मुझे तो यह भी नहीं कि…राहुल द्रविड़ ने अय्यर-ईशान को कॉन्ट्रैक्ट से बाहर करने पर तोड़ी चुप्पी

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मुझे तो यह भी नहीं कि…राहुल द्रविड़ ने अय्यर-ईशान को कॉन्ट्रैक्ट से बाहर करने पर तोड़ी चुप्पी


मुझे तो यह भी नहीं कि…राहुल द्रविड़ ने अय्यर-ईशान को कॉन्ट्रैक्ट से बाहर करने पर तोड़ी चुप्पी

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बीसीसीआई ने पिछले महीने बल्लेबाज श्रेयस अय्यर और ईशन किशान को सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर कर दिया था। बीसीसीआई ने अय्यर और ईशान को घरेलू क्रिकेट खेलने की हिदायत दी थी, जिसकी दोनों ने अनदेखी की। दोनों को कॉन्ट्रैक्ट से बाहर किए जाने को लेकर अब टीम इंडिया के हेड कोच राहुल द्रविड़ ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने कहा कि अय्यर-ईशान द्वारा कॉन्ट्रैक्ट खोने से टीम मैनेजमेंट का कोई कोई लेना-देना नहीं। कोच ने साथ ही खिलाड़ियों से कड़ी मेहनत करने और चयनकर्ताओं का विश्वास हासिल करने का आग्रह किया।

भारत ने शनिवार को धर्मशाला में इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें टेस्ट में पारी और 64 रन से जीत दर्ज की थी। भारत ने पांच मैचों की सीरीज पर 4-1 से कब्जा जमाया। धर्मशाला टेस्ट जीतने के बाद द्रविड़ ने कहा, ”मैं कॉन्ट्रैक्ट डिसाइड नहीं करता और ना ही उस पर चर्चा करता। मुझे तो यह भी नहीं पता कि क्राइटेरिया क्या है। दोनों दावेदार हैं (टीम में जगह के) और उम्मीद करते हैं कि वे क्रिकेट खेलेंगे। उम्मीद करते हैं वे फिट रहेंगे और चयनकर्ताओं द्वारा चुने जाने के लिए जी जान लगाएंगे। कोई भी दावेदारी से बाहर नहीं है। बिना कॉन्ट्र्रैक्ट वाले खिलाड़ी भी खेल चुके हैं।”

कोच ने कहा, ”रोहित और मैं प्लेइंग इलेवन सिलेक्ट करते हैं। कभी-कभी मुझे यह भी पता नहीं होता कि कौन अनुबंधित है और कौन नहीं। कोई भी टीम से बाहर नहीं है।” बता दें कि ईशान ने दिसंबर में दक्षिण अफ्रीका टेस्ट सीरीज से नाम वापस लेने के बाद से भारत के लिए कोई मैच नहीं खेला है। वहीं, अय्यर को इंग्लैंड टेस्ट सीरीज के शुरुआती दो मैचों में मौका मिला, जिसमें वह धमाल नहीं मचा सके। अय्यर को उसके बाद ड्रॉप कर दिया गया। वह पीठ में परेशानी के कारण रणजी ट्रॉफी क्वार्टर फाइनल में नहीं खेले। हालांकि, एनसीए ने अय्यर को फिट घोषित कर दिया था।

ऑलराउंडर शार्दुल ठाकुर ने हाल ही में सुझाव दिया था कि रणजी ट्रॉफी मैचों के बीच ज्यादा दिनों का आराम मिलना चाहिए। द्रविड़ ने ठाकुर के इस सुझाव का समर्थन करते हुए कहा कि जब खिलाड़ी अपनी-अपनी राज्य टीमों का प्रतिनिधित्व कर रहे हों तो वर्कलोड को मैनेज करना महत्वपूर्ण है। मौजूदा रणजी ट्रॉफी सीजन में मैचों के बीच अधिकतम 3 दिन का ब्रेक था। कोच ने कहा, “हमें खिलाड़ियों की बात सुनने की जरूरत है। खिलाड़ी अहम हैं, जो मैदान पर उतरते हैं। अगर वे कह रहे हैं तो हमें यह देखने की जरूरत है कि घरेलू कार्यक्रम को बेहतर तरीके से कैसे मैनेज किया जाए।”



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