यादवों का रोम चार दिन नीतीश का बेस कैंप बना, दो चरणों में JDU की सात सीटें बचाने की चुनौती h3>
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अगले चार दिन राजधानी पटना से दूर मधेपुरा को बेस कैंप बनाकर जेडीयू और एनडीए के उम्मीदवारों के लिए लोकसभा चुनाव का प्रचार करेंगे। यादवों के रोम के नाम से मशहूर मधेपुरा के आस-पास सीमांचल की ज्यादातर सीटों पर दूसरे चरण में मतदान है जबकि मधेपुरा समेत अररिया, सुपौल में तीसरे चरण में वोटिंग होगी। जेडीयू को इस बार 16 सीट मिली है। 2019 में उसके इतने ही सांसद जीते थे। दूसरे और तीसरे चरण की दस सीटों में सात पर जेडीयू के सांसद हैं। नीतीश के सामने ये सारी सीटें बचाने की चुनौती है।
जेडीयू ने दूसरे चरण की सीटों में पूर्णिया से संतोष कुशवाहा, कटिहार से दुलालचंद गोस्वामी, भागलपुर से अजय मंडल, बांका से गिरधारी यादव और किशनगंज से मुजाहिद आलम को टिकट दिया है। मुजाहिद के अलावा सारे मौजूदा सांसद हैं। किशनगंज सीट 2019 में कांग्रेस के मोहम्मद जावेद ने जीती थी जो बिहार में विपक्ष के इकलौते सांसद थे। तीसरे चरण में मधेपुरा, सुपौल और झंझारपुर जेडीयू की सिटिंग सीट है जबकि अररिया में भाजपा और खगड़िया में लोजपा के सांसद जीते थे। जेडीयू ने मधेपुरा से दिनेशचंद्र यादव, सुपौल से दिलेश्वर कामत और झंझारपुर से रामप्रीत मंडल को फिर से उतारा है। तीनों मौजूदा सांसद हैं।
पहले दिन बांका और भागलपुर गए नीतीश, शनिवार को कटिहार और पूर्णिया की बारी
नीतीश शुक्रवार को मधेपुरा पहुंच गए हैं। अगले चार दिनों तक मुख्यमंत्री रात्रि विश्राम मधेपुरा में करेंगे। यहीं से वो अलग-अलग क्षेत्रों में लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए जाएंगे। नीतीश शुक्रवार को भागलपुर और बांका गए थे। शनिवार को वो कटिहार और पूर्णिया में सभा करेंगे। कटिहार के डंडखोरा और पूर्णिया के बनमनखी में नीतीश की सभा होगी। जनता दल यूनाइडेड के विधान पार्षद ललन सर्राफ ने बताया है कि नीतीश कुमार दूसरे चरण की सभी पांच सीटों पर कम-से-कम दो-दो जनसभाओं को संबोधित करेंगे।
नरेंद्र मोदी की रैली में सबकी जरूरत नहीं; ललन सिंह ने बताया, नीतीश कुमार क्यों गया-पूर्णिया नहीं गए थे
दूसरे चरण की पांच सीटों में भाजपा का कैंडिडेट नहीं है। चुनाव प्रचार का मुख्य जिम्मा नीतीश और जेडीयू पर है। नीतीश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमुई और नवादा की रैलियों में हिस्सा लिया था लेकिन गया और पूर्णिया की रैली में वो नहीं गए। जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष ललन सिंह ने इस पर साफ किया था है कि पीएम मोदी ने खुद ही सारे नेताओं को अलग-अलग रैलियां करने कहा है। मोदी ने कहा था कि उनके कार्यक्रम में सबको आने की जरूरत नहीं है। अलग-अलग सभा करने से ज्यादा लोगों तक पहुंचा जा सकता है।
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अगले चार दिन राजधानी पटना से दूर मधेपुरा को बेस कैंप बनाकर जेडीयू और एनडीए के उम्मीदवारों के लिए लोकसभा चुनाव का प्रचार करेंगे। यादवों के रोम के नाम से मशहूर मधेपुरा के आस-पास सीमांचल की ज्यादातर सीटों पर दूसरे चरण में मतदान है जबकि मधेपुरा समेत अररिया, सुपौल में तीसरे चरण में वोटिंग होगी। जेडीयू को इस बार 16 सीट मिली है। 2019 में उसके इतने ही सांसद जीते थे। दूसरे और तीसरे चरण की दस सीटों में सात पर जेडीयू के सांसद हैं। नीतीश के सामने ये सारी सीटें बचाने की चुनौती है।
जेडीयू ने दूसरे चरण की सीटों में पूर्णिया से संतोष कुशवाहा, कटिहार से दुलालचंद गोस्वामी, भागलपुर से अजय मंडल, बांका से गिरधारी यादव और किशनगंज से मुजाहिद आलम को टिकट दिया है। मुजाहिद के अलावा सारे मौजूदा सांसद हैं। किशनगंज सीट 2019 में कांग्रेस के मोहम्मद जावेद ने जीती थी जो बिहार में विपक्ष के इकलौते सांसद थे। तीसरे चरण में मधेपुरा, सुपौल और झंझारपुर जेडीयू की सिटिंग सीट है जबकि अररिया में भाजपा और खगड़िया में लोजपा के सांसद जीते थे। जेडीयू ने मधेपुरा से दिनेशचंद्र यादव, सुपौल से दिलेश्वर कामत और झंझारपुर से रामप्रीत मंडल को फिर से उतारा है। तीनों मौजूदा सांसद हैं।
पहले दिन बांका और भागलपुर गए नीतीश, शनिवार को कटिहार और पूर्णिया की बारी
नीतीश शुक्रवार को मधेपुरा पहुंच गए हैं। अगले चार दिनों तक मुख्यमंत्री रात्रि विश्राम मधेपुरा में करेंगे। यहीं से वो अलग-अलग क्षेत्रों में लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए जाएंगे। नीतीश शुक्रवार को भागलपुर और बांका गए थे। शनिवार को वो कटिहार और पूर्णिया में सभा करेंगे। कटिहार के डंडखोरा और पूर्णिया के बनमनखी में नीतीश की सभा होगी। जनता दल यूनाइडेड के विधान पार्षद ललन सर्राफ ने बताया है कि नीतीश कुमार दूसरे चरण की सभी पांच सीटों पर कम-से-कम दो-दो जनसभाओं को संबोधित करेंगे।
नरेंद्र मोदी की रैली में सबकी जरूरत नहीं; ललन सिंह ने बताया, नीतीश कुमार क्यों गया-पूर्णिया नहीं गए थे
दूसरे चरण की पांच सीटों में भाजपा का कैंडिडेट नहीं है। चुनाव प्रचार का मुख्य जिम्मा नीतीश और जेडीयू पर है। नीतीश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमुई और नवादा की रैलियों में हिस्सा लिया था लेकिन गया और पूर्णिया की रैली में वो नहीं गए। जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष ललन सिंह ने इस पर साफ किया था है कि पीएम मोदी ने खुद ही सारे नेताओं को अलग-अलग रैलियां करने कहा है। मोदी ने कहा था कि उनके कार्यक्रम में सबको आने की जरूरत नहीं है। अलग-अलग सभा करने से ज्यादा लोगों तक पहुंचा जा सकता है।