यूपीएससी रिजल्ट में गड़बड़ी या झूठे हैं दावे, दो लड़कियों में किसका हुआ सिलेक्शन?
UPSC Result News in Hindi: यूपीएससी ने मंगलवार को सिविल सर्विसेज परीक्षा, 2022 का जो रिजल्ट जारी किया है, उसमें एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। मध्य प्रदेश के दो अलग-अलग शहरों में रहने वाली लड़कियों का दावा है कि उन्होंने परीक्षा में सफलता हासिल की है। दोनों के नाम और रोल नंबर तो एक हैं ही, रैंक भी एक ही है। सवाल है कि क्या यूपीएससी ऐसी गलती कर सकता है। यदि नहीं तो सिलेक्शन किसका हुआ, यह लाख टके का सवाल है।
हाइलाइट्स
- अलीराजपुर और देवास की दो युवतियों ने सिविल सर्विसेज परीक्षा में सफल होने का किया दावा
- दोनों के नाम और रोल नंबर एक, रिजल्ट में 184वीं रैंक मिलने का दोनों कर रहीं दावा
- दोनों लड़कियों ने सोशल मीडिया पर जारी किए एडमिट कार्ड और अन्य सबूत
अलीराजपुर/देवासः मंगलवार को यूपीएससी ने सिविल सर्विसेज परीक्षा 2022 का रिजल्ट जारी किया। मध्य प्रदेश की कई बेटियों के नाम सफल उम्मीदवारों की सूची में शामिल हैं। रिजल्ट में एक अजीबोगरीब मामला भी सामने आया है। दो लड़कियों ने दावा किया है कि उन्होंने परीक्षा में सफलता हासिल की है। ताज्जुब यह है कि दोनों के नाम और रोल नंबर एक हैं। इतना ही नहीं, दोनों 184वीं रैंक मिलने का दावा कर रही हैं। रिजल्ट आने के बाद से दोनों लड़कियों के घर में जश्न का माहौल है, लेकिन सवाल है कि क्या ऐसा संभव है। अब जांच के बाद ही पता चलेगा कि दोनों में से किसका दावा सही है।
यूपीएससी से जारी सूची में आयशा नाम की लड़की का नाम 184वीं नंबर पर है। रिजल्ट आते ही दो परिवारों में जश्न शुरू हो गया। इनमें से एक परिवार देवास का है। आयशा फातिमा नाम की युवती का दावा है कि उसे 184वीं रैंक मिली है। दूसरा परिवार अलीराजपुर जिले की आयशा मकरानी का है। उसका भी दावा है कि उसे 184वीं रैंक मिली है।
गफलत की ये वजह
ताज्जुब ये है कि आयशा नाम की दोनों लड़कियों के रोल नंबर एक हैं। दोनों के एडमिट कार्ड पर 7811744 रोल नंबर लिखा है। दोनों को एक रोल नंबर मिलना संभव है या नहीं, यह यूपीएससी ही बता सकता है। हालांकि, दोनों युवतियां लिखित परीक्षा और इंटरव्यू में शामिल होने के दावे कर रही हैं। इसके लिए दोनों अपने-अपने सबूत भी पेश कर रही हैं।
दोनों के अपने-अपने दावे
देवास की आयशा फातिमा के पिता का नाम नजीरूद्दीन है। उनका तर्क है कि यूपीएससी ऐसी गलती नहीं कर सकता। वे अपनी बेटी का सिलेक्शन होने का दावा कर रहे हैं। दूसरी ओर, अलीराजपुर की आयशा मकरानी के पिता का नाम सलीमुद्दीन है। उसके सिविल इंजीनियर भाई का दावा है कि आयशा ने इस कामयाबी के लिए काफी मेहनत की थी। वे इस मामले को लेकर कोर्ट जाने को भी तैयार हैं।
बड़ा सवाल- किसका हुआ सिलेक्शन
दोनों युवतियों ने सोशल मीडिया पर अपने एडमिट कार्ड और परीक्षा में शामिल होने से संबंधित सबूत पेश किए हैं। देवास की आयशा फातिमा के एडमिड कार्ड पर इंटरव्यू की तारी 25 अप्रैल और दिन मंगलवार लिखा है। अलीराजपुर की आयशा मकरानी के एडमिट कार्ड पर भी तारी 25 अप्रैल ही है, लेकिन दिन गुरुवार लिखा है। वास्तव में 25 अप्रैल को मंगलवार ही था। आयशा फातिमा के एडमिट कार्ड पर यूपीएससी का वाटर मार्क और क्यूआर कोड है। क्यूआर कोड स्कैन करने पर वही जानकारी सामने आ रही है जो एडमिट कार्ड पर दर्ज है। आयशा मकरानी के एडमिट कार्ड पर ना तो वाटर मार्क है और ना ही क्यूआर कोड।
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UPSC Result News in Hindi: यूपीएससी ने मंगलवार को सिविल सर्विसेज परीक्षा, 2022 का जो रिजल्ट जारी किया है, उसमें एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। मध्य प्रदेश के दो अलग-अलग शहरों में रहने वाली लड़कियों का दावा है कि उन्होंने परीक्षा में सफलता हासिल की है। दोनों के नाम और रोल नंबर तो एक हैं ही, रैंक भी एक ही है। सवाल है कि क्या यूपीएससी ऐसी गलती कर सकता है। यदि नहीं तो सिलेक्शन किसका हुआ, यह लाख टके का सवाल है।
हाइलाइट्स
- अलीराजपुर और देवास की दो युवतियों ने सिविल सर्विसेज परीक्षा में सफल होने का किया दावा
- दोनों के नाम और रोल नंबर एक, रिजल्ट में 184वीं रैंक मिलने का दोनों कर रहीं दावा
- दोनों लड़कियों ने सोशल मीडिया पर जारी किए एडमिट कार्ड और अन्य सबूत
यूपीएससी से जारी सूची में आयशा नाम की लड़की का नाम 184वीं नंबर पर है। रिजल्ट आते ही दो परिवारों में जश्न शुरू हो गया। इनमें से एक परिवार देवास का है। आयशा फातिमा नाम की युवती का दावा है कि उसे 184वीं रैंक मिली है। दूसरा परिवार अलीराजपुर जिले की आयशा मकरानी का है। उसका भी दावा है कि उसे 184वीं रैंक मिली है।
गफलत की ये वजह
ताज्जुब ये है कि आयशा नाम की दोनों लड़कियों के रोल नंबर एक हैं। दोनों के एडमिट कार्ड पर 7811744 रोल नंबर लिखा है। दोनों को एक रोल नंबर मिलना संभव है या नहीं, यह यूपीएससी ही बता सकता है। हालांकि, दोनों युवतियां लिखित परीक्षा और इंटरव्यू में शामिल होने के दावे कर रही हैं। इसके लिए दोनों अपने-अपने सबूत भी पेश कर रही हैं।
दोनों के अपने-अपने दावे
देवास की आयशा फातिमा के पिता का नाम नजीरूद्दीन है। उनका तर्क है कि यूपीएससी ऐसी गलती नहीं कर सकता। वे अपनी बेटी का सिलेक्शन होने का दावा कर रहे हैं। दूसरी ओर, अलीराजपुर की आयशा मकरानी के पिता का नाम सलीमुद्दीन है। उसके सिविल इंजीनियर भाई का दावा है कि आयशा ने इस कामयाबी के लिए काफी मेहनत की थी। वे इस मामले को लेकर कोर्ट जाने को भी तैयार हैं।
बड़ा सवाल- किसका हुआ सिलेक्शन
दोनों युवतियों ने सोशल मीडिया पर अपने एडमिट कार्ड और परीक्षा में शामिल होने से संबंधित सबूत पेश किए हैं। देवास की आयशा फातिमा के एडमिड कार्ड पर इंटरव्यू की तारी 25 अप्रैल और दिन मंगलवार लिखा है। अलीराजपुर की आयशा मकरानी के एडमिट कार्ड पर भी तारी 25 अप्रैल ही है, लेकिन दिन गुरुवार लिखा है। वास्तव में 25 अप्रैल को मंगलवार ही था। आयशा फातिमा के एडमिट कार्ड पर यूपीएससी का वाटर मार्क और क्यूआर कोड है। क्यूआर कोड स्कैन करने पर वही जानकारी सामने आ रही है जो एडमिट कार्ड पर दर्ज है। आयशा मकरानी के एडमिट कार्ड पर ना तो वाटर मार्क है और ना ही क्यूआर कोड।
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