भोपाल में 4 पूर्व बैंक अधिकारियों को 3-3 साल कैद: 9 हजार की वसूली के लिए 50 हजार में नीलाम कर दी थी 3.50 एकड़ जमीन – Bhopal News

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भोपाल में 4 पूर्व बैंक अधिकारियों को 3-3 साल कैद:  9 हजार की वसूली के लिए 50 हजार में नीलाम कर दी थी 3.50 एकड़ जमीन – Bhopal News

भोपाल में 4 पूर्व बैंक अधिकारियों को 3-3 साल कैद: 9 हजार की वसूली के लिए 50 हजार में नीलाम कर दी थी 3.50 एकड़ जमीन – Bhopal News

भोपाल में विशेष न्यायालय ने शनिवार को जिला सहकारी एवं ग्रामीण विकास बैंक के 4 अधिकारियों और एक खरीदार को तीन-तीन साल की सजा सुनाई है। अधिकारियों ने 1.76 लाख रुपए कीमत की 3.50 एकड़ जमीन को नियम विरुद्ध तरीके से महज 50 हजार रुपए में बेच दिया था।

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विशेष लोक अभियोजक हेमलता कुशवाहा ने बताया-

विशेष न्यायाधीश मनोज कुमार सिंह की कोर्ट ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत फैसला सुनाया है। जिसमें दोषी अधिकारियों पर सजा के अतिरिक्त 2-2 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है।

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बता दें कि जिला सहकारी एवं ग्रामीण विकास बैंक के तत्कालीन विक्रय अधिकारी हरिहर प्रसाद मिश्रा, विजेंद्र कौशल, महाप्रबंधक अशोक कुमार मुखरईया, सहकारिता निरीक्षक एपीएस कुशवाहा और परमजीत बेदी को धारा 420 सहपठित धारा 120-बी भादवि 13-1(डी) सहपठित 13(2) पीसी एक्ट में दोषी करार दिया था।

पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार किया

ग्राम फतेहपुर डोगरा तहसील हुजूर जिला भोपाल की कृषक सायरा बानो की लगभग 3.50 एकड़ जमीन थी। जिसकी कीमत लगभग 1 लाख 76 हजार रुपए थी। जिसको आरोपियों ने षड्यंत्र पूर्वक 30 जून 2001 को परमजीत बेदी को महज 50 हजार रुपए में बेच दिया था।

किसान सायरा बानो ने कुएं और पंप के लिए वर्ष 1985-86 में 18 हजार रुपए का लोन लिया था। वर्ष 2000 से 2007 के मध्य कृषि भूमि की नीलामी कार्यवाही का सिलसिला कई वर्षों से चल रहा।

9 हजार की वसूली के लिए की नीलामी

कृषक का मात्र 9 हजार रुपए का भुगतान करना शेष रह गया था। अधिकारियों द्वारा कृषक को बताए बिना एवं विधिवत सूचना ना देकर बंधक भूमि को ऋण राशि न अदा करने पर उनकी भूमि बाजार मूल्य एवं कलेक्टर द्वारा निर्धारित मूल्य से अत्यधिक कम मूल्यों पर अवैधानिक रूप से नियम के विरुद्ध नीलामी कार्यवाही कर दी थी।

इस तरह आरोपियों ने धोखाधड़ी कर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए नीलामी संबंधित नोटशीट के कूटरचित दस्तावेज तैयार कर पुष्टि के लिए संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाएं भोपाल को भेजा गया। जहां उनके अवैधानिक रूप से नीलामी की पुष्टि आदेश पारित किया।

संयुक्‍त पंजीयक बीएस वस्‍केल की विचारण के दौरान मृत्‍यु हो गई थी। उक्त लिखित सूचना के आधार पर लोकायुक्त पुलिस ने जांच के बाद केस दर्ज किया था।

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