मोदी सरकार में वैशाली-समस्तीपुर को 2-2 मंत्री, शाहाबाद और सीमांचल समेत 29 जिलों की झोली खाली

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मोदी सरकार में वैशाली-समस्तीपुर को 2-2 मंत्री, शाहाबाद और सीमांचल समेत 29 जिलों की झोली खाली

मोदी सरकार में वैशाली-समस्तीपुर को 2-2 मंत्री, शाहाबाद और सीमांचल समेत 29 जिलों की झोली खाली

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नरेंद्र मोदी सरकार में बिहार से आठ नेताओं को मंत्री बनाया गया है जिनमें चार कैबिनेट और चार राज्यमंत्री शामिल हैं। बीजेपी नेता गिरिराज सिंह और नित्यानंद राय पिछली बार भी मंत्री थे। बाकी छह पहली बार केंद्र में मंत्री बने हैं जिनमें पूर्व सीएम जीतन राम मांझी, जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष ललन सिंह, जेडीयू के राज्यसभा सांसद रामनाथ ठाकुर, लोजपा-आर के अध्यक्ष चिराग पासवान के अलावा बीजेपी के सतीश चंद्र दुबे और राजभूषण चौधरी शामिल हैं। पीएम मोदी की दूसरी सरकार में लोकसभा भंग होने से पहले गिरिराज सिंह, नित्यानंद राय समेत आरके सिंह, पशुपति पारस और अश्विनी चौबे कुल पांच मंत्री बिहार से थे। मोदी सरकार में बिहार से मंत्रियों की संख्या बढ़ी है लेकिन राज्य के 38 में 29 जिलों के हिस्से कोई मंत्री नहीं आया। क्षेत्र के नजरिए से देखें तो सीमांचल और शाहाबाद का इलाका सूना रह गया है।

मोदी मंत्रिपरिषद में उत्तरी बिहार से चार, मिथिलांचल से दो, पूर्वी और दक्षिणी बिहार से एक-एक मंत्री बनाए गए  हैं। लोकसभा के हिसाब से देखें तो इनमें बेगूसराय से गिरिराज सिंह, मुंगेर से ललन सिंह, हाजीपुर से चिराग पासवान, गया से जीतन राम मांझी, उजियारपुर से नित्यानंद राय, मुजफ्फरपुर से राजभूषण चौधरी के अलावा राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र दुबे और रामनाथ ठाकुर शामिल हैं। सतीश चंद्र दुबे बेतिया की पश्चिम चंपारण लोकसभा सीट पहले सांसद रह चुके हैं। भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर समस्तीपुर के हैं। 

जिला के हिसाब से देखें तो ये 8 मंत्री कुल 9 जिलों से ताल्लुक रखते हैं। जीतन राम मांझी गया, चिराग पासवान वैशाली, गिरिराज सिंह बेगूसराय और राज भूषण चौधरी मुजफ्फरपुर जिले के अंदर आने वाली लोकसभा सीट से जीते हैं। उनकी सीटों के अंदर किसी दूसरे जिले का हिस्सा नहीं है। नित्यानंद राय उजियारपुर से जीते हैं जिसकी पांच विधानसभा सीट समस्तीपुर और एक वैशाली में हैं। इस लिहाज से वैशाली जिला को दो मंत्री मिला है। एक चिराग और दूसरे नित्यानंद।

रामनाथ ठाकुर समस्तीपुर के हैं तो नित्यानंद राय के साथ उनको जोड़ लें तो समस्तीपुर को भी दो मंत्री मिले हैं। सतीश चंद्र दुबे राज्यसभा से हैं इसलिए पश्चिम चंपारण के तौर पर उनको गिना जा सकता है। मुंगेर से जीते ललन सिंह की लोकसभा में मुंगेर, लखीसराय और पटना जिला की दो-दो विधानसभा सीट आती है तो ललन सिंह सांसद तो एक सीट के हैं लेकिन उनके मंत्री बनने से तीन जिलों को मिनिस्टर मिल गया है।

सीमांचल में चार लोकसभा सीटें हैं जिनके तहत अररिया, किशनगंज, पूर्णिया और कटिहार जिले आते हैं। शाहाबाद क्षेत्र में बक्सर, भोजपुर, रोहतास और कैमूर आते हैं। इन इलाकों को एक भी मंत्री नहीं मिला है। शाहाबाद क्षेत्र में भाजपा और एनडीए की तगड़ी हार हुई है। महागठबंधन के जीते 9 सांसदों में 6 इसी इलाके से आते हैं।

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