मूवी रिव्‍यू: क्रिस्‍टोफर नोलन की मास्‍टरपीस है ‘ओपेनहाइमर’, रुला देगा क्‍लाइमेक्‍स

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मूवी रिव्‍यू: क्रिस्‍टोफर नोलन की मास्‍टरपीस है ‘ओपेनहाइमर’, रुला देगा क्‍लाइमेक्‍स

मूवी रिव्‍यू: क्रिस्‍टोफर नोलन की मास्‍टरपीस है ‘ओपेनहाइमर’, रुला देगा क्‍लाइमेक्‍स

‘ओपेनहाइमर’ की कहानी

यह फिल्‍म एक रोमांचक बायोग्राफी ड्रामा है, जो हमें अमेरिकी भौतिक विज्ञानी जे. रॉबर्ट ओपेनहाइमर की जिंदगी में झांकने का मौका देती है। ओपेनहाइमर को ‘परमाणु बम के जनक’ के रूप में जाना जाता है। यह फिल्म अमेरिकी सेना के लिए ओपेनहाइमर के नेतृत्व में ‘ट्रिनिटी’ कोड नाम से दुनिया के पहले परमाणु परीक्षण की कहानी है। यह परीक्षण से पहले और उसके बाद की घटनाओं का बेहद दिलचस्‍प वर्णन है।

‘ओपेनहाइमर’ का ट्रेलर

‘ओपेनहाइमर’ मूवी रिव्‍यू

क्रिस्टोफर नोलन की फिल्मों की कहानी चाहे कितने भी घुमावदार रास्‍ते से होकर गुजरे, फिर चाहे स्‍क्रीनप्‍ले कितना भी जटिल क्‍यों न हो, कहानी के मूल में वह ‘प्यार’ और ‘पछतावा’ की भावना को अपने अंदाज में दिखाने के लिए पहचाने जाते हैं। अपने इसी स्‍टाइल में उन्‍होंने सामान्य से हटकर ‘ओपेनहाइमर’ को एक मास्‍टरपीस की तरह तैयार किया है। एक इंसान के मोहभंग पर बनी एक ऐसी फिल्‍म है, जो हमेशा याद रखी जाएगी। एक इंसान की सबसे बड़ी खोज और बहादुरी, उसके विनाश का सबसे बड़ा कारण बन जाता है। ओपेनहाइमर भले ही एक प्रतिभाशाली इंसान रहे हों, लेकिन वह दुनिया के तौर-तरीकों से अनजान थे। उन्होंने अपने मन की बात कही। सब पर भरोसा किया और फिर इसकी कीमत भी चुकाई।

फिल्‍म की शुरुआत एक साइकोलॉजिकल हॉरर-इन्वेस्ट‍िगेटिव थ्रिलर की तरह होती है। पर्दे पर इतिहास के पन्‍नों में दर्ज कई घटनाओं को दोहराया जाता है। नोलन ने पर्दे पर ड‍िटेल‍िंग के लिए IMAX कैमरे का बखूबी इस्‍तेमाल किया है। आप पर्दे पर एक्‍टर्स के बेहद करीब महसूस करते हैं। उनके चेहरे के हर बदलते रंग, हर अनकही भावना और हर गिरते आंसू को महसूस करते हैं। खासकर उस भयावह विस्फोट के सीन में तेज गर्जना वाली आवाज और घुप शांति की लुका-छिपी एक अलग तरह का अनुभव देती है। लुडविग गोरान्सन का म्‍यूजिक फिल्म को बेचैनी से भर देता है। यह टिक-टिक करते टाइम बम के जैसा है। क्रिस्‍टोफर नोलन घड़ी की सूइयों से कदमताल करते हुए आपकी चिंता को बढ़ाते हैं, आपको भावनात्मक रूप से ऐसा जकड़ लेते हैं कि आपकी थमने में कोई दिलचस्‍पी नहीं रहती है। आख‍िर में जब वह अपने मुख्य किरदार को अपने ही अपराध बोध की कैद से मुक्त करते हैं, तो बतौर दर्शक आप खुद को आंसू में डूबा हुआ पाते हैं।

‘ओपेनहाइमर’ में क‍िल‍ियन मर्फी

तीन घंटे लंबी यह फिल्म पुलित्जर अवॉर्ड विनर की बायोग्राफी ‘अमेरिकन प्रोमेथियस: द ट्रायम्फ एंड ट्रेजेडी ऑफ जे. रॉबर्ट ओपेनहाइमर’ पर आधारित है। नोलन की फिल्‍म प्रसिद्ध और विवादास्पद भौतिक विज्ञानी की जीवन कहानी का बड़ी सावधानी से आम फैशन से अलग अंदाज में अनुसरण करती है। परमाणु परीक्षण और उसके परिणामों से जुड़ी प्रमुख घटनाओं को संबोधित करते हुए कहानी अतीत और वर्तमान के बीच घूमती रहती है। नोलन ने फिल्‍म में अमेरिकी यहूदियों के खुद के समीकरण, अल्बर्ट आइंस्टीन सहित साथी वैज्ञानिकों, राजनीतिक सक्रियता का लेफ्ट के प्रति झुकाव, रूसी जासूस होने के आरोपों के बीच एक अनुचित सरकारी सुनवाई और सुरक्षा मंजूरी को रद्द करने जैसे फैसले को भी शामिल किया है।

एक इंसान जो अपनी खोज पर बहुत गर्व करता था, वह अब कभी भी आंख उठाकर नहीं देख सकता। फिल्‍म में परमाणु बम बनाना और उसका परीक्षण सिर्फ एक हिस्‍सा है, जबकि यह बड़े पैमाने पर इस बम को बनाने वाले की मानसिकता का अध्ययन है। कहानी इस बात पर जोर देती है कि कैसे ओपेनहाइमर की महत्वाकांक्षा और भौतिकी के प्रति उनके प्रेम ने उन्‍हें विनाश और नैतिक संकोच की भावना से भर दिया। क्रिस्‍टोफर नोलन ने बड़ी चतुराई से अपनी फिल्म में ओपेनहाइमर के दिल को, उनके ही दिमाग के विरुद्ध खड़ा कर दिया। दिल और दिमाग के बीच इस युद्ध को दिखाने में डायरेक्‍टर ने बड़ी कुशलता से सफलता हासिल की है।

cillian-murphy

‘ओपेनहाइमर’ में क‍िल‍ियन मर्फी

यदि आपकी द्वितीय विश्व युद्ध में रुचि रही है और आप इसके जानकार हैं, तो आपको जर्मनी-अमेरिका-जापान-रूस की हथियारों की होड़ का अंदाजा होगा। यह फिल्‍म आपको इस होड़ के साथ चल रही सामाजिक-राजनीतिक स्थिति को समझने में मदद करती है।

फिल्‍म यह द‍िखाती है कि फासीवाद से लड़ने और लोगों की जान बचाने की एक इंसान की इच्छा, कैसे मानव जीवन के विनाश का सबसे बड़ा कारण बनी। ओपेनहाइमर का किरदार क‍िल‍ियन मर्फी से बेहतर शायद ही कोई निभा सकता था। उनकी चुभती हुई नीली आंखें, पीड़ा और शांति से भरे गुस्‍से को जबरदस्त तरीके से बयान करती है। रॉबर्ट डाउनी जूनियर और एमिली ब्लंट अपने-अपने किरदार में बेहतरीन हैं। मैट डेमन, रामी मालेक और केनेथ ब्रानघ को एक्‍सटेंडेड कैमियो में अच्छी भूमिकाएं दी गई हैं।

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‘ओपेनहाइमर’ एक फिल्‍म के तौर पर आपको भीतर तक झकझोर देती है। चकनाचूर कर देती है। यह अपराधबोध और मन के अंदर के उथल-पुथल से पीड़‍ित एक व्यक्ति पर कहानी है। एक इंसान जो ‘मौत’ बन गया, दुनिया का विनाशक कहलाया।

क्‍यों देखें- ‘ओपेनहाइमर’ क्रिस्‍टोफर नोलन की मास्‍टरपीस है। यह एक ऐसी फिल्‍म है, जो आपके दिल और दिमाग में एक लंबे समय तक साथ रहने वाली है।