मेगा एंपायर-छोटी दुकान से शुरू हुआ मालाबार गोल्ड: 51 हजार करोड़ का रेवेन्यू, कभी मसाले-नारियल बेचते थे

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मेगा एंपायर-छोटी दुकान से शुरू हुआ मालाबार गोल्ड:  51 हजार करोड़ का रेवेन्यू, कभी मसाले-नारियल बेचते थे
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मेगा एंपायर-छोटी दुकान से शुरू हुआ मालाबार गोल्ड: 51 हजार करोड़ का रेवेन्यू, कभी मसाले-नारियल बेचते थे

अगले वित्तीय वर्ष का बजट आने के बाद से सोने के दाम में लगातार तेजी आ रही है। 7 फरवरी को सोने का दाम 86 हजार के पार हो गया। बाजार में 24 कैरेट प्रति 10 ग्राम 86,600 पर पहुंच गया।

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इस बीच दुनिया की छठी सबसे बड़ी गोल्ड एंड डायमंड्स कंपनी मालाबार न्यूजीलैंड में तीन शोरूम खोलेगी। इसके लिए फिलहाल कंपनी 37,257 करोड़ इन्वेस्ट करेगी।

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मालाबार गोल्ड एंड डायमंड्स का पूरा इंटरनेशनल बिजनेस UAE में बने मालाबार के इंटरनेशनल हब से होता है।

आज मेगा एंपायर में कहानी मालाबार गोल्ड एंड डायमंड्स की….

मालाबार गोल्ड एंड डायमंड्स के 13 देशों में 375 से ज्यादा रिटेल आउटलेट्स हैं। 1993 में शुरू हुई मालाबार 51 हजार करोड़ के रेवेन्यू के साथ देश की सबसे बड़ी ज्वेलरी कंपनी बन गई है। कंपनी के 21 हजार कर्मचारी हैं।

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1993 में मालाबार ज्वेलर्स का पहला स्टोर खोला गया था।

लोकल व्यापारियों को पार्टनर बनाने का बिजनेस मॉडल मालाबार गोल्ड एंड डायमंड्स का बिजनेस मॉडल सबसे अलग है। कंपनी जब भी कोई नया स्टोर खोलती है, तो लोकल व्यापारियों को पार्टनर बना लेती है। कुछ स्टोर कंपनी खुद भी चलाती है, लेकिन जहां पार्टनरशिप होती है, वहां कंपनी क्वालिटी और ऑपरेटिंग पर पूरा कंट्रोल रखती है।

कंपनी अपने पार्टनर को प्रॉफिट का एक हिस्सा देती है। साथ ही, 15% तक ब्याज भी दिया जाता है। कंपनी कभी भी अपने स्टोर्स रेंट की दुकानों पर नहीं खोलती, बल्कि जमीन खरीद कर बनाती है, जिससे उनकी असेट्स की कीमत बढ़ती रहती है।

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मसाले व्यापारी ने शुरू किया था मालाबार गोल्ड एंड डायमंड्स केरल के करायड़ गांव में रहने वाले 24 साल के एमपी अहमद ने 1981 में पिता के निधन के बाद कोझिकोड में बिजनेस करने का फैसला लिया। अहमद के पिता किसान थे। शुरुआत में अहमद सब्जी और मसालों का व्यापार करते थे, क्योंकि इलाके में इसकी पैदावार ज्यादा थी। फिर खोपरा यानी सूखे नारियल का व्यापार शुरू किया। अहमद देश में कई जगह नारियल तेल के लिए खोपरा सप्लाई करने लगे।

मुंबई की ‘कोकोकेयर’ से अहमद को बड़ा कॉन्ट्रैक्ट मिला। इसे पूरा करने के लिए उन्होंने बैंक से लोन लिया। कपंनी को खोपरा की सप्लाई भी कर दी, लेकिन कोकोकेयर कंपनी दिवालिया हो गई। अहमद के 17 लाख रुपए इस प्रोजेक्ट में फंस गए। जिसके बाद अहमद को ये बिजनेस बंद करना पड़ा।

बाद में ‘कोकोकेयर’ को हिंदुस्तान यूनिलीवर ने 22 करोड़ रुपए में खरीद लिया। एक ऐसी कंपनी जो अहमद की पेमेंट नहीं दे पा रही थी, वो 22 करोड़ में बिक गई। ये बात अहमद को हिट कर गई। इससे उन्हें ब्रांड की ताकत का एहसास हुआ। उन्होंने तय किया कि वे खुद का ब्रांड बनाएंगे।

2013 में कंपनी ने गुरुग्राम में 100वां शोरूम खोला था।

200 स्क्वायर फीट की दुकान से शुरू हुआ मालाबार गोल्ड 1990 के दशक में भारत में फाइनेंशियल इम्प्रूवमेंट हो रहे थे। रुपए की कीमत गिर रही थी। 1990 में 1 डॉलर, 17.5 रुपए का था। उस वक्त सोना सबसे सुरक्षित इन्वेस्टमेंट माना जाता था। अहमद को दोस्तों ने बताया कि सोने की कीमत बढ़ेगी।

तब अहमद ने ज्वेलरी शॉप खोलने के बारे में सोचा। 1993 में केरल के कोझिकोड में एमपी अहमद ने 200 स्क्वायर फीट की ज्वेलरी शॉप खोली। इस शॉप के लिए उन्होंने घर गिरवी रखकर बैंक लोन लिया था। दुकान के साथ इन्वेस्टर्स जोड़े और खुद की 58% की हिस्सेदारी रखी। उनके रिश्तेदार भी कारोबार में शामिल हुए।

मालाबार महोत्सव से चुना कंपनी का नाम

कोझिकोड के कलेक्टर अमिताभ कांत ने शहर के डेवलपमेंट और कल्चरल हैरिटेज को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की थीं। उन्होंने इसके लिए ‘मालाबार महोत्सव’ की शुरुआत की। इसमें शास्त्रीय नृत्य, पारंपरिक कला और संगीत कार्यक्रम हुए।

इस महोत्सव में अमजद अली खान और जाकिर हुसैन जैसे दिग्गज कलाकार भी शामिल हुए। उस समय ‘मालाबार’ नाम चर्चा में था। इसलिए अहमद ने ज्वेलरी शॉप का नाम मालाबार चुना। यहीं से ‘मालाबार गोल्ड एंड डायमंड्स’ की शुरुआत हुई।

एमपी अहमद मालाबार गोल्ड एंड डायमंड्स के फाउंडर हैं।

दुनिया की छठी सबसे बड़ी ज्वेलरी कंपनी एमपी अहमद की पहली दुकान सफल रही। अहमद ने 22 कैरेट सोने की गारंटी दी। उन्होंने ‘बायबैक’ और ‘लाइफटाइम फ्री मेंटेनेंस’ जैसे ऑफर देना शुरू किया। 1996 में उन्होंने तिरूर में दूसरा स्टोर खोला। 2008 में कंपनी ने यूएई में 20वां स्टोर खोला। 2013 में गुरुग्राम में 100वां स्टोर शुरू किया।

2013 से 2018 के बीच स्टोर की संख्या दोगुनी हो गई। अब कंपनी के 4,000 से ज्यादा इन्वेस्टर हैं। इनमें 800 कर्मचारी भी हैं। कंपनी फ्रेंचाइजी और खुद के स्टोर दोनों मॉडल पर काम करती है।

2024 में कंपनी की सालाना कमाई 51,474 करोड़ रुपए रही। यह दुनिया की छठी सबसे बड़ी ज्वेलरी कंपनी बन गई है। कंपनी हर साल लगभग 50 मीट्रिक टन सोने का कारोबार करती है।

नई जगहों पर एक्सपेंशन का प्लान अब कंपनी दक्षिण भारत के अलावा पश्चिम, पूर्व और उत्तर भारत में एक्सपेंशन कर रही है। फोर्ब्स की रिपोर्ट के मुताबिक तमिलनाडु में कंपनी बड़ा इन्वेस्टमेंट करने जा रही है। झारखंड, गोवा, असम और त्रिपुरा में भी स्टोर खोलने का प्लान है। दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, बांग्लादेश, तुर्की में भी कारोबार बढ़ाएगी।

कंपनी 2026 में ला सकती है IPO अब कंपनी IPO लाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए 50 से ज्यादा कंपनियों को मिलाकर एक होल्डिंग कंपनी बनाई जाएगी। EY, Deloitte और PWC को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। 2026 तक लिस्टिंग की प्लानिंग है। अब कंपनी इलेक्ट्रॉनिक्स कारोबार में भी उतर रही है। ‘ईहम डिजिटल’ नाम से केरल में स्टोर खोले गए हैं।

मालाबार ग्रुप के वर्टिकल्स

  • मालाबार गोल्ड एंड डायमंड्स
  • MGD Lifestyle Jewellery
  • मालाबार डेवलेपर्स
  • मालाबार वॉचेस

रिसर्च: श्रेयांश गौर, गंधर्व झा

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