बृजभूषण के खिलाफ एक हजार पेज की चार्जशीट, जानिए किस आरोप में कितनी मिल सकती है सजा h3>
एक नाबालिग पहलवान की शिकायत पर दर्ज पॉक्सो केस रद्द करने की सिफारिश करते हुए पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट में कैंसिलेशन रिपोर्ट दायर की। इसमें पुलिस ने कहा कि उसे पुख्ता सबूत नहीं मिले। इस रिपोर्ट पर अदालत 4 जुलाई को विचार करेगी। उधर छह पहलवानों के आरोपों में दाखिल चार्जशीट एक हजार से अधिक पन्नों की है। इसमें सबूत के तौर पर पीड़ितों के बयान के अलावा बजरंग पुनिया जैसे गवाहों के नाम भी हैं। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट दीपक कुमार ने इस चार्जशीट पर विचार करने के लिए 22 जून की तारीख तय की। दिल्ली पुलिस ने एक बयान में कहा, पॉक्सो केस में शिकायतकर्ता नाबालिग के पिता और खुद लड़की के बयानों के आधार पर मामले को रद्द करने का अनुरोध किया गया। कनॉट प्लेस थाने की पुलिस ने सात पहलवानों की शिकायत पर बृजभूषण के खिलाफ दो FIR दर्ज की थीं।
आरोप और उनमें मिलने वाली सजा
- छेड़छाड़ (IPC 354), सजा : एक साल कैद जिसे पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है।
- पीछा करना (IPC 354 D), सजा : पहली बार अपराध में तीन साल कैद। दोहराने पर पांच साल तक सजा।
- यौन उत्पीड़न (IPC 354A), सजा : तीन साल कैद या जुर्माना या दोनों
- अपराध के लिए उकसाना (IPC 109), सजा: उकसाने से हुए अपराध के लिए तय सजा से ही तय
- धमकाना (IPC 506), सजा: मामूली धमकी पर दो साल, गंभीर मामले में सात साल कैद।
कांग्रेस ने कहा, BJP का नारा ‘बेटी डराओ बृजभूषण बचाओ’
कांग्रेस ने पॉक्सो के तहत शिकायत रद्द करने की दिल्ली पुलिस की सिफारिश के बाद आरोप लगाया कि बीजेपी का नया नारा ‘बेटी डराओ बृजभूषण बचाओ’ है। पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, पॉक्सो के तहत मामले की शिकायत पर आरोपी को फौरन हिरासत में लिया जाता है लेकिन बृजभूषण शरण सिंह मीडिया में इंटरव्यू देकर मेडल को 15 रुपये का बताते हैं, रैलियों में शक्ति प्रदर्शन करते हैं। उनसे दिल्ली पुलिस 45 दिनों तक पूछताछ तक नहीं करती। यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद मामले में एफआईआर दर्ज हुई। साक्षी मलिक के पति पहलवान सत्यव्रत कादियान से जब आगे की कार्रवाई के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, हम इस पर बात कर रहे हैं। इसके बाद जानकारी देंगे।