मथुरा में बोरवेल में गिरा 3 साल का बच्चा, मौत: खेलते-खेलते बाल्टी पर चढ़ा, 20 मिनट तक 70 फीट अंदर फंसा तड़पता रहा – Mathura News h3>
मथुरा2 घंटे पहले
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यह तस्वीर रक्षित उर्फ भोला की है, जिसकी बोरवेल में गिरने से मौत हो गई।
मथुरा में सोमवार शाम को 3 साल के बच्चे रक्षित उर्फ भोला की बोरवेल में गिरने से मौत हो गई। 70 फीट गहरा बोरवेल उसी के घर में था और बाल्टी से ढका था। वह 20 मिनट तक अंदर ही फंसा तड़पता रहा।
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पता चलते ही गांव वालों ने बच्चे को बोरवेल से बाहर निकाला। उसे इलाज के लिए राया के राजेश्वरी अस्पताल ले जाया गया। वहां से डॉक्टरों ने मथुरा जिला अस्पताल रेफर कर दिया। लेकिन, रास्ते में ही रक्षित की मौत हो गई। मामला राया थाना क्षेत्र के तिरवाया गांव का है।
2 तस्वीरें देखिए
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बच्चे के गिरने की सूचना मिलते ही गांव वाले मौके पर पहुंच गए।
यही वह बोरवेल है, जिसमें बच्चा गिरा था।
5 साल पहले हुई थी बोरिंग तिरवाया गांव में रहने वाले अनूप सिंह खेती-किसानी करते हैं। उनकी 5 साल पहले शादी हुई थी। रक्षित उनका इकलौता बेटा था। उसके अलावा 2 साल की बेटी भी है, जिसका नाम वसुंधरा है।
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5 साल पहले ही अनूप ने अपने घर के आंगन में 70 फीट की बोरिंग कराई थी। करीब 3 साल बाद बोरिंग से खराब हो गई और उससे पानी निकलना बंद हो गया था। इसके बाद अनूप ने घर में ही दूसरी जगह नई बोरिंग करा ली थी। पुरानी बोरिंग को उन्होंने प्लास्टिक की बाल्टी से ढक कर छोड़ दिया था।
रक्षित सोमवार शाम 5.45 बजे अपने घर के आंगन में खेल रहा था। घरवाले घर के अंदर ही मौजूद थे। रक्षित खेलते हुए पुरानी बोरिंग वाली जगह पर चला गया। उसके बाद वह बाल्टी के ऊपर खड़ा हो गया। इससे बाल्टी टूट गई और वह सीधे बोरिंग में चला गया।
रोने की आवाज सुनकर परिजन को हुई जानकारी रक्षित करीब 20 मिनट तक अंदर फंसा रहा। इस बीच वह जोर-जोर से रोने-चिल्लाने लगा। उसकी आवाज सुनकर घरवाले बोरिंग के पास पहुंचे। झांककर देखा तो रक्षित के रोने की आवाज सुनाई दी। थोड़ी देर बाद उसकी आवाज आनी भी बंद हो गई। इस पर घरवालों ने शोर मचाया, तो आस-पास के लोग मौके पर जमा हो गए। फौरन राया पुलिस को सूचना दी गई।
हादसे के बाद अनूप सिंह के घर में लगी लोगों की भीड़।
रस्सी और हुक से बच्चे को बाहर निकाला गया थोड़ी ही देर में थाना प्रभारी अजय टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने गांववालों की मदद से रस्सी और हुक के जरिए बच्चे को बाहर निकाला। उसके बाद बच्चे को एम्बुलेंस से अस्पताल ले जाया गया। बच्चे की हालत गंभीर देखते हुए वहां से जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। घरवाले उसे अस्पताल लेकर जा ही रहे थे कि रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।
राया थाना प्रभारी अजय कौशल ने बताया कि यह रेस्क्यू ऑपरेशन सबसे जल्दी किया, लेकिन मासूम को बचा नहीं सके। फायर ब्रिगेड पहुंचने से पहले ही उसे निकाल लिया गया था।
घटना के बारे में जानकारी देते रक्षित के परिजन।
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यह तस्वीर रक्षित उर्फ भोला की है, जिसकी बोरवेल में गिरने से मौत हो गई।
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पता चलते ही गांव वालों ने बच्चे को बोरवेल से बाहर निकाला। उसे इलाज के लिए राया के राजेश्वरी अस्पताल ले जाया गया। वहां से डॉक्टरों ने मथुरा जिला अस्पताल रेफर कर दिया। लेकिन, रास्ते में ही रक्षित की मौत हो गई। मामला राया थाना क्षेत्र के तिरवाया गांव का है।
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बच्चे के गिरने की सूचना मिलते ही गांव वाले मौके पर पहुंच गए।
यही वह बोरवेल है, जिसमें बच्चा गिरा था।
5 साल पहले हुई थी बोरिंग तिरवाया गांव में रहने वाले अनूप सिंह खेती-किसानी करते हैं। उनकी 5 साल पहले शादी हुई थी। रक्षित उनका इकलौता बेटा था। उसके अलावा 2 साल की बेटी भी है, जिसका नाम वसुंधरा है।
5 साल पहले ही अनूप ने अपने घर के आंगन में 70 फीट की बोरिंग कराई थी। करीब 3 साल बाद बोरिंग से खराब हो गई और उससे पानी निकलना बंद हो गया था। इसके बाद अनूप ने घर में ही दूसरी जगह नई बोरिंग करा ली थी। पुरानी बोरिंग को उन्होंने प्लास्टिक की बाल्टी से ढक कर छोड़ दिया था।
रक्षित सोमवार शाम 5.45 बजे अपने घर के आंगन में खेल रहा था। घरवाले घर के अंदर ही मौजूद थे। रक्षित खेलते हुए पुरानी बोरिंग वाली जगह पर चला गया। उसके बाद वह बाल्टी के ऊपर खड़ा हो गया। इससे बाल्टी टूट गई और वह सीधे बोरिंग में चला गया।
रोने की आवाज सुनकर परिजन को हुई जानकारी रक्षित करीब 20 मिनट तक अंदर फंसा रहा। इस बीच वह जोर-जोर से रोने-चिल्लाने लगा। उसकी आवाज सुनकर घरवाले बोरिंग के पास पहुंचे। झांककर देखा तो रक्षित के रोने की आवाज सुनाई दी। थोड़ी देर बाद उसकी आवाज आनी भी बंद हो गई। इस पर घरवालों ने शोर मचाया, तो आस-पास के लोग मौके पर जमा हो गए। फौरन राया पुलिस को सूचना दी गई।
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रस्सी और हुक से बच्चे को बाहर निकाला गया थोड़ी ही देर में थाना प्रभारी अजय टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने गांववालों की मदद से रस्सी और हुक के जरिए बच्चे को बाहर निकाला। उसके बाद बच्चे को एम्बुलेंस से अस्पताल ले जाया गया। बच्चे की हालत गंभीर देखते हुए वहां से जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। घरवाले उसे अस्पताल लेकर जा ही रहे थे कि रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।
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