रद्द होगा केके पाठक का यह आदेश? नीतीश के विधायक बोले- ACS की मनमानी नहीं चलेगी
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बिहार में स्कूलों की टाइमिंग बदले जाने पर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक अब नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के निशान पर आ गए हैं। शिक्षकों की परेशानी की आड़ में राजनीति तेज हो गई है। कांग्रेस एमएलसी मदन मोहन झा, बीजेपी के संजय मयूख और लेफ्ट एमएलसी संजय सिंह के बाद जदयू के एमएलए पंकज मिश्रा ने केके पाठक के फैसले पर आपत्ती जताई है। उन्होंने पाठक के इस फैसले को गलत करार देते हुए कहा है कि उनकी मनमानी नहीं चलेगी। मामला नीतीश कुमार के संज्ञान में है। इसे जल्द निरस्त किया जाएगा।
इस बीच नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के विधायक पंकज मिश्रा का बड़ा बयान सामने आया है। पंकज मिश्रा ने कहा है कि यह बात सीएम नीतीश कुमार के संज्ञान में चली गई है। केके पाठक का यह फैसला निरस्त होने की स्थिति में है। आज हो, कल हो या परसो हो इसे जल्द निस्प्रभावी कर दिया जाएगा क्योंकि इससे बच्चे भी बीमार पड़ रहे हैं और शिक्षक भी। पंकज मिश्रा ने कहा कि केके पाठक का यह फैसला गलत है। उनकी मनमानी नहीं चलेगी। सीएम नीतीश कुमार जो चाहेंगे वही होगा। उन्होंने कहा कि जेडीयू का विधायक ने कहा कि शिक्षक के लिए जिस हद तक जाना पड़ेगा वहां तक जाउंगा। केके पाठक को सोच समझकर कोई काम करना चाहिए।
फिर गवर्नर से टकराएंगे केके पाठक? शिक्षा विभाग की मीटिंग से गायब वीसी पद से हटाने की चेतावनी
दरअसल केके पाठक के नए फरमान के मुताबिक बिहार के सरकारी स्कूलों की टाइमिंग सुबह 6 बजे कर दी गई है। जो शिक्षक 6 बजे के बाद आएंगे उनकी हाजिरी के साथ वेतन भी काट लिया जाएगा। उन्हें दोपहर डेढ बजे तक बच्चों को पढ़ाना पड़ेगा। नए फरमान से शिक्षक संघ भी नाराज है क्योंकि सुबह 6 बजे तक शिक्षकों के साथ बच्चों को पहुंचने में भी परेशानी हो रही है। गुरुवार को पहले दिन कई शिक्षक हड़बड़ी में दुर्घटना के शिकार बन गए तो डेढ़ बजे बच्चों को घर जाने में परेशानी हुई।
कांग्रेस के एमएलसी मदन मोहन झा और बीजपी के विधान पार्षद संजय मयूख ने शिक्षा विभाग के इस फैसले पर आपत्ति जताई। दोनों नेताओं ने कहा कि यह व्यवहारिक निर्णय नहीं है। महिला शिक्षकों को इससे काफी परेशानी होगी जिन्हें पब्लिक टांसपोर्ट से स्कूल जाना पड़ता है। वामपंथी एमएलसी संजय सिंह ने कहा है कि चुनाव के बाद जब आचार सहिंता समाप्त हो जाएगी उसके बाद केके पाठक के बाद आन्दोलन तेज करेंगे। इन नेताओं ने सीएम नीतीश कुमार से शिक्षा विभाग के इस आदेश को निरस्त करने की मांग की है।
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बिहार में स्कूलों की टाइमिंग बदले जाने पर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक अब नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के निशान पर आ गए हैं। शिक्षकों की परेशानी की आड़ में राजनीति तेज हो गई है। कांग्रेस एमएलसी मदन मोहन झा, बीजेपी के संजय मयूख और लेफ्ट एमएलसी संजय सिंह के बाद जदयू के एमएलए पंकज मिश्रा ने केके पाठक के फैसले पर आपत्ती जताई है। उन्होंने पाठक के इस फैसले को गलत करार देते हुए कहा है कि उनकी मनमानी नहीं चलेगी। मामला नीतीश कुमार के संज्ञान में है। इसे जल्द निरस्त किया जाएगा।
इस बीच नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के विधायक पंकज मिश्रा का बड़ा बयान सामने आया है। पंकज मिश्रा ने कहा है कि यह बात सीएम नीतीश कुमार के संज्ञान में चली गई है। केके पाठक का यह फैसला निरस्त होने की स्थिति में है। आज हो, कल हो या परसो हो इसे जल्द निस्प्रभावी कर दिया जाएगा क्योंकि इससे बच्चे भी बीमार पड़ रहे हैं और शिक्षक भी। पंकज मिश्रा ने कहा कि केके पाठक का यह फैसला गलत है। उनकी मनमानी नहीं चलेगी। सीएम नीतीश कुमार जो चाहेंगे वही होगा। उन्होंने कहा कि जेडीयू का विधायक ने कहा कि शिक्षक के लिए जिस हद तक जाना पड़ेगा वहां तक जाउंगा। केके पाठक को सोच समझकर कोई काम करना चाहिए।
फिर गवर्नर से टकराएंगे केके पाठक? शिक्षा विभाग की मीटिंग से गायब वीसी पद से हटाने की चेतावनी
दरअसल केके पाठक के नए फरमान के मुताबिक बिहार के सरकारी स्कूलों की टाइमिंग सुबह 6 बजे कर दी गई है। जो शिक्षक 6 बजे के बाद आएंगे उनकी हाजिरी के साथ वेतन भी काट लिया जाएगा। उन्हें दोपहर डेढ बजे तक बच्चों को पढ़ाना पड़ेगा। नए फरमान से शिक्षक संघ भी नाराज है क्योंकि सुबह 6 बजे तक शिक्षकों के साथ बच्चों को पहुंचने में भी परेशानी हो रही है। गुरुवार को पहले दिन कई शिक्षक हड़बड़ी में दुर्घटना के शिकार बन गए तो डेढ़ बजे बच्चों को घर जाने में परेशानी हुई।
कांग्रेस के एमएलसी मदन मोहन झा और बीजपी के विधान पार्षद संजय मयूख ने शिक्षा विभाग के इस फैसले पर आपत्ति जताई। दोनों नेताओं ने कहा कि यह व्यवहारिक निर्णय नहीं है। महिला शिक्षकों को इससे काफी परेशानी होगी जिन्हें पब्लिक टांसपोर्ट से स्कूल जाना पड़ता है। वामपंथी एमएलसी संजय सिंह ने कहा है कि चुनाव के बाद जब आचार सहिंता समाप्त हो जाएगी उसके बाद केके पाठक के बाद आन्दोलन तेज करेंगे। इन नेताओं ने सीएम नीतीश कुमार से शिक्षा विभाग के इस आदेश को निरस्त करने की मांग की है।