रहुई के मल्लीचक प्राइमरी स्कूल का छज्जा गिरा, बाल-बाल बचे बच्चे व शिक्षक
रहुई के मल्लीचक प्राइमरी स्कूल का छज्जा गिरा, बाल-बाल बचे बच्चे व शिक्षक
पढ़ाई अवधि में छज्जा गिरने से मचा अउरा-तउरी, स्कूल के आगे का छज्जा भी है काफी जर्जर
9 साल से सामुदायिक भवन के एक छोटे कमरा में चल रहा स्कूल
भवन बनाने के लिए भूमि उपलब्ध, सीओ 8 माह पहले ही दे चुके हैं एनओसी
डीईओ ने कहा-क्यों नहीं बना भवन होगी जांच, जर्जर स्कूल में नहीं करायी जाएगी पढ़ाई
फोटो :
मल्लीचक स्कूल : मल्लीचक प्राइमरी स्कूल में शनिवार को बरामदे में बैठकर पढ़ाई करते बच्चे।
बिहारशरीफ, हिन्दुस्तान संवाददाता।
रहुई प्रखंड के मल्लीचक प्राइमरी स्कूल का भवन का छज्जा शुक्रवार को स्कूल अवधि में ही अचानक गिर गया। छज्जा गिरने से कुछ देर के लिए अफरा-तफरी मच गयी। भगवान की कृपा रही कि किसी तरह की अनहोनी नहीं हुई। बच्चे व शिक्षक बाल-बाल बच गये। लेकिन, अनहोनी टला नहीं है। स्कूल के दरवाजा की तरफ का छज्जा भी काफी जर्जर हो चुका है। कई जगह छज्जा में दरारें दिख रही हैं।
सुरक्षा के लिहाज से इसे तोड़ने की जरूरत है। नौनिहालों को सुरक्षित एक जगह पर बैठाया गया। प्रधान शिक्षक राजीव रंजन कुमार ने बताया कि छज्जा गिरने की सूचना कनीय अभियंता व विभाग के अधिकारियों को दी गयी है। छज्जा गिरने के डर से शनिवार को एमडीएम बाधित रखना पड़ा। पिछले बार भी भोजन बनाने के दौरान ही चूल्हा के पास ही छज्जा का चट्टान गिर गया था। रसोईया काफी डरी-सहमी हुई हैं।
अटकी है फाइल :
कनीय अभियंता मो. मोजाहिद ने बताया कि स्कूल भवन निर्माण की फाइल डीएम कार्यालय में काफी दिनों से पड़ी हुई है। इसलिए भवन का निर्माण शुरू नहीं कराया जा सका है। एचएम ने बताया कि इस सामुदायिक भवन के एक छोटा कमरे में वर्ष 2014 से स्कूल चलाया जा रहा है। प्रधान शिक्षक ने बताया कि स्कूल का भवन बनाने के लिए सीओ द्वारा जमीन चिह्नित कर दिसंबर 2023 माह में ही एनओसी दिया गया है। जिला शिक्षा कार्यालय में एनओसी जमा करा दी गयी है। लेकिन, स्कूल का भवन का निर्माण शुरू नहीं करायी गयी।
बरामदा में बनता हैं भोजन :
प्रधान शिक्षक ने बताया कि पहली से पांचवीं कक्षाओं तक 111 विद्यार्थी नामांकित हैं। इन्हें पढ़ाने के लिए चार शिक्षक तैनात हैं। औसतन प्रतिदिन 75 से 80 विद्यार्थी पढ़ाई करने आते हैं। एक कमरे में ही एमडीएम का सामान रखा गया है। शेष जगह में बच्चों की पढ़ाई कराने की विवशता बनी हुई है। कमरे की कमी की वजह से बच्चों को जाड़ा, गर्मी व बरसात के मौसम में भी बरामदा में पढ़ाने की विवशता बनी हुई है। लेकिन, बरामदे का छज्जा काफी जर्जर होने की वजह से बरामदे में बच्चों को नहीं बैठाया जा सकता है। दो तरफ का छज्जा पहले भी गिर चुका है।
बोले अधिकारी :
मल्लीचक प्राइमरी स्कूल का भवन क्यों नहीं बनाया गया, इसकी जांच करायी जाएगी। किसी भी सूरत में जर्जर भवन में पढ़ाई कराने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। फिलहाल वैकल्पिक व्यवस्था कर स्कूल संचालन कराया जाएगा।
राजकुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी
यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।
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रहुई के मल्लीचक प्राइमरी स्कूल का छज्जा गिरा, बाल-बाल बचे बच्चे व शिक्षक
पढ़ाई अवधि में छज्जा गिरने से मचा अउरा-तउरी, स्कूल के आगे का छज्जा भी है काफी जर्जर
9 साल से सामुदायिक भवन के एक छोटे कमरा में चल रहा स्कूल
भवन बनाने के लिए भूमि उपलब्ध, सीओ 8 माह पहले ही दे चुके हैं एनओसी
डीईओ ने कहा-क्यों नहीं बना भवन होगी जांच, जर्जर स्कूल में नहीं करायी जाएगी पढ़ाई
फोटो :
मल्लीचक स्कूल : मल्लीचक प्राइमरी स्कूल में शनिवार को बरामदे में बैठकर पढ़ाई करते बच्चे।
बिहारशरीफ, हिन्दुस्तान संवाददाता।
रहुई प्रखंड के मल्लीचक प्राइमरी स्कूल का भवन का छज्जा शुक्रवार को स्कूल अवधि में ही अचानक गिर गया। छज्जा गिरने से कुछ देर के लिए अफरा-तफरी मच गयी। भगवान की कृपा रही कि किसी तरह की अनहोनी नहीं हुई। बच्चे व शिक्षक बाल-बाल बच गये। लेकिन, अनहोनी टला नहीं है। स्कूल के दरवाजा की तरफ का छज्जा भी काफी जर्जर हो चुका है। कई जगह छज्जा में दरारें दिख रही हैं।
सुरक्षा के लिहाज से इसे तोड़ने की जरूरत है। नौनिहालों को सुरक्षित एक जगह पर बैठाया गया। प्रधान शिक्षक राजीव रंजन कुमार ने बताया कि छज्जा गिरने की सूचना कनीय अभियंता व विभाग के अधिकारियों को दी गयी है। छज्जा गिरने के डर से शनिवार को एमडीएम बाधित रखना पड़ा। पिछले बार भी भोजन बनाने के दौरान ही चूल्हा के पास ही छज्जा का चट्टान गिर गया था। रसोईया काफी डरी-सहमी हुई हैं।
अटकी है फाइल :
कनीय अभियंता मो. मोजाहिद ने बताया कि स्कूल भवन निर्माण की फाइल डीएम कार्यालय में काफी दिनों से पड़ी हुई है। इसलिए भवन का निर्माण शुरू नहीं कराया जा सका है। एचएम ने बताया कि इस सामुदायिक भवन के एक छोटा कमरे में वर्ष 2014 से स्कूल चलाया जा रहा है। प्रधान शिक्षक ने बताया कि स्कूल का भवन बनाने के लिए सीओ द्वारा जमीन चिह्नित कर दिसंबर 2023 माह में ही एनओसी दिया गया है। जिला शिक्षा कार्यालय में एनओसी जमा करा दी गयी है। लेकिन, स्कूल का भवन का निर्माण शुरू नहीं करायी गयी।
बरामदा में बनता हैं भोजन :
प्रधान शिक्षक ने बताया कि पहली से पांचवीं कक्षाओं तक 111 विद्यार्थी नामांकित हैं। इन्हें पढ़ाने के लिए चार शिक्षक तैनात हैं। औसतन प्रतिदिन 75 से 80 विद्यार्थी पढ़ाई करने आते हैं। एक कमरे में ही एमडीएम का सामान रखा गया है। शेष जगह में बच्चों की पढ़ाई कराने की विवशता बनी हुई है। कमरे की कमी की वजह से बच्चों को जाड़ा, गर्मी व बरसात के मौसम में भी बरामदा में पढ़ाने की विवशता बनी हुई है। लेकिन, बरामदे का छज्जा काफी जर्जर होने की वजह से बरामदे में बच्चों को नहीं बैठाया जा सकता है। दो तरफ का छज्जा पहले भी गिर चुका है।
बोले अधिकारी :
मल्लीचक प्राइमरी स्कूल का भवन क्यों नहीं बनाया गया, इसकी जांच करायी जाएगी। किसी भी सूरत में जर्जर भवन में पढ़ाई कराने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। फिलहाल वैकल्पिक व्यवस्था कर स्कूल संचालन कराया जाएगा।
राजकुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी
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