मरने के बाद अंतिम संस्कार नहीं करने देना… करोड़पति बेटों की 87 साल की बुजुर्ग मां की कहानी जान रो देंगे
बारी-बारी से सबने दुत्कारा
अपने बेटों की बात करते-करते विद्या देवी की आंखों में आंसू छलक आते हैं। बूढ़ी मां कहती है, जब वह दूसरे बेटे के घर पर गई। तो उसने कुछ दिनों तक साथ रखा। मगर नाती को परेशानी होने लगी। उसने कहा कि कहीं और अपना ठिकाना देख ले, जब मैंने कहा कि इस हाल में कहां जाऊंगी, तो उसने कहा कि कहीं भी जाओ। यमुना में कूद जाओ या कहीं चली जाओ। इसके बाद परेशान होकर तीसरे बेटे के घर गई तो उसने एक घंटे भी अपने घर रखने से इनकार कर दिया। चौथे बेटे को भी मां पर दया नहीं आयी। उसने भी उसे अपने घर में जगह नहीं दी।
‘बहू कहती है आतंकवादी हो’
विद्या देवी पिछले 10 साल से इधर-उधर भटक रही हैं। वो जयपुर में अपनी बेटी के पास भी रहीं। फिर वो वृंदावन आश्रम चली गईं। वहां से उनकी बहन शशि गोयल रामलाल आश्रम में छोड़ गई है। विद्या देवी बताती हैं कि बहू और नाती भी उन्हें प्यार नहीं करते हैं। परिवार में करीब 35 लोग हैं, लेकिन उन्हें कोई भी आसरा नहीं दे रहा है। एक बहू को उनसे बदबू आती है तो दूसरी उन्हें आतंकवादी बताती है।
सीएम ऑफिस पहुंचा मामला
विद्या देवी का मामला सीएम ऑफिस पहुंच गया है। शनिवार को प्रशासनिक अधिकारियों की टीम रामलाल आश्रम पहंच गई। एसीएम चतुर्थ ऋषभ राव, नायाब तहसीलदार सुधीर गोस्वामी ने उनसे मुलाकात की। प्रशासनिक अधिकारियों ने बेटों को तलब कर उन्हें साथ रखने के लिए निर्देशित किया है, लेकिन विद्या देवी अब अपने बेटों के साथ रहने को तैयार नहीं है। उन्होंने कह यहां तक कह दिया है कि उनके मरने के बाद उनकी अंतिम दर्शन भी नहीं कराएं। आश्रम ही उनका परिवार है बस।