योग के जरिए अपना और दूसरों का जीवन सुधार रही हैं दिल्ली के ये महिलाएं

9
योग के जरिए अपना और दूसरों का जीवन सुधार रही हैं दिल्ली के ये महिलाएं
Advertising
Advertising

योग के जरिए अपना और दूसरों का जीवन सुधार रही हैं दिल्ली के ये महिलाएं

​खुद करती हैं और दूसरों को भी कराती हैं

Advertising

Advertising

इंडियन हेरिटेज सोसाइटी की मैनेजिंग सेक्रेटरी और योग टीचर निवेदिता जोशी कहती हैं, ‘महिलाओं में योग को लेकर जागरूकता बढ़ी है। आज वे योग पर बात करती हैं और पार्क और घर की छतों में ग्रुप बनाकर योग करती हैं। योग टीचर से योग के टिप्स लेती हैं और खुद सिखाकर दूसरों को भी सिखाती हैं।’ वह कहती हैं कि महिलाओं के लिए योग करना बेहद जरूरी है। दरअसल वे दोहरी जिम्मेदारी निभाती हैं। घर के खर्चों में सहयोग के लिए नौकरी भी करती है और बच्चों व परिवार का लालन- पालन भी। ऐसे में संतुलित मन का होना बेहद जरूरी है और जो केवल योग के माध्यम से ही संभव है। योग कमाई का जरिया भी बन रहा है और साथ ही यह भी सुकून रहता है कि हम समाज के लिए कुछ कर रहे हैं। मेरे पास योग करने वाली महिलाओं की संख्या पुरुषों से 20 फीसदी ज्यादा है।

​आजकल संजीदा हो गई हैं महिलाएं

​आजकल संजीदा हो गई हैं महिलाएं

तकरीबन 15 साल से लोगों को योग की शिक्षा दे रही योग गुरू डॉक्टर आम्रपाली पाटिल बताती हैं, ‘ग्रुप बनाकर योग करने से यह सुकून मिलता है कि आप समाज की हेल्थ के लिए कुछ कर रहे हैं और फिर साथ में कुछ कमा भी लेते हैं। योग में यह खास तौर पर मायने रखता है कि आप दिमाग और बॉडी को कैसे साथ लेकर चलते हो। आपकी बॉडी कंट्रोल में रहेगी, तो दिमाग अपने आप कंट्रोल में आ जाएगा। दरअसल, महिलाएं इमोशनल ज्यादा होती हैं। काम की जिम्मेदारियों के चलते वे जिम भी नहीं जा पाती। मैं सबको बताती हूं कि हर महिला के लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि हरेक आसन हर किसी के लिए नहीं है। इसलिए सबसे पहले मैं उनसे उनके परिवार की हिस्ट्री पूछती हूं और फिर मेडिकल चेकअप करने के बाद ही उनको आसन करने की सलाह देती हूं।’ बकौल पाटिल, सोशल मीडिया के जमाने में लुक्स बेहद मायने रखते हैं। आज फिट बॉडी हर किसी की प्राथमिकता है। पहले घरेलू महिलाएं इस ओर ध्यान नहीं दे पाती थीं। लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब घर के कामकाज में व्यस्त महिलाएं भी अपनी फिटनेस को लेकर बेहद संजीदा हो गई हैं और किसी भी तरह समय निकालकर योगा क्लास ले रही हैं और फिट रहने का प्रयास कर रही हैं।

Advertising

योग बचाता है कई बीमारियों से

योग बचाता है कई बीमारियों से

नोएडा में जेपी व क्लाउड नाइन हॉस्पिटल में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर श्वेता गोस्वामी बताती हैं, ‘मेरे पास ऐसे कई मामले आते हैं, जिसमें पति पत्नी दोनों स्वस्थ हैं, लेकिन फिर भी वे कंसीव नहीं कर पा रहे हैं। इसकी वजह जिंदगी की आपाधापी, तनाव, डिप्रेशन और फस्ट्रेशन वगैरह हैं। ऐसे कपल को हम सलाह देते हैं कि वे योग करें। योग करने के दौरान श्वास लेने की तकनीक हमारे शरीर और मन के संपर्क को मजबूत बनती है। हमारी भावनाओं से उत्तेजित होने वाली चिंता और तनाव से डील करने में योग मददगार होता है।’

Advertising

महिलाओं के लिए योग जरूरी

महिलाओं के लिए योग जरूरी

​वहीं मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर शोभा गुप्ता कहती हैं, ‘कुछ ऐसे योगासन हैं जो बॉडी का ब्लड सर्कुलेशन सुधारते हैं। इससे स्ट्रेस दूर होता है साथ ही प्रोस्टेट ग्लैंड और ओवरी से रिलेटेड प्रॉब्लम भी दूर होती है। इससे पुरुषों और महिलाओं दोनों की फर्टिलिटी बढ़ाने में मदद मिलती है। योग हमारे शरीर में रक्त कोशिकाओं के संचार को बढाकर, स्ट्रेस-हार्मोन को कम करके इम्यून सिस्टम को बूस्ट करता है और दूषित पदार्थों के प्रभाव को कम करता है। योग हमारे श्वास लेने के तरीके को बेहतर बनाता है और हमारी मांसपेशियों और अंगों को मजबूत बनाता है। योग करने से तमाम बीमारियों में फायदा मिलता है।’​

बच्चों को योग सिखा रही हैं नीलम

बच्चों को योग सिखा रही हैं नीलम

वहीं, सोशल वर्कर नीलम काला चमोली का कहना है, ‘एक वक्त था कि जब मैं खुद के बेहतर स्वास्थ्य के लिए योग करती थी, लेकिन आज मैं कई बच्चों को योग सिखा रही हूं। आमतौर पर लोग एक उम्र के बाद योग करना शुरू करते हैं लेकिन मेरा मानना है कि योग की शुरुआत बचपन से ही हो जानी चाहिए। इसलिए मैं बच्चों को योग सिखाती हूं और उनको योग करने के सही तरीके और फायदों के बारे में बताती हूं। दरअसल, आज के दौर में बच्चों को छोटी सी उम्र से ही चश्मा लग जाता है, बॉडी फ्लेक्सिबल नहीं रहती और उनका बहुत समय मोबाइल में बीतता है। ऐसे में योग उनके लिए खुद को फिट रखने का बेहतरीन जरिया है।’

योग से निरोग का मंत्र दे रही हैं ज्योति

योग से निरोग का मंत्र दे रही हैं ज्योति

इसी तरह खुद योग से निरोग हुईं ज्योति मल्होत्रा ने इस मूलमंत्र को केवल अपने तक सीमित न रखकर अपने आसपास की महिलाओं को भी योग सिखाने का बीड़ा उठाया। वह कहती हैं, ‘आज मेरी योग क्लास में 40 से 45 महिलाएं हैं, जिनको सिखाकर मेरी ठीकठाक कमाई हो जाती है। शुरू में मैं अकेले योग करती थी। इसके बाद एक-दो और महिलाएं आने लगीं, फिर हमारी टोली बन गई। अब सोसाइटी के पार्क में मैं जो क्लास लगाती हूं, उसमें न केवल महिलाएं बल्कि पुरुष भी आने लगे हैं। मैं 2 हजार से भी अधिक महिलाओं को योग सिखा चुकी हूं। खाली समय में मैंने फ्री ऑनलाइन क्लासेस देनी भी शुरू कर दी हैं। उनका कहना है कि नियमित तौर पर योग करने से हम चिंता, तनाव और अवसाद से दूर रह सकते हैं। बड़ी परेशानी भी हमें छोटी लगने लगती है। समस्या को देखकर घबराने के स्थान पर हम उसका समाधान खोजते हैं।’

खुद को मिला फायदा अब दूसरों को सिखा रहीं

खुद को मिला फायदा अब दूसरों को सिखा रहीं

हमारे आसपास ऐसे बहुत सारे लोग हैं, जिनके जीवन का कायापलट योग के माध्यम से हो पाया। नियमित योगाभ्यास ने न केवल उन्हें कई समस्याओं से निजात दिलाई, बल्कि प्रॉडक्टिविटी और हैप्पीनेस का ग्राफ भी बढ़ाया। मयूर विहार फेज वन में रहने वाली 50 साल की सुमित्रा बजाज इस इलाके की एक ऐसी चर्चित महिला हैं, जिन्हें योगगुरु की उपाधि से नवाजा गया है। 40 के नज़दीक पहुंचते ही उन्हें घुटनों में दर्द रहने लगा। दर्द इस कदर बढ़ गया कि डॉक्टर्स ने उन्हें चेकअप के बाद घुटना बदलने के लिए कहा। उन्होंने योगा करना शुरू किया। नियमित अभ्यास के चलते उन्होंने छह महीनों में 25 किलो वजन कम किया। आज वह न केवल योग के कारण पूरी तरह फिट हैं, बल्कि पिछले कई सालों से अन्य महिलाओं को भी योग की शिक्षा दे रही हैं।

दिल्ली की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Delhi News

Advertising