बेटियों को सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन गिफ्ट में दें: आगरा में यूपीकॉन 2025 का हुआ समापन, पब्लिक फोरम में किया अवेयर – Agra News

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बेटियों को सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन गिफ्ट में दें:  आगरा में यूपीकॉन 2025 का हुआ समापन, पब्लिक फोरम में किया अवेयर – Agra News

बेटियों को सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन गिफ्ट में दें: आगरा में यूपीकॉन 2025 का हुआ समापन, पब्लिक फोरम में किया अवेयर – Agra News

यूपीकॉन के अंतिम दिन डॉक्टरों को सम्मानित भी किया गया

आगरा में चल रही यूपीकॉन 2025 का रविवार को समापन हुआ। डॉक्टरों ने कहा कि 9-15 वर्ष के बीच अपनी बेटियों को सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन अवश्य लगवाएं। कम उम्र में सिर्फ दो डोज से काम चल जाता है और ज्यादा असरदार भी रहती है। घर में कामवाली को उपहार देने के ब

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यह रहे उपस्थित एके सिंह, डॉ. विशाल चौहान, डॉ. नरेन्द्र मल्होत्रा, डॉ. जयदीप मल्होत्रा, आयोजन समिति की डॉ. शिखा सिंह, डॉ. निधि गुप्ता, डॉ. मोहिता पैंगोरिया, सीमा सिंह, डॉ. पूनम यादव, डॉ. रचना अग्रवाल, डॉ. मीनल जैन, डॉ. उर्वशी, डॉ. अनु पाठक, डॉ. अभिलाषा यादव, डॉ. आकांक्षा गुप्ता, डॉ. रुचिका गर्ग, डॉ. सुमन, डॉ. सविता त्यागी, नीलम सिंह, नमिता शिरोमणी, दिव्या यादव, आशा, संगीता, सुमन आदि उपस्थित थीं।

आयोजन समिति के सदस्यों ने एक साथ फोटो खिंचवाई

फीटस और मदर मिल्क में भी घुल गया है प्लास्टिक प्लास्टिक प्रदूषण पर काम कर रही जनरल सर्जन डॉ. मीता कुलश्रेष्ठ ने कहा प्लास्टिक की खूबियां आज हमारे लिए अभिशाप बन गए हैं। कैंसर, डायबिटीज जैसी बीमारियां के लिए जिम्मेदार प्लास्टिक को आज हम खा रहे हैं, पी रहे हैं। माइक्रो और नेनो प्लास्टिक के रूप में किसी न किसी तरह हर रोज प्लास्टिक अपने अंदर ले रहे हैं। हमारे फेफड़ों, रक्त, त्वचा और शरीर के हर हिस्से में पहुंच चुका है। फीटस, मदर मिल्क में भी प्लासिट्क धुल गया है। लोगों में हार्मोन संतुलन और बच्चे के डीएनए तक को बदल रहा है फीटस में मौजूद माइक्रो प्लास्टिक। 30-35 की उम्र में मीनोपॉज होने का भी मुख्य कारण हार्मोनल असंतुलन है, जिसकी मुख्य वजह माइक्रो प्लास्टिक है। जिस फीटस में माइक्रो प्लास्टिक होगी उनमें अस्थमा या अन्य बच्चे का मानसिक विकास प्रभावित होता है। सावधानी के तौर पर सब्जियां अधिक खाएं, बाजार जाते समय अपना थैला और पीने का पानी साथ लेकर चले। प्लास्टिक बोतल में पानी और चाय का प्रयोग न करें। रॉक सॉल्ट के बजाय डेले वाला नमक का प्रयोग करें। सिन्थेटिक कपड़ों के बजाय कॉटन, सिल्क और लेनिन के कपड़ों के प्रयोग करें। नॉनस्टिक कुकवेयर के प्रयोग से बचें। घर में खाने का सामान विशेषकर खट्टी व ऑयली चीजें प्लास्टिक के बर्तन में न रखें।

आयोजन समिति के सदस्यों को किया सम्मानित एसएन मेडिकल कॉलेज के स्त्री व प्रसूति रोग विभाग व एओजीएस द्वारा आयोजित 36वां यूपीकॉन 2025 के समापन समारोह में आयोजन समिति के सदस्यों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित का गया। पद्मश्री डॉ. उषा शर्मा ने सफल कार्यशाला की सराहना करते हुए कहा हमारा उद्देश्य देश की हर महिला को बेहतर स्वास्थ प्रदान करना है। कार्यशाला से न सिर्फ डॉक्टरों को बल्कि देश व समाज को भी लाभ होगा। आयोजन समिति की अध्यक्ष डॉ. सरोज सिंह ने कहा कि सभी सदस्यों ने मिलकर आयोजन को सजाया और संवारा, इसके लिए बहुत बहुत बधाई। आयोजन समिति की सचिव डॉ. रिचा सिंह ने बताया कि कार्यशाला में देश भर से 800 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। लगभग 200 रिसर्च पेपर व पोस्टर प्रस्तुत किए गए।

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