मध्यप्रदेश : बैंकों में फंसा उद्यानिकी विकास | madhya pradesh : Horticulture development stuck in banks | Patrika News

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मध्यप्रदेश : बैंकों में फंसा उद्यानिकी विकास | madhya pradesh : Horticulture development stuck in banks | Patrika News


मध्यप्रदेश : बैंकों में फंसा उद्यानिकी विकास | madhya pradesh : Horticulture development stuck in banks | Patrika News

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू की गई पीएमएफएमइ (प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन) योजना बैंकों में फंसकर रह गई है। योजना के तहत आवेदन देने वाले हितग्राहियों को समय पर लोन नहीं मिल पा रहा है।

सतना. प्रदेश में 1884 प्रकरण बैंकों में लंबित हैं। इसमें से 87 प्रकरण एक से दो साल पुराने हैं। जिले के लंबित प्रकरणों की संख्या 33 है। स्व सहायता समूहों, लघु उद्यमियों को अपना खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापित करने के लिए पीएमएफएमइ योजना के तहत वित्तीय मदद की जाती है। इसके तहत सामान्य तौर पर डिब्बा बंद अचार, कैचअप, सॉज, डिब्बा बंद जूस बनाने का उद्योग स्थापित कर हितग्राही अपने पैरों पर खड़ा हो सकता है। साथ ही अन्य लोगों को रोजगार भी दे सकता है। इसके लिए शासन स्तर पर बैंकवार लक्ष्य जारी किए जाते हैं।

4660 इकाइयां स्थापित करने का लक्ष्य

मध्यप्रदेश में वित्तीय वर्ष में 4660 इकाइयां स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया था। प्रादेशिक समीक्षा में पाया गया कि बैंक स्तर पर 1253 प्रकरण 0 से 3 माह तक के प्रदेश में लंबित हैं। 3 से 12 माह तक के लंबित प्रकरणों की संख्या 544 है। 1 से 2 वर्ष तक के लंबित प्रकरणों की संख्या 87 पाई गई है।

वितरण की स्थिति भी सही नहीं

जो प्रकरण बैंकों में स्वीकृत भी हो गए हैं उनके वितरण की भी स्थिति सही नहीं है। स्वीकृत उपरांत 619 हितग्राहियों को वित्तीय सहायता नहीं मिल सकी है और वे बैंकों में चक्कर लगा रहे हैं। दूसरी ओर 3793 प्रकरण बैंकों ने अस्वीकृत कर दिए हैं। उद्यानिकी विभाग का कहना है कि कई प्रकरण तो इस आधार पर अस्वीकृत कर दिए जाते हैं कि हितग्राही लोन लेने के बाद ऋण चुकाने में सक्षम नहीं है।

सतना जिले की स्थिति

जिले में 0 से 3 माह तक के लंबित प्रकरणों की संख्या 15, 3 से 12 माह के लंबित प्रकरणों की संख्या 14 और एक से 2 साल तक के लंबित प्रकरणों की संख्या 4 है। 1 से 2 साल के लंबित 4 प्रकरणों में 3 प्रकरण जिला सहकारी बैंक में लंबित हैं तो एक प्रकरण आइसीआइसीआइ में लंबित है। कुल 33 प्रकरण लंबित हैं।

बैंकवार लंबित प्रकरण

8 प्रकरण मध्यांचल बैंक

6 प्रकरण इंडियन बैंक में

6 प्रकरण जिला सहकारी बैंक में

4 प्रकरण यूनियन बैंक में

3 प्रकरण आइसीआइसीआइ में

2 प्रकरण एसबीआई में

2 प्रकरण एचडीएफसी में

1 प्रकरण एयू स्माल फाइनेंस में

01 प्रकरण अन्य बैंक में

बैंकों को चेताया हैः कलेक्टर अनुराग वर्मा ने सतना के संदर्भ में बताया कि सभी बैंकर्स को डीएलसीसी बैठक में स्पष्ट चेताया गया है। अगर इसके बाद भी लक्ष्य पूर्ति में विलंब होगा तो बैंकों के वरिष्ठ कार्यालयों को लिखा जाएगा।

लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगाः एलडीएम एपी सिंह का कहना है कि बैंकर्स ज्यादातर प्रकरण निपटाते हैं। कुछ बैंकों में जरूर प्रकरण लंबित हैं। इस पर लगातार डीएलसीसी बैठक में उन्हें निर्देश दिया जा रहा है। सत्र पूरा होने तक ऋण वितरण पूरा कर लिया जाएगा। कुछ स्टाफ की कमी और अन्य कामकाज व अन्य योजनाओं में प्राथमिकता के कारण विलंब होता है।



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