रविशंकर प्रसाद को हंसी आई तो जीतनराम मांझी दुखी; नीतीश के संयोजक पद ठुकराने पर बीजेपी हमलावर

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रविशंकर प्रसाद को हंसी आई तो जीतनराम मांझी दुखी; नीतीश के संयोजक पद ठुकराने पर बीजेपी हमलावर
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रविशंकर प्रसाद को हंसी आई तो जीतनराम मांझी दुखी; नीतीश के संयोजक पद ठुकराने पर बीजेपी हमलावर

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा इंडिया गठबंधन का संयोजक पद ठुकराए जाने के बाद सियासी घमासान मच गया है। वहीं बीजेपी को एक बार फिर नीतीश कुमार और इंडिया गठबंधन पर हमला करने का मौका मिल गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री व बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि पहले ये बताएं कि संयोजक का ऑफर सीरियस था क्या? अगर सीरियस था तो पहले क्यों नहीं दिया? अगर सीरियस नहीं था तो अभी क्यों दे रहे हैं? उन्होंने कहा कि कभी-कभी मुझे हंसी आती है कि कैसा गठबंधन है, वैकेंसी है नहीं, कौन जीतने वाला है इसकी कोई गारंटी नहीं है, लेकिन उठा पटक किस पर कि संयोजक किसको बनाया जाए, विरोध कौन करेगा। इस बीच जीतन राम मांझी की ओर से बयान जारी कर कहा गया है कि इंडिया ब्लॉक गठबंधन सहयोगियों द्वारा नीतीश कुमार के साथ किए गए व्यवहार से दुखी हैं। 

जीतन राम मांझी ने मांझी ने एक्स पर लिखा है कि नीतीश कुमार को राजा का सपना दिखाने के बाद, अगर आपने उन्हें सेनापति का पद दिया तो उन्हें (नीतीश कुमार) इसे क्यों स्वीकार करना चाहिए? उन्होंने कहा कि वह इंडिया ब्लॉक गठबंधन सहयोगियों द्वारा नीतीश कुमार के साथ किए गए व्यवहार से “दुखी” हैं। वहीं बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि इंडिया गठबंधन में जब कोई नीतीश कुमार को संयोजक बनाने को तैयार ही नहीं है, तब कहा जा रहा है कि उन्होंने पद लेने से इनकार कर दिया।  उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन की चार बैठकों के बाद भी संयोजक पद पर कोई सहमति नहीं बनी। सीट साझेदारी का मामला भी जहां का तहां है। बंगाल, केरल और यूपी में तो दूर-दूर तक सीट साझेदारी पर सहमति की सम्भावना नहीं है। 

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गौरतलब है कि नीतीश कुमार अपने बयानों में अक्सर यह कहते रहे हैं कि उन्हें किसी पद की कोई लालसा नहीं है। वे बस यही चाहते हैं कि इंडिया गठबंधन के सभी दल लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ एक़जुट होकर उतरें। बता दें कि जदयू ने पिछले एक-डेढ़ हफ्ते से यह संकेत देने आरंभ कर दिया था कि नीतीश कुमार संयोजक का पद नहीं स्वीकारेंगे। सबसे पहले बिहार के मंत्री श्रवण कुमार के बयान से यह संकेत आया। फिर प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने दो-टूट कहा कि नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन के निर्माता हैं, वह संयोजक पद से कहीं ऊपर हैं। वरिष्ठ नेता व बिहार के मंत्री विजय चौधरी ने भी कहा था कि संयोजक बनाना नहीं, अहम है सीटों का बंटवारा करना। बहरहाल, नीतीश कुमार के संयोजक पद को ठुकराने को जानकार दबाव की राजनीति तथा राजनीतिक संभावनाओं के द्वार खोले रखने के रूप में भी देख रहे हैं। 

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