राजस्थान : पेट्रोलियम क्षेत्र बन रहा ‘कुबेर का खज़ाना’, दिल खोलकर निवेश कर रही कंपनियां, अब आई ये बड़ी खबर | Investors invest in Rajasthan Petroleum industry latest news | Patrika News

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राजस्थान : पेट्रोलियम क्षेत्र बन रहा ‘कुबेर का खज़ाना’, दिल खोलकर निवेश कर रही कंपनियां, अब आई ये बड़ी खबर | Investors invest in Rajasthan Petroleum industry latest news | Patrika News

राजस्थान : पेट्रोलियम क्षेत्र बन रहा ‘कुबेर का खज़ाना’, दिल खोलकर निवेश कर रही कंपनियां, अब आई ये बड़ी खबर | Investors invest in Rajasthan Petroleum industry latest news | News 4 Social


एसीएस माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि इंवेस्ट राजस्थान के तहत पेट्रोलियम क्षेत्र में केयर्न वेदांता द्वारा 20 हजार करोड़ रुपए, ऑयल इण्डिया द्वारा 663 करोड़ रुपए, ओएनजीसी द्वारा 1 हज़ार 50 करोड़ रुपए और फोकस एनर्जी द्वारा 1 हज़ार 125 करोड़ रु. के नए निवेश के प्रस्तावों पर करार किया गया था। चारों ही निवेशक कंपनियों के निवेश को धरातल पर लाना शुरु कर दिया है और 6 हजार 200 करोड़ रुपए के निवेश कार्य किए जा चुके हैं और चरणबद्ध तरीके से निवेश कार्य प्रगति पर है।

निवेश के साथ काम शुरू एसीएस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में अधिक से अधिक निवेश पर जोर दिया है जिसके क्रम में विभाग द्वारा इंवेस्ट राजस्थान के दौरान नए निवेश लाने के साथ ही उन्हें धरातल पर भी लाने के लिए निरंतर समन्वय व मॉनिटरिंग की गई है। इसी का परिणाम रहा कि चारों निवेशकों ने काम को तत्काल शुरू कर दिया है।

निवेश में केयर्न वेदांता नंबर 1

राजस्थान में पेट्रोलियम क्षेत्र में सबसे अधिक निवेश केयर्न वेदांता द्वारा किया जा रहा है। 20 हजार करोड़ के निवेश करार के विरुद्ध अब तक बाड़मेर और जालौर जिले में पीएमएल और पीईएल ब्लॉक में एक्सप्लोरेशन और अन्य विकास कार्य किए जा रहे हैं। इसमें से 5 हज़ार 671 करोड़ रुपए के कार्य किए जा चुके हैं। इसी तरह से फोकस एनर्जी द्वारा 1 हज़ार 125 करोड़ रु. के निवेश कार्यों के विरुद्ध 113 करोड़ रु. के निवेश कार्य जैसलमेर ब्लॉक में किए जा रहे हैं।

इसी तरह से ओएनजीसी द्वारा प्रदेश में 1 हज़ार 50 करोड़ रु. के निवेश कार्य किए जा रहे हैं जिसमें से 212 करोड़ रु. से अधिक के निवेश कार्य बीकानेर व जैसलमेर की पीएमएल व पीईएज में एक्सप्लोरेशन और उत्पादन कार्य किया गया है। इसी तरह से ऑयल इण्डिया द्वारा 663 करोड़ के निवेश लक्ष्य के विरुद्ध जैसलमेर मेें 144 करोड़ से अधिक के कार्य किए जा चुके हैं।

हज़ारों लोगों को मिल रहा रोज़गार एसीएस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि इससे प्रदेश में पेट्रोलियम क्षेत्र में एक्सप्लोरेशन और खनन कार्य को गति मिली है वहीं नए निवेश से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रुप से हजारों लोगों के लिए रोजगार की राह खुलने लगी हैं।

20 प्रतिशत से ज़्यादा तेल उत्पादन
एसीएस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राजस्थान आज देश में सर्वाधिक खनिज कच्चा तेेल उत्पादक प्रदेश बन गया है और देश का 20 प्रतिशत से अधिक कच्चा तेल राजस्थान में उत्पादित हो रहा है।

नया साल, नई उम्मीद

राजस्थान में नया साल 2023 पेट्रोलियम क्षेत्र में नई आशा लेकर आ रहा है। बाड़मेर-जैसलमेर के 486.39 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में तेल और प्राकृतिक गैस का एक्सप्लोरेशन भारत सरकार के उपक्रम गैल इंडिया द्वारा किया जाएगा। इसके लिए गैल इंडिया को 3 प्लस नौ माह के लिए ब्लॉक आवंटित किया गया है। केन्द्र सरकार के पेट्रोलियम एवं गैस मंत्रालय की अनुशंसा पर यह पेट्रोलियम एक्सप्लोरेशन लाइसेंस जारी किया है। गैल इंडिया को ऑपन एक्रेज लाइसेंसिंग पालिसी के तहत सप्तम चक्र में यह ब्लॉक आवंटित किया गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समय समय पर खनिज खोज व खनन कार्य को गति देने पर जोर देते रहे है।

अतिरिक्त मुख्य सचिव माइन्स एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि गैल इंडिया द्वारा इस क्षेत्र में खनिज तेल और प्राकृतिक गैस की खोज की जाएगी। देश में ऑनलैंड क्षेत्र में खनिज तेल उत्पादन में राजस्थान पहले स्थान है। इस समय प्रदेश में ओएनजीसी व ऑयल इंडिया द्वारा बाड़मेर और जैसलमेर क्षेत्र में पेट्रोलियम व गैस का उत्पादन किया जा रहा है। इसके लिए ओएनजीसी को 9 व ऑयल इंडिया को दो लाइसेंस दिए गए है।

राज्य में 16 पेट्रोलियम एक्सप्लोरेशन लाइसेंस जारी

राज्य में 16 पेट्रोलियम एक्सप्लोरेशन लाइसेंस जारी कर एक्सप्लोरेशन कार्य किया जा रहा है, जिसमें वेदांता को 9 लाइसेंस, ऑयल इंडिया को 5, ओएनजीसी और गैल इंडिया को एक-एक पीईएल जारी है। एक्सप्लोरेशन का कार्य बाड़मेर, जैसलमेर के साथ ही बीकानेर और श्रीगंगानगर क्षेत्र में हो रहा है। गैल गैस को बाड़मेर व जैसलमेर में आरजे ओएनएचपी-2021/1 ब्लॉक का आवंटन किया गया है। इस क्षेत्र में गैल इंडिया द्वारा खनिज क्रूड ऑयल, प्राकृतिक गैस, कोल बेड मिथेन सीबीएम और शैल गैस की खोज व उत्पादन किया जाएगा।

गैल द्वारा प्रति छह माह ओप्रेशन, बोरिंग व प्रोडक्शन की जानकारी आवश्यक रुप से दी जाएगी। इसी तरह से एक्सप्लोरेशन के दौरान अन्य खनिज मिलता है, तो उससे भी तत्काल अवगत कराएगी। गैल द्वारा एक्सप्लोरेशन के दौरान आर्मी से जुड़े क्षेत्र में एक्सप्लोरेशन, सर्वे और डिगिंग गतिविधियां नहीं की जा सकेगी। खनिज तेल और गैस की उत्पादकता बढ़ने से लाभदायकता बढ़ने के साथ ही प्रदेश में निवेश, रोजगार व राजस्व की भी बढ़ोतरी होगी। इस समय प्रदेश में लगभग एक लाख बैरल प्रतिदिन कच्चे तेल व करीब 41 से 44 लाख घनमीटर गैस का उत्पादन हो रहा है।

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