसूलकर मामला रफा दफा कर दिया। बाद में दोनों पुलिसकर्मियों को तबादला दूसरी जगह हो गया।
ऐसे खुला मामला
पर्यटक थाना पुलिस ने कमिश्नर जोसफ से जांच मिलने के बाद आरोपियों को पकड़ा। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि पहले तो दोनों पुलिसकर्मियों ने उन्हें थाने बुलाकर पर्यटक को 2.90 लाख रुपए लौटाने की बात कही। फिर गिरफ्तारी से बचने के लिए 4 लाख रुपए रिश्वत मांगी। आरोपियों ने 15 दिन का समय मांगा। इस अवधि में दोनों पुलिसकर्मियों ने चार किस्तों में 7 लाख रुपए लेकर मामला दबा दिया। कमिश्नर जोसफ ने मामले की जांच वापस करवाई तो इसकी भनक आरोपी पुलिसकर्मी सत्येन्द्र को लग गई।
पैसे लौटाते उससे पहले गिरफ्तार
आरोपी हेड कांस्टेबल सत्येन्द्र ने कमिश्नर को मामले की जानकारी लगने के बाद आरोपी असगर को ज्योति नगर थाने के पास चाय की थड़ी पर बुलाया और कहा कि मामला आला अधिकारियों तक पहुंच गया है। वह सात लाख रुपए वापस लौटा देगा लेकिन उसका नाम नहीं आना चाहिए। उसके बाद असगर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उसे सात लाख रुपए वापस नहीं मिले तो उसने सारा मामला टीम के सामने खोल दिया।