मालखाने से माल उड़ाने वाले दरोगा को हाईकोर्ट से राहत: गोविंद नगर थाने से 41.30 लाख के कैश और जेवरात चोरी करने में दरोगा पर दर्ज हुई थी रिपोर्ट – Kanpur News h3>
कानपुर में गोविंदनगर थाने के मालखाने से 41.30 लाख के कैश व ज्वैलरी गायब करने वाले तत्कालीन हेड मोहर्रिर को हाईकोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए अरेस्टिंग स्टे दे दिया है। हेड मोहर्रिर ने कोर्ट में दलील दी है कि उसे पुलिस ने पक्ष रखने का मौका नहीं दिया। बिना
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सस्पेंशन के बाद पुलिस अरेस्टिंग के लिए कर रही थी तलाश
गोविंदनगर के मालखाने से 38.78 लाख कैश, 2.5 लाख से ज्यादा के जेवर मोबाइल और गंभीर धाराओं के मुकदमों से जुड़े साक्ष्य गायब होने का मामला सामने आया था। एक माह पूर्व मामले में गोविंदनगर इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार सिंह की तहरीर पर तत्कालीन मालखाना हेड मुहर्रिर दिनेश चंद्र तिवारी के खिलाफ थाने में गंभीर धाराओं में रिपोर्ट हुई थी। हेड मोहर्रिर दिनेश चंद्र तिवारी मौजूदा समय में दरोगा के पद पर लखनऊ में तैनात हैं। कमिश्नरेट पुलिस ने हेड क्वार्टर के नोटिस भेजने के बाद दरोगा दिनेश चंद्र तिवारी को निलंबित कर दिया था। आरोपित पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी। हालांकि पुलिस गिरफ्तार करती इससे पहले उसने हाईकोर्ट से स्टे ले लिया है। गोविंदनगर इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि मामले के आरोपित दिनेश चंद्र तिवारी ने हाईकोर्ट से स्टे लिया है। वह बयान दर्ज कराने के लिए आ सकते हैं।
अब आपको बताते हैं क्या था पूरा मामला
22 अगस्त 2020 से 17 अगस्त 2022 तक गोविंदनगर थाने में मालखाना मुहर्रिर दिनेश चंद्र तिवारी तैनात थे। उस दौरान हेड मुहर्रिर से एसआई के पद पर प्रमोशन हुआ तो वह लखनऊ चला गया। नया इंचार्ज दीवान अजय को बनाया गया। नियम के तहत नए मुहर्रिर को पुराने मुहर्रिर की मौजूदगी में मालखाने में रखे समस्त सामान की सूची सौंपी जाती है। ऐसे में उसे कई बार फोन कर और पत्र भेजकर बुलाया गया। इसके बावजूद वह नहीं आया। सख्त कार्रवाई की चेतावनी पर दिनेश थाने पहुंचा और छोटे माल मुकदमों की पोटली का चार्ज दिया।
जब उससे जुए की फड़ से बरामद 40 लाख रुपये और सट्टेबाजी में पकड़े 13 लाख रुपयों के साथ करीब 21 मुकदमों से जुड़े बड़े माल के बारे में पूछा गया तो वह पहले ना-नूकुर करने लगा। सख्ती पर माल मुकदमा दिए भी तो उसमें नकदी और जेवर समेत 41.30 लाख का माल गायब था। इसके साथ ही रेप-पॉक्सो जैसे मामलों के वैज्ञानिक साक्ष्यों की फाइलें भी गायब मिलीं।