बैग, लैपटॉप… दिल्ली के रेलवे स्टेशनों पर इस साल 1.2 करोड़ के छूटे सामान
सबसे ज्यादा नई दिल्ली स्टेशन पर बरामद हुए सामान
2023 के आंकड़ों से पता चलता है कि अधिकांश सामान नई दिल्ली स्टेशन पर मिला जिसकी कीमत 30.8 लाख रुपये है। इसके बाद आनंद विहार में 16 लाख रुपये, सराय रोहिल्ला मे 15.7 लाख रुपये जबकि पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन में 13.8 लाख रुपये के सामान मिले। आंकड़ों के अनुसार, ‘पिछले साल नई दिल्ली में खोए हुए सामान की कीमत 32 लाख रुपये थी, इसी तरह आनंद विहार में 8.2 लाख रुपये, सराय रोहिल्ला में 6.2 लाख रुपये और पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन में 3.6 लाख रुपये के सामान मिले थे।’ इस साल हजरत निजामुद्दीन स्टेशन पर 13.2 लाख रुपये मूल्य के खोए हुए सामान मिले और बाकी स्टेशनों से खोए हुए सामान की कीमत 25 लाख रुपये से अधिक है।
जल्दबाजी के कारण छूटता है सामान
वरिष्ठ मंडलीय सुरक्षा आयुक्त (आरपीएफ) प्रियंका शर्मा ने कहा कि कई बार ट्रेन में चढ़ते या स्टेशन छोड़ते समय, यात्री इतने जल्दी में होते हैं कि वे अपना सामान नहीं ले जाते हैं। बाद में आरपीएफ की टीमों को गश्त के दौरान वे वस्तुएं हाथ लग जाती हैं। फिर उनके मालिकों का पता लगाने की कोशिश होती है। उन्होंने कहा, ‘हमारे पास एक हेल्पलाइन नंबर है जहां हम खोए-पाए सामान के कॉल प्राप्त करते हैं और उचित कार्रवाई की जाती है। हम खोए हुए सामान की तस्वीरें और विवरण भी अपलोड करते हैं।’ उन्होंने कहा कि आरपीएफ ने ‘ऑपरेशन अमानत’ के नाम से एक पहल शुरू की है जिसके जरिए यात्रियों को अपना खोया हुआ सामान वापस पाने में मदद मिलती है।
कुछ भूलने से छूटते हैं सामान तो कुछ की होती है चोरी
एक अन्य आरपीएफ अधिकारी ने कहा कि यात्रियों के सामान भूलने के अलावा, चोरी के मामले भी होते हैं। कई बार सामान लेकर भागते चोरों को आरपीएफ दबोच लेता है और सामान को सही मालिकों को सौंप दिया जाता है। आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि दिल्ली-एनसीआर के स्टेशनों पर खोए और मिले हुए सामानों के मामलों की संख्या में वृद्धि हुई है। 7 जून को एक महिला यात्री नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से यात्रा कर रही थी। तब उसका बैग चोरी हो गया था। महिला ने इसकी रिपोर्ट दर्ज करवाई। बाद में इसे आरपीएफ ने बरामद कर लिया। एक अधिकारी ने कहा, ‘बैग में 4.5 लाख रुपये से अधिक के सामान थे।’
पिछले साल मई में 49 वर्षीय एक शख्स की 10 लाख रुपये की कीमत की एक पेंटिंग खो गई। उन्होंने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ को इसकी जानकारी दी। उन्होंने उस पेंटिंग को ले जा रहे एक व्यक्ति को पकड़ लिया। अधिकारी ने कहा, ‘पूछताछ के दौरान उसने हमें बताया कि उसने सोचा था कि यह एक कैलेंडर है और वह इसे अपने घर ले जा रहा था। उचित कागजी-कार्रवाई के बाद इसे उसके मालिक को सौंप दिया गया।’