बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में आए ये पांच नेता कितने हैं असरदार? h3>
दीपक जोशी हैं सबसे बड़ा चेहरा
पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी कुछ दिनों पहले बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए हैं। 2003 में देवास जिले की बागली से चुनाव जीते थे। उसके बाद साल 2008 और 2013 में हाट पिपल्या से जीतकर मंत्री बने। लेकिन 2018 में चुनाव हार गए। उसके बाद से उपेक्षा झेलने का आरोप लगाकर दीपक जोशी कांग्रेस में शामिल हो गए। ऐसे में बीजेपी के लिए अब बागली और हाट पिपल्या सीट में जीत की राह आसान नहीं है। साथ ही बीजेपी की छवि को इससे बड़ा नुकसान हुआ। दीपक जोशी के पिता का एमपी में बड़ा नाम रहा है। कांग्रेस में जाने के बाद दीपक जोशी सीधे सीएम शिवराज सिंह चौहान को चुनौती दे रहे हैं।
पूर्व बीजेपी विधायक के बेटे ने थामा कांग्रेस का हाथ
कैलाश जोशी के बाद पूर्व विधायक देशराज सिंह के बेटे यादवेंद्र सिंह यादव ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया। यादवेंद्र सिंह के पिता तीन बार मुंगावली सीट से विधायक रहे थे। ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में आने के बाद वह नाराज चल रहे थे। यह मुंगावली इलाके में बीजेपी को बड़ा झटका है। मुंगावली में यादवेंद्र सिंह की हैसियत बड़ी है। इसका फायदा कांग्रेस को मिल सकता है। इसके साथ ही पार्टी उन्हें विधानसभा चुनाव का टिकट थमा सकती है।
सिंधिया समर्थक ने भी बीजेपी का साथ छोड़ा
इसके साथ ही ज्योतिरादित्य सिंधिया के क्षेत्र में कांग्रेस ने एक और बड़ा झटका दिया है। सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में गए बैजनाथ सिंह यादव ने घर वापसी कर ली है। वह बीजेपी कार्यसमिति के सदस्य भी थे। कथित तौर पर कहा जाता है कि सिंधिया के साथ उनकी नहीं बन रही थी। इसलिए पाला बदल लिया। यह उस इलाके में ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए बड़ा झटका है।
पूर्व विधायक कुंवर ध्रुव प्रताप सिंह
कटनी में पूर्व विधायक कुंवर ध्रुव प्रताप सिंह ने भी बीजेपी छोड़ दिया है। ध्रुव प्रताप कटनी जिले की विजयराघवगढ़ विधानसभा से विधायक रह चुके हैं। उन्होंने अपने इस्तीफे में लिखा- पार्टी और संगठन अपने मूल सिद्धांतों से भटक चुके हैं, यही कारण से इस्तीफा दे रहा हूं।
राधेलाल बघेल ने भी बदला पाला
बीजेपी नेता और पूर्व विधायक राधेलाल बघेल ने भी कांग्रेस का दामन थाम लिया है। वह वर्ष 2008 में वे दतिया जिले की सेवढ़ा विधानसभा सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। 2013 में वे भारतीय जनता पार्टी के प्रदीप अग्रवाल से चुनाव हार गए थे। इसके बाद उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया था। 2018 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने मौजूदा विधायक प्रदीप अग्रवाल का टिकट काटकर राधेलाल बघेल को मैदान में उतारा था, लेकिन राधेलाल जीत नहीं पाए थे।
रिपेार्ट : दीपक राय
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दीपक जोशी हैं सबसे बड़ा चेहरा
पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी कुछ दिनों पहले बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए हैं। 2003 में देवास जिले की बागली से चुनाव जीते थे। उसके बाद साल 2008 और 2013 में हाट पिपल्या से जीतकर मंत्री बने। लेकिन 2018 में चुनाव हार गए। उसके बाद से उपेक्षा झेलने का आरोप लगाकर दीपक जोशी कांग्रेस में शामिल हो गए। ऐसे में बीजेपी के लिए अब बागली और हाट पिपल्या सीट में जीत की राह आसान नहीं है। साथ ही बीजेपी की छवि को इससे बड़ा नुकसान हुआ। दीपक जोशी के पिता का एमपी में बड़ा नाम रहा है। कांग्रेस में जाने के बाद दीपक जोशी सीधे सीएम शिवराज सिंह चौहान को चुनौती दे रहे हैं।
पूर्व बीजेपी विधायक के बेटे ने थामा कांग्रेस का हाथ
कैलाश जोशी के बाद पूर्व विधायक देशराज सिंह के बेटे यादवेंद्र सिंह यादव ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया। यादवेंद्र सिंह के पिता तीन बार मुंगावली सीट से विधायक रहे थे। ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में आने के बाद वह नाराज चल रहे थे। यह मुंगावली इलाके में बीजेपी को बड़ा झटका है। मुंगावली में यादवेंद्र सिंह की हैसियत बड़ी है। इसका फायदा कांग्रेस को मिल सकता है। इसके साथ ही पार्टी उन्हें विधानसभा चुनाव का टिकट थमा सकती है।
सिंधिया समर्थक ने भी बीजेपी का साथ छोड़ा
इसके साथ ही ज्योतिरादित्य सिंधिया के क्षेत्र में कांग्रेस ने एक और बड़ा झटका दिया है। सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में गए बैजनाथ सिंह यादव ने घर वापसी कर ली है। वह बीजेपी कार्यसमिति के सदस्य भी थे। कथित तौर पर कहा जाता है कि सिंधिया के साथ उनकी नहीं बन रही थी। इसलिए पाला बदल लिया। यह उस इलाके में ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए बड़ा झटका है।
पूर्व विधायक कुंवर ध्रुव प्रताप सिंह
कटनी में पूर्व विधायक कुंवर ध्रुव प्रताप सिंह ने भी बीजेपी छोड़ दिया है। ध्रुव प्रताप कटनी जिले की विजयराघवगढ़ विधानसभा से विधायक रह चुके हैं। उन्होंने अपने इस्तीफे में लिखा- पार्टी और संगठन अपने मूल सिद्धांतों से भटक चुके हैं, यही कारण से इस्तीफा दे रहा हूं।
राधेलाल बघेल ने भी बदला पाला
बीजेपी नेता और पूर्व विधायक राधेलाल बघेल ने भी कांग्रेस का दामन थाम लिया है। वह वर्ष 2008 में वे दतिया जिले की सेवढ़ा विधानसभा सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। 2013 में वे भारतीय जनता पार्टी के प्रदीप अग्रवाल से चुनाव हार गए थे। इसके बाद उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया था। 2018 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने मौजूदा विधायक प्रदीप अग्रवाल का टिकट काटकर राधेलाल बघेल को मैदान में उतारा था, लेकिन राधेलाल जीत नहीं पाए थे।
रिपेार्ट : दीपक राय