महागठबंधन की ढीली पड़ती गांठ… क्या तेजस्वी के दबाव में स्वास्थ्य विभाग में तबादले का आदेश वापस लेना पड़ा ?

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महागठबंधन की ढीली पड़ती गांठ… क्या तेजस्वी के दबाव में स्वास्थ्य विभाग में तबादले का आदेश वापस लेना पड़ा ?

महागठबंधन की ढीली पड़ती गांठ… क्या तेजस्वी के दबाव में स्वास्थ्य विभाग में तबादले का आदेश वापस लेना पड़ा ?

पूर्णिया: बिहार के सियासी गलियारे में सीएम नीतीश कुमार को लेकर पिछले दो-तीन दिनों से तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। उनका अचानक राज्यपाल से मिलना, संयोगवश सुशील कुमार मोदी का उसी वक्त राजभवन पहुंचना और उसके बाद अपनी पार्टी जेडीयू के विधायकों-पार्षदों से वन टू वन मिलना चर्चाओं का केंद्र बना हुआ है। चर्चा हो रही है कि विपक्षी एकता मुहिम का अगुआ बनने से नीतीश के आधार वोट पर चोट पहुंच सकती है। वे एनडीए में लौटने की संभावना टटोल रहे हैं। आरजेडी का दबाव नीतीश कुमार पर इतना बढ़ गया है कि वे अब असहज महसूस करने लगे हैं। इन चर्चाओं का लोग आधार भी बता रहे हैं।

नीतीश को हो रहा गलती का एहसास

नीतीश कुमार को अब एहसास होने लगा है कि बीजेपी का साथ छोड़ कर उन्होंने फिर गलती कर दी है। पिछली बार महागठबंधन से अलग होने का उन्होंने कारण तेजस्वी के खिलाफ सीबीआई में दर्ज केस को बताया था। लेकिन सच यह था कि उन पर आरजेडी का दबाव बढ़ गया था। सरकार के हर फैसले में आरजेडी टांग अड़ाता था। नीतीश की असली अकुलाहट तब इसी वजह से अधिक थी। इसके बावजूद उन्होंने दोबारा महागठबंधन के साथ जाने की गलती कर दी। इस बार भी उनके सामने वही स्थिति पैदा हो गई है। उन्हें अपने ही फैसले पलटने पड़ रहे हैं। नीतीश को अब अपनी चूक का एहसास भी होने लगा है।

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स्वास्थ्य विभाग के तबादले रोकने पड़े

डेप्युटी सीएम तेजस्वी यादव के जिम्मे ही बिहार का स्वास्थ्य महकमा है। वे इन दिनों विदेश यात्रा पर हैं। उनकी गैरमौजूदगी में राज्य सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के 9 संवर्गों के 500 से अधिक कर्मियों का तबादला अचानक कर दिया। आश्चर्य तब हुआ कि 24 घंटे के अंदर तबादले का आदेश रद्द करना पड़ा। न सिर्फ फैसला रद्द करना पड़ा, बल्कि तबादले में नियमों की अनदेखी की बात कह कर जांच कमेटी भी बना दी गई है। स्वास्थ्य निदेशक राकेश चन्द्र सहाय वर्मा ने तबादला सूची शाम को जारी की थी। तबादले के फैसले को उनके ओएसडी ने अगली सुबह रद्द कर दिया। कहा गया कि जिनके तबादले हुए हैं, नियम के मुताबिक उनका ट्रांसफर किया ही नहीं जा सकता। अब इसकी जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाई गई है।

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तबादले रद्द होने जाने से अटकलें

तबादले का आदेश रद्द होने को तेजस्वी की नाराजगी से जोड़ कर देखा जा रहा है। चर्चा है कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच संबंध इस हद तक पहुंच चुके हैं कि नीतीश को दबाव में बैकफुट पर आना पड़ा है। दो दिन पहले 9 संवर्ग के 500 से अधिक कर्मचारियों का तबादला किया गया था। अब कहा जा रहा है कि इसमें नियमों की अनदेखी की गई थी। यह पता चलते ही अपर सचिव स्तर से तबादले के आदेश को रद्द कर दिया गया।
रिपोर्ट- ओमप्रकाश अश्क

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