मॉडर्न स्लाटर हाउस पर कोर्ट से स्टे, गंदगी व बदबू से राहत की उम्मीद धूमिल | Court stays on Modern Slaughter House, hopes of relief from dirt | News 4 Social h3>
भोपालPublished: Dec 23, 2023 12:51:21 am
10 साल से स्लाटर हाउस को जिंसी से बाहर करने की कवायद
मॉडर्न स्लाटर हाउस पर कोर्ट से स्टे, गंदगी व बदबू से राहत की उम्मीद धूमिल
भोपाल. 10 करोड़ रुपए से निमार्णाधीन अत्याधुनिक स्लॉटर हाउस पर कोर्ट से स्टे हो गया है। कुरैशी सोशल वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से लगाई याचिका पर ये स्थगन दिया गया है। अब जब तक मामला नहीं सुलझता, तब तक निर्माण कार्य आगे नहीं बढ़ेगा। यानी ङ्क्षजसी व इसके आसपास के क्षेत्रों को परंपरागत तरीके से हो रही स्लॉटरिंग से निकलने वाली गंदगी व बदबू से राहत की अभी उमीद नहीं है। पीपीपी मोड पर लाइव स्टॉक कंपनी इसका निर्माण कर रही है। संस्था की ओर से कंपनी पर नियमों और मानकों का उल्लंघन करने के आरोप लगाए गए हैं।
यह होगा फायदा
– आधुनिक स्लॉटर हाउस बनने से ङ्क्षजसी रोड पर गंदगी और बदबू खत्म हो जाती
– आसपास की कॉलोनियां, व्यवसायिक शो रूम के पास संक्रमण और गंदगी हटती
– मशीनों से एक दिन में 200 बड़े और 800 छोटे जानवरों की स्लाङ्क्षटग होती
– स्लाङ्क्षटग में होने वाले पानी के खर्च में 90 प्रतिशत की कमी आती
– दुकानों में खुले मांस की बिक्री बंद होती, पालीथिन में बंद मांस विक्रय होता
– कचरे का शत-प्रतिशत निस्तारण परिसर के अंदर ही कर दिया जाता
– जानवरों के ब्लड को सुखा कर उसे पावडर के रुप में बदल दिया जाता
– जानवरों की स्लाङ्क्षटग से पहले एक बार टेस्ंटिग होती, मांस की गुणवत्ता पता चलती
– एसी वैन से कवर करके मांस का ट्रांस्पोटेशन होता
– नगर निगम को हर साल कम से कम चार लाख रुपए की कमाई होती
इन तर्कों पर स्टे
याचिकाकर्ता मुब्बशीर अहमद का कहना है कि स्लॉटर हाउस शहर की जरूरत के अनुसार हो, लेकिन ये पांच गुना ज्यादा यानि 1500 जानवरों की स्लॉटरिंग के अनुसार है। यानी भोपाल से देशभर में मांस का कारोबार करना चाहते हैं जो गलत है। स्लॉटर हाउस के पास ही एनीमल मार्केट की जगह मिले। नीलामी प्रक्रिया में स्लाटर हाउस एजेंसी का दखल न हो। करीब 1000 लोग इस काम से सीधे जुड़े हैं, उनके व्यवस्थापन पर भी बात हो।
एनजीटी ने कहा था-बंद कराएं स्लॉटरिंग
सितंबर 2015 में एनजीटी ने शहर के बीच में हो रही स्लॉटरिंग को बंद कराने के निर्देश दिए थे। इसके बाद निगम व प्रशासन ने स्लॉटर हाउस को शहर से बाहर शिट करने की प्रक्रिया शुरू की थी। लेकिन ऐसा नहीं किया जा सका।
इनका कहना है
नगर निगम शहर हित में प्रोजेक्ट तैयार करवा रहा है। कोर्ट के निदेर्शों का पालन करते हुए आगे काम करेंगे।
– फ्रैंक नोबल, निगमायुक्त
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भोपालPublished: Dec 23, 2023 12:51:21 am
10 साल से स्लाटर हाउस को जिंसी से बाहर करने की कवायद
मॉडर्न स्लाटर हाउस पर कोर्ट से स्टे, गंदगी व बदबू से राहत की उम्मीद धूमिल
भोपाल. 10 करोड़ रुपए से निमार्णाधीन अत्याधुनिक स्लॉटर हाउस पर कोर्ट से स्टे हो गया है। कुरैशी सोशल वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से लगाई याचिका पर ये स्थगन दिया गया है। अब जब तक मामला नहीं सुलझता, तब तक निर्माण कार्य आगे नहीं बढ़ेगा। यानी ङ्क्षजसी व इसके आसपास के क्षेत्रों को परंपरागत तरीके से हो रही स्लॉटरिंग से निकलने वाली गंदगी व बदबू से राहत की अभी उमीद नहीं है। पीपीपी मोड पर लाइव स्टॉक कंपनी इसका निर्माण कर रही है। संस्था की ओर से कंपनी पर नियमों और मानकों का उल्लंघन करने के आरोप लगाए गए हैं।
यह होगा फायदा
– आधुनिक स्लॉटर हाउस बनने से ङ्क्षजसी रोड पर गंदगी और बदबू खत्म हो जाती
– आसपास की कॉलोनियां, व्यवसायिक शो रूम के पास संक्रमण और गंदगी हटती
– मशीनों से एक दिन में 200 बड़े और 800 छोटे जानवरों की स्लाङ्क्षटग होती
– स्लाङ्क्षटग में होने वाले पानी के खर्च में 90 प्रतिशत की कमी आती
– दुकानों में खुले मांस की बिक्री बंद होती, पालीथिन में बंद मांस विक्रय होता
– कचरे का शत-प्रतिशत निस्तारण परिसर के अंदर ही कर दिया जाता
– जानवरों के ब्लड को सुखा कर उसे पावडर के रुप में बदल दिया जाता
– जानवरों की स्लाङ्क्षटग से पहले एक बार टेस्ंटिग होती, मांस की गुणवत्ता पता चलती
– एसी वैन से कवर करके मांस का ट्रांस्पोटेशन होता
– नगर निगम को हर साल कम से कम चार लाख रुपए की कमाई होती
इन तर्कों पर स्टे
याचिकाकर्ता मुब्बशीर अहमद का कहना है कि स्लॉटर हाउस शहर की जरूरत के अनुसार हो, लेकिन ये पांच गुना ज्यादा यानि 1500 जानवरों की स्लॉटरिंग के अनुसार है। यानी भोपाल से देशभर में मांस का कारोबार करना चाहते हैं जो गलत है। स्लॉटर हाउस के पास ही एनीमल मार्केट की जगह मिले। नीलामी प्रक्रिया में स्लाटर हाउस एजेंसी का दखल न हो। करीब 1000 लोग इस काम से सीधे जुड़े हैं, उनके व्यवस्थापन पर भी बात हो।
एनजीटी ने कहा था-बंद कराएं स्लॉटरिंग
सितंबर 2015 में एनजीटी ने शहर के बीच में हो रही स्लॉटरिंग को बंद कराने के निर्देश दिए थे। इसके बाद निगम व प्रशासन ने स्लॉटर हाउस को शहर से बाहर शिट करने की प्रक्रिया शुरू की थी। लेकिन ऐसा नहीं किया जा सका।
इनका कहना है
नगर निगम शहर हित में प्रोजेक्ट तैयार करवा रहा है। कोर्ट के निदेर्शों का पालन करते हुए आगे काम करेंगे।
– फ्रैंक नोबल, निगमायुक्त