मेवाड़ी शिल्पकला का अद्भुत संगम है श्री तेजानंद बिहारी दाता मंदिर, रानी आनंदकुंवर ने बनवाया था – Udaipur News

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मेवाड़ी शिल्पकला का अद्भुत संगम है श्री तेजानंद बिहारी दाता मंदिर, रानी आनंदकुंवर ने बनवाया था – Udaipur News

मेवाड़ी शिल्पकला का अद्भुत संगम है श्री तेजानंद बिहारी दाता मंदिर, रानी आनंदकुंवर ने बनवाया था – Udaipur News

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शहर में स्थित श्री तेजानंद बिहारी दाता मंदिर अपनी भव्यता, धार्मिक आस्था और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर सेरिंग तालाब के किनारे स्थित है। मंदिर की बनावट मेवाड़ी शिल्पकला का सुंदर उदाहरण है। मंदिर का निर्माण उन्नीसवीं सदी में सलूंबर रावत तेजसिंह के निधन के बाद उनकी पत्नी रानी आनंदकुंवर जगमालोत ने करवाया था। उन्होंने भगवान को अपनी संतान मानकर मंदिर के वैभव को बढ़ाने में जीवन समर्पित किया।

मंदिर का मुख्य द्वार प्रथम तल पर है। यहां मक्खन बनाती महिलाओं की मूर्तियां नजर आती हैं। गर्भगृह में भगवान राजाराम, लक्ष्मणजी और सीतामैया की श्वेत पाषाण से बनी प्रतिमाएं स्थापित हैं। भगवान के चरणों में रजत पटल पर रामभक्त हनुमानजी और महाराज का आकर्षक स्वरूप उकेरा गया है। मंदिर में गणपति, शिवजी और हनुमानजी की मूर्तियां भी अलग-अलग स्थानों पर स्थापित हैं। गर्भगृह और बरामदे में प्राचीन कलाकृति के अद्भुत दृश्य देखने को मिलते हैं। मंदिर में राजघराने के चित्र शीशे में जड़े हुए हैं। गोखड़ा मेवाड़ी शैली की समृद्धता को दर्शाता है। यहां से सेरिंग तालाब का दृश्य मन को शांति देता है।

मंदिर में प्राचीन समय से फव्वारे भी आकर्षण का केंद्र रहे हैं। बताया जाता है कि भूतल पर स्थित कुएं से रहट के माध्यम से पानी द्वितीय तल तक पहुंचाया जाता था। इससे फव्वारे चलते थे। यह तकनीक बिना मोटर के पानी ऊपर पहुंचाने की प्राचीन उन्नत विज्ञान को दर्शाती है। शहर के वरिष्ठजनों के अनुसार रानी आनंदकुंवर ने भगवान के लिए बहुमूल्य आभूषण, रजत खिलौने, हिण्डोले, रजत रथ और अन्य सामग्री बनवाई थी। अस्सी के दशक में मंदिर देवस्थान विभाग के अधीन चला गया।

{शहर में भगवान राम का जन्मोत्सव मनाने के लिए श्री राम जन्मोत्सव समिति के अध्यक्ष प्रदीप माहेश्वरी, सचिव कुश व्यास, डॉ. लव व्यास, प्रमोद बाहेती, शंकरलाल ताजावत, इन्द्रजीत सोनी, विजय सेवक, करणसिंह पंवार, राकेश प्रजापत सहित सैकड़ों कार्यकर्ता आयोजन में जुटे हैं। जिले का दर्जा मिलने के बाद देवस्थान विभाग भी मंदिर की ओर ध्यान दे रहा है।

शनिवार को मंदिर परिसर में भजन संध्या हुई। इसमें ‘तेरा रामजी करेंगे बेड़ापार’, ‘उदास मन काहे को करे’, ‘नैया तेरी राम हवाले’ जैसे भजनों की प्रस्तुति ने भक्तों को भावविभोर कर दिया। रविवार शाम को शोभायात्रा निकाली जाएगी। इसके लिए तैयारियां अंतिम चरण में हैं। शोभायात्रा में कीर्तन, झांकियां, भगवान की रजत पालकी और भगवान राजा राम के जीवन चरित्र पर आधारित विशेष झांकियां आकर्षण का केंद्र रहेंगी। मंदिर को विद्युत सज्जा से सजाया गया है। आयोजन को लेकर कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।

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