मोतिहारी में मनी लॉन्ड्रिंग का खुलासा: देवा गुप्ता की कंपनी ने 8 साल में किया 100 करोड़ का लेन-देन, ED के निशाने पर 13 कंपनियां – Motihari (East Champaran) News h3>
मोतिहारी में देवा गुप्ता की कंपनी द्वारा चलाए जा रहे मनी लॉन्ड्रिंग के बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ हुआ है। पुलिस की जांच में सामने आया है कि इस कंपनी ने पिछले 8 सालों में 100 करोड़ रुपए से अधिक का अवैध लेन-देन किया है। इस खेल में मोतिहारी के कई बड़े व्या
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मेयर पति और मोतिहारी के सब रजिस्ट्रार सहित 15 लोगों के खिलाफ नगर थाना में केस दर्ज कर पुलिस उनकी तलाश कर रही है। इधर पुलिस की जांच में डी यानि देवा कंपनी का बड़ा अपराध सामने आने के बाद आर्थिक अपराध इकाई भी एक्टिव हो रही है। पुलिस का दावा है कि मामले की जांच में बिहार का बड़ा खुलासा होगा। पढ़िए देवा के डी कंपनी के क्राइम की पूरी क्राइम हिस्ट्री।
कालाधन को सफेद करने का खेल पुलिस सूत्रों के मुताबिक मामला न केवल स्थानीय स्तर पर संगठित अपराध से जुड़ा है, बल्कि इसका नेटवर्क पूरे उत्तर बिहार तक फैला है। डी यानि देवा की कंपनी लंबे समय से मोतिहारी में अवैध गतिविधियों को वैध व्यापार की आड़ में अंजाम दे रही थी। मुख्य रूप से अवैध जमीन पर कब्जा कर, डराने-धमकाने और सस्ते में रजिस्ट्री कराकर करोड़ों में बेचने का पूरा काला कारोबार चलता था।
रोड़ा की विवादित जमीनों को कौड़ी में डरा धमकाकर लेने के बाद आम लोगों को बेचते थे और पैसे का ट्रांजेक्शन शहर के प्रतिष्ठित व्यवसायियों के खाते में करते थे। जांच में जुटी टीम से जुड़े सूत्र बताते हैं, इस नेटवर्क में कृष्णा प्रसाद और उनके बेटा अमित कुमार एवं सुमित कुमार, कुण्डल प्रसाद, नीरज सिंह, चूमन पटेल, कुण्डल प्रसाद के बेटे के अलावा कई सफेदपोश भी शामिल थे। जांच आगे बढ़ी तो बिहार के कई सफेदपोश भी बेनकाब हो जाएंगे।
80 डीड और 13 कंपनियां जांच के घेरे में मामला इतना बड़ा और गंभीर था कि पटना से विशेष टीम जांच के लिए आई। टीम लगभग एक महीने तक गोपनीय जांच की। इस दौरान जिला निबंधन कार्यालय से 80 से अधिक डीड जब्त की गई है। इन दस्तावेजों के आधार पर यह पता लगाया गया कि अवैध पैसे को किन-किन कंपनियों में ट्रांसफर किया गया। जांच में 13 ऐसी कंपनियों की पहचान की गई है जो इस नेटवर्क का हिस्सा बताई जा रही हैं।
100 करोड़ से ज्यादा का ट्रांजेक्शन सूत्रों के अनुसार, इस पूरे नेटवर्क में 100 करोड़ रुपये से अधिक का वित्तीय लेन-देन हुआ है। इसी वजह से प्रवर्तन निदेशालय (ED) अब इस मामले की जांच करने वाली है। ED ने मोतिहारी पुलिस को निर्देश दिया है कि इस नेटवर्क से जुड़े तमाम लोगों की सूची तैयार कर उन्हें उपलब्ध कराई जाए। पुलिस सूत्रों की माने तो ईडी ने मोतिहारी पुलिस ने कई गोपनीय जानकारी और दस्तावेज को मांगा है।
काले कारोबार की जड़ तैयार करने वाली 13 कंपनियां ED की रडार पर हैं। इनमें से कुछ पर पहले ही जीएसटी विभाग और EOU की रेड पड़ चुकी है। अब इनके बैंक खातों, बही-खातों और लेन-देन की पूरी हिस्ट्री खंगाली जा रही है।
जांच एजेंसियों का शिकंजा और आगे की कार्रवाई जिन कंपनियों पर प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी चल रही है। वहीं जिन पर अभी मामला दर्ज नहीं हुआ है, उनसे पूछताछ की जा रही है। ईडी के अलावा अन्य वित्तीय एजेंसियां भी इस नेटवर्क को तोड़ने में जुट गई हैं। एसपी स्वर्ण प्रभात के निर्देश पर अपराध की जड़ तक पहुंचने के लिए एक-एक स्तर पर जांच तेज कर दी गई है।
इस पूरे प्रकरण ने जिले में तहलका मचा दिया है, और आने वाले दिनों में कई और बड़े नाम सामने आ सकते हैं। मामला काफी गंभीर और बड़ी जांच की तरफ जा रहा है, इसलिए अब पुलिस भी मुंह खोलने से बच रही है। हालांकि पुलिस का दावा है कि नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी की जा रही है। उच्च जांच एजेंसियों से जो भी सहयोग मांगा जाएगा वह दिया जाएगा।