‘मैं बड़े भाई का राजनीतिक उत्तराधिकारी हूं’, हाजीपुर सीट पर दावेदारी को लेकर फिर भिड़े चाचा पशुपति और चिराग

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‘मैं बड़े भाई का राजनीतिक उत्तराधिकारी हूं’, हाजीपुर सीट पर दावेदारी को लेकर फिर भिड़े चाचा पशुपति और चिराग

‘मैं बड़े भाई का राजनीतिक उत्तराधिकारी हूं’, हाजीपुर सीट पर दावेदारी को लेकर फिर भिड़े चाचा पशुपति और चिराग

पटना: केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) के प्रमुख पशुपति कुमार पारस ने मंगलवार को कहा कि जिस तरह से भगवान राम के लिए लक्ष्मण थे, उसी तरह मैं अपने दिवंगत बड़े भाई रामविलास पासवान का राजनीतिक उत्तराधिकारी हूं। उन्होंने यह दावा भी किया कि उनके भतीजे और लोकसभा सदस्य चिराग पासवान को कानून के मुताबिक सिर्फ उनके पिता की संपत्ति विरासत में मिलेगी।

पारस की दावेदारी

पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का लंबी बीमारी के बाद अक्टूबर, 2020 में निधन हो गया। उनके बेटे चिराग पासवान और छोटे भाई पारस के बीच मतभेद के बाद उनकी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) दो गुटों में बंट गई। चिराग की अगुवाई वाली लोजपा (रामविलास) और पारस के नेतृत्व वाली रालोजपा दोनों भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का हिस्सा हैं। पारस ने एक बार फिर हाजीपुर सीट को लेकर अपनी दावेदारी को दोहराया है। जिसके बाद चाचा-भतीजा में एक बार फिर सियासी शीत युद्ध शुरू होने की संभावना प्रबल हो गई है।

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बड़े भाई का उत्तराधिकारी- पारस

पारस ने यहां एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से यह भी कहा कि वह 2024 का लोकसभा चुनाव बिहार की हाजीपुर सीट से लड़ेंगे। उन्होंने दावा किया कि रामविलास पासवान ने उन्हें 2019 में भी इस निर्वाचन क्षेत्र से लड़ने के लिए कहा था। राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रोलजपा) के प्रमुख और लोकसभा में हाजीपुर का प्रतिनिधित्व करने वाले पारस ने कहा कि उन्होंने (रामविलास पासवान) मुझसे उनकी विरासत को आगे बढ़ाने और उनके अधूरे सपनों को पूरा करने के लिए कहा था।

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चिराग सिर्फ संपत्ति का उत्तराधिकारी-पारस

उन्होंने कहा कि कानून के मुताबिक चिराग पासवान रामविलास पासवान की संपत्ति के उत्तराधिकारी हैं। लेकिन मैं अपने दिवंगत बड़े भाई का (राजनीतिक) उत्तराधिकारी हूं, जिस तरह रामायण में भगवान राम के भाई लक्ष्मण थे। पारस ने दावा किया कि उन्होंने (रामविलास पासवान) राज्यसभा के लिए चुने जाने के बाद मुझे अपनी हाजीपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए कहा था और यह भी बोला था कि उन्हें परिवार में किसी अन्य से ज्यादा मुझ पर भरोसा है। मैं इस सीट से चुनाव लड़ने का इच्छुक नहीं था, लेकिन उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए कहा। उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब उनके भतीजे चिराग पासवान ने 2024 का आम चुनाव हाजीपुर से लड़ने की इच्छा जताई है।

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