भेड़-बकरियों की तरह बैठाते हैं कोचिंग सेंटर में, हादसे में जख्मी हुए स्टूडेंट्स ने बयां किया वो खौफनाक मंज़र

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भेड़-बकरियों की तरह बैठाते हैं कोचिंग सेंटर में, हादसे में जख्मी हुए स्टूडेंट्स ने बयां किया वो खौफनाक मंज़र

भेड़-बकरियों की तरह बैठाते हैं कोचिंग सेंटर में, हादसे में जख्मी हुए स्टूडेंट्स ने बयां किया वो खौफनाक मंज़र

​बचाने की कोशिश में जख्मी हुए सुमित

बाड़ा हिंदूराव अस्पताल में भर्ती सुमित ने बताया कि वह शामली के रहने वाले हैं। वह अपने दूसरे कोचिंग सेंटर में थे। उनके दोस्त ने कॉल करके बताया कि ज्ञान बिल्डिंग में आग लग गई है। वह अपने कुछ दोस्तों के साथ दूसरी बिल्डिंग के सहारे आग वाली बिल्डिंग की छत पर पहुंचे और दरवाजा तोड़ने की कोशिश की। काफी मशक्कत के बाद बिल्डिंग में घुसे। कमरे में 10 से 15 लड़कियां बेहोश थीं। जिनमें से एक को उठाकर सीढ़ियों से उतरने की कोशिश की। लेकिन, वह लड़की के साथ नीचे गिर गए जिससे उन्हें चोट आई। सुमित ने कहा कि मुखर्जी नगर में स्टूडेंट्स को भेड़-बकरियों की तरह ठूंस-ठूंस कर कोचिंग सेंटर्स चल रहे हैं। यहां किसी भी कोचिंग सेंटर में फायर सेफ्टी के बंदोबस्त नहीं हैं। पुलिस को बिल्डिंग मालिक और कोचिंग संचालकों के खिलाफ सख्त एक्शन लेना चाहिए।

बिल्डिंग से लड़की को नीचे गिरते देखा

बिल्डिंग से लड़की को नीचे गिरते देखा

बाड़ा हिंदूराव अस्पताल में भर्ती आकाश ने बताया कि वह दोपहर में अपनी कोचिंग के लिए जा रहे थे। ज्ञान बिल्डिंग के पास पहुंचे तो देखा वहां से एक लड़की नीचे गिर गई है। इसी बीच कांच का एक टुकड़ा आकाश के ऊपर आकर गिरा जिससे वह घायल हो गए। वहीं, घटना में जख्मी लक्ष्य ढींगरा ने बताया कि धुएं से दम घुट रहा था। जब वह खिड़की की तरफ गए, तो वहीं पर साथी जमीन पर भी बैठे थे। जिन पर मेरा पैर भी पड़ गया था। उनको किसी तरह से उठाया और हिम्मत करके खिड़की की तरफ ले गया। हॉल में सभी एक-दूसरे को बाहर निकालने और खुद को सेफ करने की कोशिश कर रहे थे। यह मंजर वह जीवन में कभी नहीं भूल पाएंगे।

आग देखकर पुलिस को 3-4 बार कॉल लगाई

-3-4-

दोपहर 12:30 बजे के आसपास पानी की सप्लाई करने आया था। यहां हमने देखा कि आग लगी हुई है। पहले सोचा कि सामने किसी बिल्डिंग में आग लगी है। फिर स्कूटर खड़ा करके मौके पर पहुंचा। कई सारे बच्चों को केबल के सहारे नीचे उतरते हुए देखा। इसमें कुछ बच्चे फिसले भी हैं, जिन्हें चोट लगी। तार पकड़कर उतरे हैं, तो उनके हाथ जरूर छिल गए। पुलिस को 3-4 बार कॉल लगाई। वहां से जवाब मिला कि जल्द पुलिस पहुंच रही है। आधे-पौने घंटे में पुलिस और दमकल पहुंच गई। बिल्डिंग में आने और जाने का एक ही रास्ता है। यहां सीढ़ियों के पास मीटर में आग लगी। बिल्डिंग में 40-40 मीटर तक हैं। हर बिल्डिंग की यही स्थिति है। कल को किसी दूसरी बिल्डिंग में ऐसा हो सकता है। एक-एक क्लास में 100 से 500 बच्चे तक पढ़ाई करते हैं। -दीपक अरोड़ा, प्रत्यक्षदर्शी

​रद्दी की दुकान से गत्ते और गद्दे लाकर बिछाए

​रद्दी की दुकान से गत्ते और गद्दे लाकर बिछाए

जब आग लगी थी, तो उस समय हम पास में चाय पी रहे थे। तभी देखा कि बिल्डिंग से धुआं निकल रहा है। शुरू में लगा कि नॉर्मल आग होगी। मगर, जब देखा कि बच्चे खिड़की से निकल रहे हैं और कूदने को तैयार हैं, तब हमने इशारा किया कि बगल से वायर लटक रही है। इसे पकड़ो। तब धीरे-धीरे बच्चे उतरना शुरू हुए। कुछ बच्चे जल्दबाजी में उतरने लगे। यहां नीचे गद्दे और गत्ते देखने को मिल रहे हैं। रद्दी की दुकान से गत्ते और गद्दे लेकर नीचे बिछाए। इससे जो बच्चे ऊपर से गिरे उन्हें कम चोट आई। हमें लगता कि किसी तरह का शॉर्ट सर्किट हुआ होगा, जिससे आग लगी है। – जगदीप, प्रत्यक्षदर्शी

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