मुंगेर के 35 हजार लोग छकेंगे मटन और पुलाव

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मुंगेर के 35 हजार लोग छकेंगे मटन और पुलाव

मुंगेर के 35 हजार लोग छकेंगे मटन और पुलाव

Lalan Singh: जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह आज अपने इलाके में भोज का भव्य कार्यक्रम कर रहे हैं। कोरोना के कारण तीन साल से रुकी परंपरा इस बार नये जोश के साथ आगे बढ़ाई जा रही है। मटन-पुलाव और तरह-तरह के शाकारी व्यंजन बनाए जा रहे हैं

 

हाइलाइट्स

  • मुंगेर में ललन सिंह का भव्य भोज कार्यक्रम
  • ट्रकों में भर कर बाहर से मंगाए गए हैं खस्सी
  • मुंगेर के 35 हजार लोग छकेंगे मटन और पुलाव
  • शाकाहारी न हों निराश, उनके लिए खास इंतजाम
मुंगेर: जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह रविवार को मेजबान बनेंगे। मेहमान होंगे मुंगेर के 35 हजार लोग। सबके लिए लजीज भोजन का पुख्ता इंतजाम है। मांसाहारी (नान वेज खाने वाले) लोगों के लिए तो आज का दिन मजा दिलाएगा। इसलिए कि उनके लिए मटन और पुलाव का पुख्ता इंतजाम है। शाकाहारी (वेजिटेरियन) भी कम आनंद नहीं उठाएंगे। उनके लिए तरह-तरह के व्यंजन बनाने का काम सुबह से ही शुरू हो गया है।

ललन सिंह हर साल देते रहे हैं दावत

साल 2019 से ललन सिंह ने मटन-भात भोज की परंपरा शुरू की थी। दुर्भाग्यवश पहले साल के बाद तीन साल तक भोज के आयोजन को कोरोना महामारी की वजह से रोक देना पड़ा था। इस बार भोज आयोजित होगा, इसकी घोषणा ललन सिंह ने काफी पहले कर दी थी। इस साल का भोज कुछ अर्थों में काफी महत्वपूर्ण हो गया है। पहला यह कि बीजेपी को परास्त करने की मुहिम में जुटे जेडीयू को कर्नाटक विधानसभा के चुनाव परिणाम ने काफी आह्लादित किया है। दूसरा कि अगले ही साल लोकसभा के चुनाव होने हैं। भोज में करीब 35 हजार लोगों को आमंत्रित किया गया है। मुंगेर में एक साथ इतने लोगों का जुटान न सिर्फ ललन सिंह के लिए निजी स्तर पर लाभ पहुंचाएगा, बल्कि विपक्षी गोलबंदी के काम में जुटे नीतीश कुमार को भी इस जमावड़े से ताकत मिलेगी।

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मुंगेर के पोलो मैदान में बना पंडाल

मटन-पुलाव के भोज के इस बड़े आयोजन को लेकर तैयारियां कई दिनों से चल रही थीं। मुंगेर के पोलो मैदान में भव्य और बहुत बड़ा पंडाल बनाया गया है। पूरी तैयारी 35 हजार लोगों के शामिल होने को ध्यान में रख कर की गई है। रविवार सुबह से ही खाना बनाने की तैयारियां चल रही हैं। सैकड़ों खस्सी कट चुके हैं। प्याज-लहसुन और अदरक की गंध इलाके के लोगों के नथुने में समा रही है। जरूरत भर मटन के लिए खस्सी कम न पड़ जाएं, इसलिए बिहार के अलावा झारखंड से भी ट्रकों में भर कर खस्सी मंगाए गए हैं। यानी मटन और पुलाव की पुख्ता तैयारी हो चुकी है। शाकाहारी लोगों के लिए भी खास इंतजाम हैं। पनीर के अलावा कई तरह की सब्जियां बनाई जा रही हैं। आयोजन में जुटे जेडीयू कार्यकर्ता बताते हैं कि भोज की खासियत यह होगी कि ललन सिंह खुद सबको खाना परोसेंगे। हालांकि यह अतिशयोक्ति है। 35 हजार लोगों को एक आदमी के हाथ से खाना परोसना कोई आसान काम तो है नहीं।

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भोज नहीं, यह मिलन समारोह है

पहली बार ललन सिंह ने 2019 में मटन-पुलाव भोज की परंपरा की नींव डाली थी। तब उन्होंने कहा था कि हर साल भोज का यह कार्यक्रम होगा। उस वक्त जेडीयू एनडीए का हिस्सा था। इसलिए ललन सिंह के भोज में जेडीयू और बीजेपी समर्थक नेता-कार्यकर्ता ही शामिल हुए थे। कोरोना महामारी ने उसके बाद भोज के आयोजन का अवसर ही नहीं दिया था। तीन साल बाद इस बार भोज का मौका मिला है। हालांकि अब स्थितियां बदल गई हैं। बीजेपी की जगह अब आरजेडी और अन्य 6 दलों के कार्यकर्ता-समर्थक भोज में शामिल होंगे। इसे महागठबंधन का मिलन समारोह भी माना जा रहा है। मुंगेर और जमालपुर विधानसभा क्षेत्र के महागठबंधन कार्यकर्ताओं को भोज का निमंत्रण मिल चुका है।

पहले अप्रैल में ही होना था भोज

ललन सिंह की घोषणा के मुताबिक पहले अप्रैल में ही भोज का आयोजन होना था। विधान परिषद चुनाव के कारण इसे अगले महीने के लिए टाल दिया गया था। इस बीच कर्नाटक का चुनाव परिणाम भी विपक्षी दलों की अपेक्षा के अनुरूप आ गया। विपक्षी एकता के प्रयास में नीतीश कुमार के खुल कर उतर जाने के बाद इस भोज की उपयोगिता और बढ़ गई है। खाना बनाने के लिए बाहर से कैटरर बुलाए गए हैं।
रिपोर्ट- ओमप्रकाश अश्क

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