मध्य प्रदेश की सभी विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी समाजवादी पार्टी, अखिलेश की रणनीति समझिए h3>
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी अब भारतीय जनता पार्टी को मध्य प्रदेश में भी चुनौती देने की तैयारी में है। गुजरात में एक सीट पर मिली जीत के बाद समाजवादी पार्टी मध्य प्रदेश में भी अपना विस्तार करेगी। पार्टी ने मध्यप्रदेश की सभी सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। मध्यप्रदेश में 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं। शनिवार को पार्टी की तरफ से मध्य प्रदेश के सीधी में वृहद कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया गया। मध्य प्रदेश सपा के प्रदेश अध्यक्ष रामायण पटेल ने कहा कि पार्टी सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि सपा पूरी मजबूती से वहां तीसरा विकल्प बनकर भाजपा की नफरत की राजनीति खत्म करेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा भाईचारा खत्म कर रही है।
2003 में सपा को मिली थीं 7 सीटें
2003 में सपा को मध्य प्रदेश में सबसे बड़ी सफलता मिली थी। तब पार्टी 161 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, इसमें सपा को 7 सीटों पर जीत मिली थी। 2008 में सपा को एक सीट पर जीत मिली थी। 2018 में एक सीट पर सपा प्रत्याशी ने जीत हासिल की थी। पार्टी ने अब कहा है कि आगामी राज्य चुनावों के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी के एक प्रवक्ता का कहना है भाजपा की नफरत की राजनीति के विकल्प के रूप में उभरने के लिए पार्टी अपनी पूरी ताकत के साथ मध्य प्रदेश में चुनाव लड़ेगी। यह केवल हमारी समाजवादी विचारधारा है जो भाजपा की नफरत की राजनीति को समाप्त करेगी।
समाजवादी पार्टी को उत्तर प्रदेश के बाहर एक प्रमुख राजनीतिक ताकत के रूप में नहीं देखा जाता है। हालांकि, पार्टी ने हाल ही में गुजरात विधानसभा चुनावों में एक सीट जीती है। सपा की स्थापना 1992 में मुलायम सिंह यादव ने की थी। सितंबर में पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन में अखिलेश यादव ने सपा को राष्ट्रीय पार्टी बनाने का संकल्प लिया था।
किसानों को धोखा दे रही भाजपा
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार लगातार किसानों को धोखा दे रही है। भाजपा पिछले आठ सालों से किसानों की आय दोगुनी करने का झूठा वादा करती है। पहले कहा गया कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी कर देंगे, अब किसानों की आय दोगुनी करने के लिए फ्रांस की सरकार से समझौता हो रहा है। सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार जब से बनी है किसानों के दुर्दिन शुरू हो गए हैं। कर्जमाफी के नाम पर उन्हें बहकाया गया, सम्मान निधि देकर जबरन वसूली शुरू कर दी गई, बिजली बिल माफी का सपना दिखाकर वोट बटोरे गए पर कोई रियायत नहीं दी गई, उसको मुफ्त सिंचाई की सुविधा भी नहीं मिली।
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2003 में सपा को मिली थीं 7 सीटें
2003 में सपा को मध्य प्रदेश में सबसे बड़ी सफलता मिली थी। तब पार्टी 161 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, इसमें सपा को 7 सीटों पर जीत मिली थी। 2008 में सपा को एक सीट पर जीत मिली थी। 2018 में एक सीट पर सपा प्रत्याशी ने जीत हासिल की थी। पार्टी ने अब कहा है कि आगामी राज्य चुनावों के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी के एक प्रवक्ता का कहना है भाजपा की नफरत की राजनीति के विकल्प के रूप में उभरने के लिए पार्टी अपनी पूरी ताकत के साथ मध्य प्रदेश में चुनाव लड़ेगी। यह केवल हमारी समाजवादी विचारधारा है जो भाजपा की नफरत की राजनीति को समाप्त करेगी।
समाजवादी पार्टी को उत्तर प्रदेश के बाहर एक प्रमुख राजनीतिक ताकत के रूप में नहीं देखा जाता है। हालांकि, पार्टी ने हाल ही में गुजरात विधानसभा चुनावों में एक सीट जीती है। सपा की स्थापना 1992 में मुलायम सिंह यादव ने की थी। सितंबर में पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन में अखिलेश यादव ने सपा को राष्ट्रीय पार्टी बनाने का संकल्प लिया था।
किसानों को धोखा दे रही भाजपा
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार लगातार किसानों को धोखा दे रही है। भाजपा पिछले आठ सालों से किसानों की आय दोगुनी करने का झूठा वादा करती है। पहले कहा गया कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी कर देंगे, अब किसानों की आय दोगुनी करने के लिए फ्रांस की सरकार से समझौता हो रहा है। सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार जब से बनी है किसानों के दुर्दिन शुरू हो गए हैं। कर्जमाफी के नाम पर उन्हें बहकाया गया, सम्मान निधि देकर जबरन वसूली शुरू कर दी गई, बिजली बिल माफी का सपना दिखाकर वोट बटोरे गए पर कोई रियायत नहीं दी गई, उसको मुफ्त सिंचाई की सुविधा भी नहीं मिली।
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