रविदास जयंती पर संगत ने किया जमकर दान: 3 लाख श्रद्धालुओं ने किया दर्शन, रैदासी बोले-आने जाने में इस बार हुई दिक्कत – Varanasi News

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रविदास जयंती पर संगत ने किया जमकर दान:  3 लाख श्रद्धालुओं ने किया दर्शन, रैदासी बोले-आने जाने में इस बार हुई दिक्कत – Varanasi News
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रविदास जयंती पर संगत ने किया जमकर दान: 3 लाख श्रद्धालुओं ने किया दर्शन, रैदासी बोले-आने जाने में इस बार हुई दिक्कत – Varanasi News

संत रविदास के सपनों के शहर बेगमपुरा की कठौती में आस्था की गंगा उतर आई। माघी पूर्णिमा पर संत की जयंती पर सीर गोवर्धन में श्रद्धालुओं का एसा रेला लगा कि पैदल चलने तक कि जगह नही बची। रैदासिया धर्म ध्वज फहराने के साथ ही संत निरंजन दास ने महोत्सव की शुरुव

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पहले देखें तस्वीर…

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हर वापस जाते पंजाब से आये रैदासी।

लंगर हाल में भोजन करने जाते रैदासी।

लंगर सीमित हो गया है, जल्दातर रैदासी घर लौट रहे।

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रविदास जयंती में शामिल होने पहुंचे रैदासी लौट रहे।

दैनिक NEWS4SOCIALने रैदासियों से व्यवस्था, परेशानी,बदलाव एवं बाजार का हाल जाता…

मेला क्षेत्र में डेढ़ सौ से अधिक दुकानें लगाई गई है जिसमें कपड़े से लेकर प्रसाद तक की दुकानें हैं। बड़े-बड़े पंडों में अलग-अलग राज्य से आए रैदासी रुके हुए थे उनके लिए सभी व्यवस्थाएं फ्री थी जिसमें उनके रहने भोजन करने की व्यवस्था थी। शामिल लोगों ने कहा कि गुरु जी का दरबार काफी बदल रहा है इस बार मंदिर का चौखट सोने का दिखाई दिया बड़े पार्क बन गए हैं रहने के लिए तमाम हाल तैयार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम अपने परिवार के कल्याण और सुख समृद्धि के लिए गुरु जी से अरदास लगाई है।

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महिलाएं अंतिम दिन गाना गाते हुए रवाना हुए।

आए अब जानते हैं जयंती से वापस जा रहे रैदासियो ने क्या कहा…

  • सुरेंद्र सिंह राय पंजाब से जयंती में शामिल होने पहुंचे थे उन्होंने बताया इस बार यात्रा में थोड़ी मुश्किल काफी ज्यादा भीड़ थी। उन्होंने कहा स्टेशन से रविदास मंदिर आने का सफर काफी कठिन था ऑटो मिलने में मुश्किल हुई और अब जाने में भी वही मुश्किल हो रही है। उन्होंने कहा हम लोग यहां से लखनऊ जाएंगे उन्होंने बताया कि बेगमपुर से स्पेशल ट्रेन चल रही है उसे थोड़ी सहूलियत है।
  • भटिंडा से आए शैलेश ने बताया कि हमारी यात्रा काफी सुखद रही है यहां खाने और रहने की व्यवस्था काफी अच्छी है। उन्होंने बताया ट्रेन रात में 10 बजे है लेकिन हम अभी से स्टेशन चले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम बाबा के जन्मदिन पर हर साल आते हैं और जितने साल आते हैं बदलाव ही देखने को मिलता है।
  • जालंधर से साइकिल यात्रा करके पहुंचे कृष्ण ने बताया कि हम सातवीं साइकिल यात्रा करके यहां पहुंचे हैं। 1400 किलोमीटर की यात्रा रहती है हम 5 से 6 जगह पर रुकते हैं। उन्होंने कहा कि इस बार हमको कई जगहों पर जाम दिखाई दिया। लेकिन हमारी साइकिल है तो हम जाम में किसी तरह निकाल कर बढ़ जाते हैं। उन्होंने बताया कि इस बार हम साथ लोगों को अपने साथ लेकर आए हैं वह सभी भी साइकिल से ही यहां पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि हमारा संकल्प यही रहता है कि रविदास जयंती उनके जन्मस्थली पर ही मनाया।

रविदास जयंती पर जमकर हुआ दान

संत रविदास जयंती में मुख्य सत्संग पंडाल में संगत में आए लोगों ने जमकर पैसा अपना जेवरात दान किए है। दान करने वालों में भोली रंधावा ने 20 लाख रुपए और पंचकूला हरियाणा की संगत ने पांच लाख का चेक मंदिर ट्रस्ट को सौंप दिया है। इसके आलावा गोपनीय दान भी खुब आये है। इन दानदाताओं ने मंदिर को स्वर्ण मंदिर बनाने के संकल्प को पुरा करने में लगे हैं। दान के पैसे से मंदिर का गुंबद स्वर्णमंडित, सोने का दीपक दरवाजे पर सोने का कवर चढ़ चुका है। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती 2008 में 7 किलो वजन का सोने की पालकी मंदिर को दान की थी। जिसका उद्घाटन करने के लिए खुद रविदास मंदिर पहुंची थी।

हरि चिह्न होने का लगाया गया।

आइए अब जानते हैं संत मनदीप ने सफल जन्मोत्सव पर क्या कहा ?

संत मनदीप दास ने कहा – गुरु जी के 648वें में जन्मदिन पर देश विदेश से श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे। उन्होंने बताया कि अब मंदिर के विस्तार के लिए हम संगत की सुविधा को देखते हुए बड़े-बड़े हॉल तैयार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि संगत को जो दिक्कतें होती हैं उसको दूर करने का प्रयास किया जाता है उसके लिए हम काम कर रहे हैं।

सुरक्षा में लगे सेवादार।

उन्होंने कहा की संगत जैसे-जैसे सेवा कर रही है उसे कार्य हम लोग लगे हुए हैं। उन्होंने बताया कि जल्दी गर्भगृह के क्षेत्र को भी पूरी तरह से स्वर्ण कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि आगे होने वाले कार्यक्रमों में अब गुरूजी का 650वां जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री जी ने भी जन्म जयंती पर फोन पर बधाई दी थी। वह हर साल आते है उन्होंने बताया कि आज संत निरंजन दास जी महाराज पुनः पंजाब लौट रहे हैं आगे कार्यक्रमों की तैयारी वहीं से की जाएगी।

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