भाई से झगड़ते-झगड़ते बहन ने निगल लिया इतना बड़ा मोबाइल
मोबाइल निगलते ही लड़की के पेट में तेज दर्द शुरू हो गया था। इसके बाद वह उल्टी करने लगी। उसके परिवार ने लड़की की स्थिति को देखकर समय बर्बाद नहीं किया। उसे ग्वालियर स्थित जयारोग्य अस्पताल में ले गए। अस्पताल पहुंचने पर डॉ प्रशांत श्रीवास्तव, डॉ प्रशांत पिपरिया और डॉ नवीन कुशवाहा के नेतृत्व में कुशल डॉक्टरों की टीम हरकत में आई।
इसके बाद लड़की का अल्ट्रासाउंज, एक्स-रे और सीटी स्कैन सहित अन्य जांच शुरू की गई। एंडोस्कोपी या लैप्रोस्कोपी से फोन सुरक्षित नहीं निकाला जा सकता था। ऐसे में सर्जरी का फैसला किया। सर्जरी टीम ने लड़की के पेट से फोन को सुरक्षित निकालने के लिए लगभग दो घंटे तक अथक प्रयास किया है। डॉ कुशवाहा ने कहा कि चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में ऑपरेशन सफल रहा है। फोन को पेट से सही सलामत निकाल लिया गया है।
ऑपरेशन के दौरान लड़की को दस टांके लगे हैं। उसकी हालत स्थिर है। जल्द ही अस्पताल से छुट्टी मिलने की उम्मीद है। दो दशक से अधिक के अनुभव रखने वाले डॉ कुशवाहा ने इस अभूतपूर्व घटना पर आश्चर्य व्यक्त किया है। उन्होंने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा कि हमने अपने शानदार करियर में इस तरह की घटना का सामना नहीं किया था। उन्होंने छोटे बच्चों को स्मार्टफोन सौंपते समय सावधानी बरतने के महत्व पर जोर दिया है।
साथ ही माता-पिता से आग्रह किया है कि वे अपने बच्चे को ऐसे उपकरण प्रदान करने से पहले उनकी परिपक्वता और जिम्मेदारी पर विचार करें। सर्जिकल टीम को रेजिडेंट सर्जन डॉ अश्विनी पांडे और डॉ सुरेंद्र चौहान ने मदद की है। इनकी मदद से यह ऑपरेशन सफल हुआ है।
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