भगवा राष्ट्रध्वज की मांग, शिवाजी महाराज जैसा हो हिंदुओं का DNA, जानिए कौन हैं महाराष्ट्र के संभाजी भिड़े
मुंबई: महाराष्ट्र में संभाजी भिड़े का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। राज्य में लाखों की तादात में उनके अनुयायी और समर्थक हैं। कट्टर हिन्दुत्वादी छवि वाले संभाजी भिड़े अक्सर अपने बयानों की वजह से सुर्ख़ियों में रहते हैं। बीते महीने उन्होंने महात्मा गांधी और उनके माता- पिता को लेकर भी विवादित बयान दिया है। जिसकी वजह से पूरे राज्य में कांग्रेस ने उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही उनके खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की थी। इस मामले में भिड़े के खिलाफ मामला भी दर्ज हुआ है। बहरहाल, स्वतंत्रता दिवस पर भी संभाजी भिड़े और उनके समर्थकों ने सांगली जिले में भगवा रैली निकालकर तिरंगा यात्रा और तिरंगे का विरोध किया। भिड़े ने कहा कि देश का राष्ट्रध्वज तिरंगा नहीं बल्कि भगवा होना चाहिए। इस मुद्दे पर कांग्रेस के भिड़े और उनके समर्थकों की आलोचना की है। यह बात संभाजी भिड़े इसके पहले भी कह चुके हैं।
भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में भी 1 जनवरी, 2018 को संभाजी भिड़े और हिंदू एकता अघाड़ी के मिलिंद एकबोटे पर पुणे के पिंपरी पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया था। दोनों हिंदुत्ववादी नेताओं पर हिंसा भड़काने का आरोप लगा था। इस घटना की वजह से संभाजी भिड़े का नाम उस समय चर्चा में आया था। कुछ महीने पहले भी संभाजी भिड़े की एक बात चर्चा का केंद्र बनी थी। जब उन्होंने एक महिला पत्रकार से यह कह दिया था कि पहले बिंदी लगाओ फिर बात करूंगा। भारत माता कोई विधवा नहीं हैं।
कौन हैं संभाजी भिड़े?
नब्बे साल के संभाजी भिड़े महाराष्ट्र के सांगली जिले के रहने वाले हैं। वे महाराष्ट्र के शिव प्रतिष्ठान नाम के हिंदू संगठन प्रमुख भी हैं। संभाजी आरएसएस के बड़े कार्यकर्ता बाबाराव भिड़े के भतीजे हैं। वे खुद भी आरएसएस से जुड़े थे लेकिन बाद में विवाद होने पर उन्होंने सांगली में आरएसएस के समानांतर एक अलग संगठन तैयार किया। संभाजी ने 1984 में श्री शिव प्रतिष्ठान की स्थापना की। शिव प्रतिष्ठान संगठन की वेबसाइट के मुताबिक भिड़े का लक्ष्य हिंदुओं को शिवाजी और संभाजी के ब्लड ग्रुप का बनाना है।
पीएम भी कर चुके हैं तारीफ
प्रधानमंत्री बनने से पहले साल 2014 में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान नरेंद्र मोदी की मुलाकात संभाजी भिड़े से रायगढ़ किले पर हुई थी। इस दौरान मोदी ने मंच से संभाजी भिड़े की तारीफ की थी। उस समय मोदी ने कहा था कि मैं भिड़े गुरु जी का बहुत आभारी हूं क्योंकि उन्होंने मुझे निमंत्रण नहीं दिया बल्कि हुक्म दिया था। मैं भिड़े गुरु जी को बहुत सालों से जानता हूं और हम जब सामाजिक जीवन के लिए कार्य करने के संस्कार प्राप्त करते थे। तब हमारे सामने भिड़े गुरु जी का उदाहरण दिया जाता था। अगर कोई भिड़े गुरु जी को बस पर या ट्रेन के डिब्बे में मिल जाए तो वह कल्पना नहीं कर सकता कि ये कितने बड़े महापुरुष हैं, कितने बड़े तपस्वी हैं।
राजनीति की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – राजनीति
News
भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में भी 1 जनवरी, 2018 को संभाजी भिड़े और हिंदू एकता अघाड़ी के मिलिंद एकबोटे पर पुणे के पिंपरी पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया था। दोनों हिंदुत्ववादी नेताओं पर हिंसा भड़काने का आरोप लगा था। इस घटना की वजह से संभाजी भिड़े का नाम उस समय चर्चा में आया था। कुछ महीने पहले भी संभाजी भिड़े की एक बात चर्चा का केंद्र बनी थी। जब उन्होंने एक महिला पत्रकार से यह कह दिया था कि पहले बिंदी लगाओ फिर बात करूंगा। भारत माता कोई विधवा नहीं हैं।
कौन हैं संभाजी भिड़े?
नब्बे साल के संभाजी भिड़े महाराष्ट्र के सांगली जिले के रहने वाले हैं। वे महाराष्ट्र के शिव प्रतिष्ठान नाम के हिंदू संगठन प्रमुख भी हैं। संभाजी आरएसएस के बड़े कार्यकर्ता बाबाराव भिड़े के भतीजे हैं। वे खुद भी आरएसएस से जुड़े थे लेकिन बाद में विवाद होने पर उन्होंने सांगली में आरएसएस के समानांतर एक अलग संगठन तैयार किया। संभाजी ने 1984 में श्री शिव प्रतिष्ठान की स्थापना की। शिव प्रतिष्ठान संगठन की वेबसाइट के मुताबिक भिड़े का लक्ष्य हिंदुओं को शिवाजी और संभाजी के ब्लड ग्रुप का बनाना है।
पीएम भी कर चुके हैं तारीफ
प्रधानमंत्री बनने से पहले साल 2014 में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान नरेंद्र मोदी की मुलाकात संभाजी भिड़े से रायगढ़ किले पर हुई थी। इस दौरान मोदी ने मंच से संभाजी भिड़े की तारीफ की थी। उस समय मोदी ने कहा था कि मैं भिड़े गुरु जी का बहुत आभारी हूं क्योंकि उन्होंने मुझे निमंत्रण नहीं दिया बल्कि हुक्म दिया था। मैं भिड़े गुरु जी को बहुत सालों से जानता हूं और हम जब सामाजिक जीवन के लिए कार्य करने के संस्कार प्राप्त करते थे। तब हमारे सामने भिड़े गुरु जी का उदाहरण दिया जाता था। अगर कोई भिड़े गुरु जी को बस पर या ट्रेन के डिब्बे में मिल जाए तो वह कल्पना नहीं कर सकता कि ये कितने बड़े महापुरुष हैं, कितने बड़े तपस्वी हैं।
News