भजनलाल सरकार के एक्शन पर कर्मचारी संयुक्त महासंघ भड़का, गजेंद्र सिंह राठौड़ ने चेताया, जानें क्या है वजह h3>
Gajendra Singh Rathore Warned Bhajanlal Government : कर्मचारियों की लेटलतीफी पर लगाम के लिए मुख्य सचिव सुधांश पंत और प्रशासनिक सुधार विभाग के अधिकारी सरकारी कार्यालयों का लगातार औचक निरीक्षण कर रहे हैं। जिस पर कर्मचारी संगठनों ने एतराज जताना शुरू कर दिया है। अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत ने नाराजगी जताते हुए सरकार के तानाशाहीपूर्ण आदेशों की, एकजुटता के साथ खिलाफत की चेतावनी दी। साथ ही सरकार को सलाह दी। महासंघ एकीकृत के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा भजनलाल शर्मा सरकार की ओर से कार्यालय के औचक निरीक्षण के नाम पर अनुपस्थित अधिकारियों कर्मचारियों को बिना उचित कारण जाने निलंबित कर आतंक फैलाने का काम किया जा रहा है।
प्रशासनिक मुखिया की ओर से इस स्तर पर निरीक्षण करना गरिमा के अनुकूल नहीं है। साथ ही प्रशासनिक सुधार विभाग एवं विभागाध्यक्षों तथा कार्यालयाध्यक्षों पर भी अविश्वास प्रकट करता है। कर्मचारी सदैव कार्य पर आते हैं, पर परिस्थितिवश कुछ लोग कभी-कभी विलंबित भी हो जाते हैं।
भजनलाल सरकार को गजेंद्र सिंह राठौड़ की सलाह
महासंघ एकीकृत के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने सलाह दी है कि आफिस टाइम में भारी वाहनों का मुख्य मार्गों पर आना-जाना बंद करें और ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू बनाएं। ऑनलाइन हाजिरी पर राठौड़ ने बिफरते हुए कहा यह एक प्रकार से तानाशाही पूर्ण प्रयास है और अव्यवहारिक भी है, क्योंकि प्रत्येक कर्मचारी के पास एंड्रॉइड मोबाइल होना आवश्यक नहीं है। मोबाइल में नेट की समस्या आए दिन होती रहती है। सहायक कर्मचारी सहित अनेक ऐसे अधिकारी कर्मचारी आज भी है जिन्हें एंड्रॉयड फोन ठीक से चलाना नहीं आता।
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गजेंद्र सिंह राठौड़ ने सरकार को चेताया
गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा ई-फाइलिंग में भी अधिकांश अफसर, अधीनस्थों से ही काम करवा रहे हैं। तो फिर कर्मचारियों पर ही इस तरह से दबाव और तनाव क्यों डाला जा रहा है। प्रदेश सरकार को चार माह बीत गए पर कर्मचारियों की विभिन्न वेतन विसंगतियों और सेवा नियमों को सुधारने का कोई संकेत नहीं दिया है। वर्तमान में लागू पुरानी पेंशन प्रणाली पर अपना पक्ष स्पष्ट नहीं कर रही है। राठौड़ ने सरकार को चेताते हुए कहा, सरकार को कर्मचारियों इतना दमन नहीं करना चाहिए कि उन्हें एकजुट होकर इतिहास दोहराना पड़े।
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