मिलावटखोरों पर शिकंजा: शुद्ध आहार मिलावट पर वार अभियान में 42 सैंपल फेल, 9 पर कोर्ट में चालान – Jhunjhunu News h3>
जिले में खाद्य पदार्थों में मिलावट के विरुद्ध चल रहे “शुद्ध आहार मिलावट पर वार” अभियान के तहत चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की खाद्य सुरक्षा इकाई ने मिलावटखोरों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
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1 जनवरी से 5 मई 2025 तक चलाए गए सघन जांच अभियान में जिलेभर से लिए गए 246 सैंपलों में से अब तक 145 की जांच रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है। चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से 42 सैंपलों में मिलावट की पुष्टि हुई है, जो यह दर्शाता है कि मिलावटखोर आमजन की सेहत से खिलवाड़ करने से बाज नहीं आ रहे हैं।
विभाग ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए 9 दोषी प्रतिष्ठानों के विरुद्ध एडीएम कोर्ट में चालान पेश कर दिया है और दंडात्मक कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
होली और ग्रीष्मकालीन अभियानों में पकड़ी गई मिलावट
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. छोटेलाल गुर्जर ने इस अभियान की जानकारी देते हुए बताया कि विभाग ने मिलावट के खिलाफ अपनी मुहिम को और तेज करते हुए दो विशेष अभियान भी चलाए थे। इनमें होली पर्व के दौरान 3 से 12 मार्च तक और ग्रीष्मकालीन विशेष अभियान 18 अप्रैल से 5 मई तक संचालित किए गए। इन विशेष अभियानों के तहत जिलेभर से मिठाई, मसाले, दूध उत्पाद, तेल, नमक और चावल जैसी दैनिक उपयोग की वस्तुओं के नमूने लिए गए। इन सभी सैंपलों को जांच के लिए जयपुर स्थित प्रयोगशाला भेजा गया था।
42 सैंपल निकले मिलावटी, कई प्रतिष्ठान पाए गए दोषी
प्रयोगशाला से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, कुल 42 सैंपल मानकों पर खरे नहीं उतरे। इनमें से 30 सैंपल अमानक पाए गए, जिसका अर्थ है कि वे निर्धारित गुणवत्ता के स्तर से नीचे थे। इसके अतिरिक्त, 9 सैंपलों में मिथ्याछाप (लेबल पर गलत जानकारी) पाई गई, जबकि 3 सैंपल असुरक्षित घोषित किए गए, जिसका सीधा मतलब है कि ये खाद्य पदार्थ खाने योग्य नहीं थे और लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकते थे।
विभाग ने इन मिलावटी उत्पाद बेचने वाले दोषी प्रतिष्ठानों की सूची भी सार्वजनिक की है, ताकि आमजन भी इनसे सतर्क रहें।
जांच में दोषी पाए गए कुछ प्रमुख प्रतिष्ठान
झुंझुनूं के विंध्यवासिनी किराना स्टोर का लूज हल्दी पावडर, अरविंद इंटरप्राइजेज की हेवमोर आइसकैंडी, खेतड़ी के बुद्धि प्रकाश किराना स्टोर का हरियाणा किंग घी, मंडावा के शर्मा ब्रदर्स का लूज मिर्च पाउडर, मां मनसा किराना का नींबू अचार, सनराइज सुपरमार्केट का चावल, शंकरलाल हरिराम का धनिया पावडर, उदयपुरवाटी के सैनी रेस्टोरेंट का गुलाब जामुन, और बालाजी रसगुल्ला भंडार का मिक्स मिल्क। इन प्रतिष्ठानों के उत्पादों में मिलावट या गुणवत्ता में गंभीर कमियां पाई गईं।
इसके अलावा, झुंझुनूं, चिड़ावा, खेतड़ी, सूरजगढ़, मलसीसर, अलसीसर, बुहाना आदि क्षेत्रों के कई अन्य प्रतिष्ठानों के मावा, पनीर, तिल का तेल, मैंगो ड्रिंक, घी, दही और नमक जैसे उत्पाद भी जांच में फेल पाए गए हैं।
डॉ. महेश कड़वासरा ने इस गंभीर मुद्दे पर आमजन से अपील की है कि वे बिना ब्रांड वाले और खुले में बिकने वाले खाद्य उत्पादों की खरीद से बचें। उन्होंने उपभोक्ताओं को सलाह दी कि किसी भी उत्पाद को खरीदते समय उसकी एक्सपायरी डेट, उसमें इस्तेमाल की गई सामग्री की पूरी जानकारी और निर्माता का विवरण अवश्य जांच लें।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी को खाद्य पदार्थों में मिलावट की सूचना मिलती है, तो वे तुरंत विभाग के कंट्रोल रूम नंबर 01592-232415 या स्वयं सीएमएचओ डॉ. गुर्जर के मोबाइल नंबर 9460371010 पर जानकारी दे सकते हैं।
डॉ. कड़वासरा ने बताया कि जिले में वर्तमान में तीन फूड सेफ्टी ऑफिसर तैनात हैं, जो नियमित रूप से विभिन्न खाद्य प्रतिष्ठानों से सैंपलिंग कर रहे हैं और मिलावट पाए जाने पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित कर रहे हैं।