मेरठ में ताजिए रोकने पर विवाद: लालकुर्ती पुलिस ने ऊंचाई का हवाला देकर जुलूस रोका, दोनों पक्षों में चल रही वार्ता – Meerut News h3>
मेरठ में रविवार रात पुलिस के ताजिए रोकने पर विवाद हो गया। ताजिए की ऊंचाई अधिक बताई जा रही थी। देखते ही देखते मामला इतना गरमाया कि जुलूस में शामिल लोगों ने पुलिस पर ज्यादती का आरोप लगा दिया और इस साल ताजिए नहीं निकालने का ऐलान कर दिया। अफसरों के फोन घ
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जुलूस में शामिल लोगों को समझाते एसओ लालकुर्ती।
की गहमागहमी के बाद मामला शांत हुआ। तब जाकर ताजिए करबला के लिए रवाना हुए। प्रशासन ने मोहर्रम के जुलूस में शामिल होने वाले ताजिए की ऊंचाई 12 फीट तय की थी। लालकुर्ती में शाम को ताजिए निकलने का समय हुआ तो पुलिस भी ड्यूटी पर आ गई। इसी दौरान फव्वारा चौक के पास खडे ताजिए की ऊंचाई को लेकर गहमागहमी शुरु हो गई। यहां कई ताजिए 18 से 20 फीट ऊंचाई के थे। पुलिस ने ऊंचाई अधिक होने का हवाला देकर जुलूस रोक दिया। इसके बाद लोग इकट्ठा होते चले गए। थानाध्यक्ष लालकुर्ती हरेंद्र कुमार सिंह और सीओ कैंट संतोष कुमार सिंह से उनकी नोकझोंक शुरु हो गई।
पुलिस पर ज्यादती का लगा आरोप जुलूस रोकने जाने को लेकर लोग खासा नाराज दिखे। उन्होंने पुलिस पर ज्यादती का आरोप लगा दिया। लोगों का कहना था कि उनके ताजिए वर्षों से इसी ऊंचाई के बनाए जा रहे हैं और यह उनकी धार्मिक परम्परा का हिस्सा हैं। वह इसमें बदलाव नहीं कर सकते।
पुलिस बोली, ऊंचे ताजिए से हादसे का खतरा सीओ कैंट संतोष कुमार सिंह का कहना था कि ताजिए निकालने वाले लोगों की जानमाल की सुरक्षा को देखते ही ऊंचाई निर्धारित की गई थी। पुलिस लोगों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करती है लेकिन उन्हें कानून व्यवस्था का भी पालन कराना है। ऊंचे ताजिए यातायात बाधित कर लोगों के लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं।
एसपी सिटी ने किया समझाने का प्रयास जुलूस रोके जाने की सूचना पर अफसरों के फोन घनघना उठे। तरह तरह की अफवाह फैल गई। आनन फानन में एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह लालकुर्ती पहुंचे और जुलूस में शामिल लोगों से बात की। युवा सेवा समिति से बदर अली भी पहुंच गए। लेकिन लोग मानने को तैयार नहीं थे, जिस कारण एसपी सिटी ने सभी खलीफाओं के साथ मीटिंग बुला ली।
जुलूस की सुरक्षा महत्वपूर्ण… एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने कहा कि ताजिए की ऊंचाई अधिक रहेगी तो हादसे का खतरा बना रहता है। इससे अव्यवस्था भी फैलती है। इसी को लेकर बातचीत की जा रही है। बातचीत में सभी ताजिए के खलीफा बुलाए गए हैं।