मुजफ्फरनगर में मिट्टी का अवैध खनन जारी: विभाग पूरी तरह से हुआ निष्क्रिय, सड़कों पर दौड़ रही मिट्टी भरी ट्रैक्टर ट्रॉली – Muzaffarnagar News

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मुजफ्फरनगर में मिट्टी का अवैध खनन जारी:  विभाग पूरी तरह से हुआ निष्क्रिय, सड़कों पर दौड़ रही मिट्टी भरी ट्रैक्टर ट्रॉली – Muzaffarnagar News
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मुजफ्फरनगर में मिट्टी का अवैध खनन जारी: विभाग पूरी तरह से हुआ निष्क्रिय, सड़कों पर दौड़ रही मिट्टी भरी ट्रैक्टर ट्रॉली – Muzaffarnagar News

वरुण शर्मा | मुजफ्फरनगर3 मिनट पहले

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मुजफ्फरनगर में मिट्टी के अवैध खनन का कारोबार जारी।

मुजफ्फरनगर जिले में मिट्टी के अवैध खनन का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। खनन माफिया खुलेआम सड़कों पर दौड़ती ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से मिट्टी की ढुलाई कर रहे हैं, लेकिन खनन विभाग इस अवैध कारोबार को रोकने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहा है। गुरुवार को एक बार फिर जौली रोड पर मिट्टी से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली बेखौफ दौड़ती नजर आई, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया।

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खनन माफियाओं के आगे नतमस्तक विभाग!

जिले में खनन माफियाओं का आतंक इस कदर बढ़ गया है कि खनन विभाग उनके सामने नतमस्तक नजर आ रहा है। न तो अवैध खनन के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई हो रही है और न ही सड़कों पर दौड़ती बिना नंबर की ट्रैक्टर ट्रॉलियों पर कोई रोक लगाई जा रही है। इन ट्रैक्टर ट्रॉलियों से जहां सड़कें खराब हो रही हैं, वहीं लगातार हादसों की घटनाएं भी बढ़ रही हैं।

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शहर में हर तरफ मिट्टी ढोती ट्रॉलियों का कब्जा

शहर के किसी भी बाहरी छोर की ओर चले जाइए, आपको मिट्टी से लदी ट्रैक्टर ट्रॉलियां बेखौफ दौड़ती दिख जाएंगी। जौली रोड, भोपा रोड, रोहाना रोड और मंसूरपुर जैसे इलाकों में सुबह से लेकर देर रात तक मिट्टी की ढुलाई जारी रहती है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि खनन माफियाओं के खिलाफ शिकायत करने के बावजूद प्रशासन कार्रवाई नहीं करता।

प्रशासन और विभाग की चुप्पी पर सवाल

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इस अवैध कारोबार को रोकने की जिम्मेदारी खनन विभाग, ट्रैफिक पुलिस, ARTO और जिला प्रशासन की है, लेकिन चारों ही विभाग मूकदर्शक बने हुए हैं। स्थानीय निवासी रवि शर्मा कहते हैं, “मिट्टी से लदी ट्रॉलियों की तेज रफ्तार के कारण सड़क पर हादसे आम हो गए हैं, लेकिन प्रशासन कोई कदम नहीं उठा रहा।”

मिट्टी से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली।

सिर्फ कागजों में हो रही कार्रवाई

खनन विभाग के अधिकारियों का दावा है कि अवैध खनन पर समय-समय पर कार्रवाई की जाती है, लेकिन जमीन पर हकीकत कुछ और ही नजर आती है। सूत्रों की मानें तो अवैध खनन से प्रतिदिन लाखों रुपये की कमाई हो रही है, जिसमें विभाग के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत भी बताई जा रही है।

प्रशासन कब जागेगा?मिट्टी के इस अवैध खनन से न केवल सरकारी खजाने को चूना लग रहा है, बल्कि सड़क हादसों की संख्या भी बढ़ रही है। अब देखना यह है कि प्रशासन कब तक इस काले कारोबार पर लगाम लगाने में सफल होता है या फिर खनन माफिया इसी तरह कानून व्यवस्था को ठेंगा दिखाते रहेंगे।

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