राजस्थान में क्राइम कंट्रोल काे नया कानून, सहयोगी को भी उम्रकैद की सजा h3>
Rajasthan News: राजस्थान में संगठित अपराधों पर लगाम लगाने की कोशिश में अशोक गहलोत सरकार नए कठोर कानून बना रही है। विधानसभा में मंगलवार को पेश नए विधेयक में, अपराधियों को मृत्युदंड और न्यूनतम एक लाख रुपए तक का जुर्माने का प्रावधान है। साथ ही इस कानून में और भी कई सख्त प्रावधान शामिल हैं। इनसे संगठित अपराध करने वालों को सजा हो सकती है।
Advertising
Jaipur News In Hindi | जयपुर: प्रदेश में लगातार बढ रहे संगठित अपराधों पर लगाम लगाने के लिए राजस्थान सरकार नया कानून बनाने जा रही है। मंगलवार 18 जुलाई को राजस्थान विधानसभा में राजस्थान संगठित अपराध का नियंत्रण विधेयक 2023 पारित किया गया। यह कानून बनने के बाद प्रदेश में संगठित रूप से अपराध करने के दोषियों को मृत्युदंड की सजा हो सकेगी। साथ ही इस कानून में कई सख्त प्रावधान किए गए हैं। अपराधियों का सहयोग करने वालों को भी उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान किया गया है। माफियाओं और मल्टीलेवल मार्केटिंग की तरह चिटफंड कंपनियां चलाने वाले आरोपी इस कानून के दायरे में आएंगे। ऐसा सख्त कानून बनाने वाला राजस्थान देश का चौथा राज्य होगा। इससे पहले महाराष्ट्र, कर्नाटक और गुजरात में संगठित अपराध करने वालों के खिलाफ इसी तरह का सख्त कानून है।
Advertising
सजा और जुर्माना भी, और नए प्रावधान जोड़े गए
इस नए बिल में कई सख्त प्रावधान जोड़े गए हैं ताकि अपराधों पर अंकुश लगाया जा सके। अपराध के कारण किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो मृत्यु या आजीवन कारावास तक का दंड और न्यूनतम एक लाख रुपए तक का जुर्माना लगेगा। सामान्य मामले में कम से कम पांच वर्ष की सजा और आजवान कारावास के साथ न्यूनतम पांच लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान भी जोड़ा गया है। संगठित अपराधों को करने का षड़यंत्र रचने वालों को भी पांच वर्ष से लेकर आजीवन कारावास और न्यूनतम पांच लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान जोड़ा गया है।
कठोर कानून से अपराधों पर लगाम लगेगी – शांति धारीवाल
संसदीय कार्य मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने कहा कि इस विधेयक में अपराधियों की ओर से अर्जीत संपति को जब्त करने के साथ विशेष न्यायालयों की स्थापना और विशष लोक अभियोजकों की नियुक्ति करने के प्रावधान भी जोड़े गए हैं। इससे मुकदमों का शीघ्र निस्तारण हो सकेगा। इसमें अपराधियों की अग्रिम जमानत होने का भी प्रावधान किया गया है। शांति धारीवाल ने कहा कि संगठित गिरोह कई तरह के अपराधों में लिप्त रहते हैं। ऐसे लोग सुधारात्मक कानून प्रक्रिया और पुनर्वास संबंधी मामलों का लाभ उठाते हुए जेल से बाहर आ जाते हैं। ऐसे अपराधियों से सख्त तरीके से निबटने के लिए इस कठोर कानून की आवश्यकता महसूस हुई। यह कानून बनने से अपराधियों पर लगाम लगने की उम्मीद है। (रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़)
आसपास के शहरों की खबरें
Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म… पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप
लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें
Advertising
राजस्थान की और समाचार देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Rajasthan News
Advertising
Rajasthan News: राजस्थान में संगठित अपराधों पर लगाम लगाने की कोशिश में अशोक गहलोत सरकार नए कठोर कानून बना रही है। विधानसभा में मंगलवार को पेश नए विधेयक में, अपराधियों को मृत्युदंड और न्यूनतम एक लाख रुपए तक का जुर्माने का प्रावधान है। साथ ही इस कानून में और भी कई सख्त प्रावधान शामिल हैं। इनसे संगठित अपराध करने वालों को सजा हो सकती है।
सजा और जुर्माना भी, और नए प्रावधान जोड़े गए
इस नए बिल में कई सख्त प्रावधान जोड़े गए हैं ताकि अपराधों पर अंकुश लगाया जा सके। अपराध के कारण किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो मृत्यु या आजीवन कारावास तक का दंड और न्यूनतम एक लाख रुपए तक का जुर्माना लगेगा। सामान्य मामले में कम से कम पांच वर्ष की सजा और आजवान कारावास के साथ न्यूनतम पांच लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान भी जोड़ा गया है। संगठित अपराधों को करने का षड़यंत्र रचने वालों को भी पांच वर्ष से लेकर आजीवन कारावास और न्यूनतम पांच लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान जोड़ा गया है।
कठोर कानून से अपराधों पर लगाम लगेगी – शांति धारीवाल
संसदीय कार्य मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने कहा कि इस विधेयक में अपराधियों की ओर से अर्जीत संपति को जब्त करने के साथ विशेष न्यायालयों की स्थापना और विशष लोक अभियोजकों की नियुक्ति करने के प्रावधान भी जोड़े गए हैं। इससे मुकदमों का शीघ्र निस्तारण हो सकेगा। इसमें अपराधियों की अग्रिम जमानत होने का भी प्रावधान किया गया है। शांति धारीवाल ने कहा कि संगठित गिरोह कई तरह के अपराधों में लिप्त रहते हैं। ऐसे लोग सुधारात्मक कानून प्रक्रिया और पुनर्वास संबंधी मामलों का लाभ उठाते हुए जेल से बाहर आ जाते हैं। ऐसे अपराधियों से सख्त तरीके से निबटने के लिए इस कठोर कानून की आवश्यकता महसूस हुई। यह कानून बनने से अपराधियों पर लगाम लगने की उम्मीद है। (रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़)
आसपास के शहरों की खबरें
Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म… पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप