भगवा वस्त्र, केसरिया साफा और मासूम चेहरा… 26 साल के योगी ने जब पहली बार संसद में रखा था कदम, चौंक गए थे तमाम सांसद h3>
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने राजनीतिक करियर का 25 साल पूरा कर लिया है। वर्ष 1998 में उन्होंने राजनीति में कदम रखा था। उस समय उनकी उम्र महज 26 साल थी। संसद भवन में भगवा कपड़ा पलने और भगवा साफा बांधे योगी आदित्यनाथ ने सांसद की शपथ ली थी। संसद भवन में जब वे पहली बार पहुंचे थे, उस समय भी चर्चा का विषय बने थे। सांसदों ने उनके बारे में पूछना शुरू किया था। भाजपा के फायरब्रांड नेता ने अपने कड़े तेवर का परिचय इसके बाद संसद में दिया और देश भर में अपनी हार्डलाइनर की छवि बनाई। इन 25 सालों के राजनीतिक सफर में गोरखपुर से पांच बार सांसद बनने के बाद उन्होंने लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने का कारनामा किया है। वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलने के बाद गोरखपुर से तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाया गया। पांच सालों के कार्यकाल के दौरान अपनी जननीतियों और बेहतर कानून व्यवस्था के जरिए योगी आदित्यनाथ ने करीब साढ़े तीन दशक बाद भाजपा को लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी कराने में बड़ी भूमिका निभाई।
कम उम्र में सांसद बनने का गौरव
सीएम योगी आदित्यनाथ का जन्म 8 जून 1972 को उत्तराखंड के छोटे से गांव में हुआ था। उन्होंने गढ़वाल यूनिवर्सिटी से गणित में बीएससी की पढ़ाई की। गोरखपुर के प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर के महंत हैं। गोरखनाथ मंदिर के पूर्व महंत अवैद्यनाथ के उत्तराधिकारी के तौर पर उन्हें जाना जाता है। हिंदू युवा वाहिनी के संस्थापक के तौर पर भी योगी आदित्यनाथ को जाना जाता है। योगी ने 1998 में पहली बार गोरखपुर का प्रतिनिधित्व किया।
योगी के गुरु अवैद्यनाथ में इस साल राजनीति से संन्यास लिया और योगी आदित्यनाथ को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। इसके बाद उनकी राजनीतिक पारी शुरू हुई। 1998 के बाद 1999, 2004, 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने गोरखपुर से लोकसभा सीट से चुनाव जीता। पहली बार 26 साल की उम्र में वे सांसद बने। तब उन्होंने सबसे कम उम्र का सांसद बनने का गौरव हासिल किए था।
संसद की आर्काइव में जारी हुई तस्वीर
सीएम योगी आदित्यनाथ की पहली बार सांसद बनने के बाद संसद भवन में लिए गए शपथ की तस्वीर पार्लियामेंट ऑफ इंडिया की आर्काइव से आई है। युवा योगी की तस्वीर ने लोगों को खासा प्रभावित किया है। योगी ने हिंदू युवा वाहिनी का गठन किया था और इसके जरिए उन्होंने धर्म परिवर्तन के खिलाफ भी मुहिम छेड़ी थी। 2007 के गोरखपुर दंगे में सीएम योगी को आरोपी बनाया गया था। गिरफ्तारी के बाद कोहराम भी मचा।
हालांकि, सीएम योगी ने तमाम बाधाओं को पार कर प्रदेश के मुख्यमंत्री तक का सफर तय किया है। अब उनके बुलडोजर मॉडल और कानून के शासन को लेकर लिए जाने वाले कड़े फैसलों की खूब चर्चा होती है।
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कम उम्र में सांसद बनने का गौरव
सीएम योगी आदित्यनाथ का जन्म 8 जून 1972 को उत्तराखंड के छोटे से गांव में हुआ था। उन्होंने गढ़वाल यूनिवर्सिटी से गणित में बीएससी की पढ़ाई की। गोरखपुर के प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर के महंत हैं। गोरखनाथ मंदिर के पूर्व महंत अवैद्यनाथ के उत्तराधिकारी के तौर पर उन्हें जाना जाता है। हिंदू युवा वाहिनी के संस्थापक के तौर पर भी योगी आदित्यनाथ को जाना जाता है। योगी ने 1998 में पहली बार गोरखपुर का प्रतिनिधित्व किया।
योगी के गुरु अवैद्यनाथ में इस साल राजनीति से संन्यास लिया और योगी आदित्यनाथ को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। इसके बाद उनकी राजनीतिक पारी शुरू हुई। 1998 के बाद 1999, 2004, 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने गोरखपुर से लोकसभा सीट से चुनाव जीता। पहली बार 26 साल की उम्र में वे सांसद बने। तब उन्होंने सबसे कम उम्र का सांसद बनने का गौरव हासिल किए था।
संसद की आर्काइव में जारी हुई तस्वीर
सीएम योगी आदित्यनाथ की पहली बार सांसद बनने के बाद संसद भवन में लिए गए शपथ की तस्वीर पार्लियामेंट ऑफ इंडिया की आर्काइव से आई है। युवा योगी की तस्वीर ने लोगों को खासा प्रभावित किया है। योगी ने हिंदू युवा वाहिनी का गठन किया था और इसके जरिए उन्होंने धर्म परिवर्तन के खिलाफ भी मुहिम छेड़ी थी। 2007 के गोरखपुर दंगे में सीएम योगी को आरोपी बनाया गया था। गिरफ्तारी के बाद कोहराम भी मचा।
हालांकि, सीएम योगी ने तमाम बाधाओं को पार कर प्रदेश के मुख्यमंत्री तक का सफर तय किया है। अब उनके बुलडोजर मॉडल और कानून के शासन को लेकर लिए जाने वाले कड़े फैसलों की खूब चर्चा होती है।
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