महानगर अध्यक्ष से अजय शुक्ला क्यों हटाए गए जाने वजह: जिलाध्यक्ष पर फिर से जताया भरोसा, अजय शुक्ला की जगह दिनेश गुप्ता बने महानगर अध्यक्ष – Bareilly News

11
महानगर अध्यक्ष से अजय शुक्ला क्यों हटाए गए जाने वजह:  जिलाध्यक्ष पर फिर से जताया भरोसा, अजय शुक्ला की जगह दिनेश गुप्ता बने महानगर अध्यक्ष – Bareilly News

महानगर अध्यक्ष से अजय शुक्ला क्यों हटाए गए जाने वजह: जिलाध्यक्ष पर फिर से जताया भरोसा, अजय शुक्ला की जगह दिनेश गुप्ता बने महानगर अध्यक्ष – Bareilly News

मिर्जा अशफाक और दिनेश गुप्ता दद्दा

कांग्रेस ने गुरुवार को अपने जिलाध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष की सूची जारी की है। जिसमें मिर्जा अशफाक सकलैनी को दोबारा से जिलाध्यक्ष बनाया गया है जबकि महानगर अध्यक्ष अजय शुक्ला की जगह दिनेश गुप्ता दद्दा को मौका दिया गया है। इसके पीछे दिनेश दद्दा का पार्टी

.

प्रियंका गाँधी के साथ अजय शुक्ला

दिनेश गुप्ता “दद्दा” को पंडित नेहरू के लिए अनशन करने का मिला पार्टी की ओर से तोहफा

दरअसल पिछले साल पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की प्रतिमा को लगाने के लिए दिनेश गुप्ता ने 8 दिनों तक अनशन किया था। उनके साथ जिलाध्यक्ष मिर्जा अशफाक सकलैनी और प्रदेश प्रवक्ता डॉ केबी त्रिपाठी ने भी अनशन किया था। जबकि अजय शुक्ला ने अनशन से दूरी बनाकर रखी थी। तभी से अजय शुक्ला के बारे में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को सारी सूचनाएं दी जा रही थी।

बरेली में मिर्जा अशफाक फिर से बने कांग्रेस के जिलाध्यक्ष

भारतीय जनता पार्टी के बाद अब कांग्रेस ने भी अपने नेतृत्व को मजबूत करने और आगामी चुनौतियों के लिए तैयार रहने की दिशा में अपने जिलाध्यक्षों की सूची जारी करते हुए यह कदम उठाया है। खास तौर पर बरेली जिले में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने एक बार फिर मिर्ज़ा अशफाक सकलैनी पर अपना भरोसा जताया है। उन्हें दोबारा जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

बरेली में महानगर अध्यक्ष पद पर बदलाव

इसके साथ ही, बरेली में महानगर अध्यक्ष के पद पर बदलाव देखने को मिला है। दिनेश गुप्ता, जिन्हें स्थानीय स्तर पर “दद्दा” के नाम से जाना जाता है, को नया महानगर अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इस नियुक्ति के साथ ही अजय शुक्ला को महानगर अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया है। अजय शुक्ला के स्थान पर दिनेश गुप्ता की नियुक्ति को पार्टी के भीतर एक रणनीतिक बदलाव के रूप में देखा जा रहा है, जिसका मकसद स्थानीय स्तर पर संगठन को और मजबूत करना हो सकता है।

मिर्ज़ा अशफाक सकलैनी पर फिर से भरोसा

मिर्ज़ा अशफाक सकलैनी का दोबारा जिलाध्यक्ष

मिर्ज़ा अशफाक सकलैनी का दोबारा जिलाध्यक्ष बनाने का मतलब है कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को अशफाक सकलैनी पर भरोसा है। यही वजह है कि फिर से उन्हें जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली है। वहीं, दिनेश गुप्ता उर्फ “दद्दा” की नियुक्ति से महानगर क्षेत्र में नई ऊर्जा लाने की उम्मीद की जा रही है। उनकी स्थानीय स्तर पर अच्छी पहचान और सक्रियता को देखते हुए पार्टी ने उन्हें यह मौका दिया है।

अजय शुक्ला को हटाने के पीछे की रणनीति

दूसरी ओर, अजय शुक्ला को महानगर अध्यक्ष पद से हटाए जाने के पीछे के कारणों पर अभी स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा गया है। हालांकि, उनकी भाजपा नेताओं से नजदीकिया कुछ ज्यादा है। ये भी एक बड़ा कारण हो सकता है। राजनीतिक हलकों में इसे पार्टी के भीतर नए चेहरों को मौका देने और पुराने नेतृत्व को बदलने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। यह बदलाव कांग्रेस की उस कोशिश का हिस्सा माना जा सकता है, जिसमें वह उत्तर प्रदेश जैसे अहम राज्य में अपनी खोई हुई जमीन को वापस हासिल करना चाहती है।

कांग्रेस की नई रणनीति

कुल मिलाकर, कांग्रेस की इस नई सूची और बरेली में हुए बदलावों से यह संकेत मिलता है कि पार्टी संगठन को चुस्त-दुरुस्त करने और कार्यकर्ताओं में नया जोश भरने की कोशिश कर रही है।

उत्तर प्रदेश की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Uttar Pradesh News